लखनऊः सीएम योगी ने पुराने रिकार्डों को तोड़ते हुए चार साल में गरीबों, मजलूमों और गंभीर रोगियों को एक हजार करोड़ रुपये दिए हैं. पूर्ववर्ती सपा सरकार के पांच साल के कार्यकाल में 42 हजार 508 लोगों को 552 करोड़ ही दिए गए थे. बसपा सरकार के पांच साल के कार्यकाल में यह मदद नाम मात्र ही लोगों को मिली. बसपा सरकार में 18 हजार 462 लोगों को 84 करोड़ रुपये दिए गए थे.
सीएम तत्काल लेते हैं निर्णय
सीएम योगी शुरू से ही गरीबों, मजलूमों, असहायों और गंभीर रोगियों की मदद में आगे रहे हैं. सांसद रहते हुए भी उनके द्वार हमेशा आम लोगों के लिए खुले रहते थे. सूबे में सत्ता में आने के बाद सीएम योगी ने प्रदेश में अब तक सबसे ज्यादा ऐसे लोगों की मदद की है, जिन्होंने पैसे के अभाव में अपनों के जीवन की आस छोड़ दी थी. सीएम योगी की मदद से ऐसे हजारों लोगों की न सिर्फ जान बची है, बल्कि उनके परिवारों के जमीन और जायदाद भी बिकने से बचे हैं.
पिछले वर्षों में की गई मदद
सीएम योगी ने, मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से वित्तीय वर्ष 2017-18 में 13 हजार 224 लोगों को 1 अरब 84 करोड़ 42 लाख 88 हजार 750 रुपये, वित्तीय वर्ष 2018-19 में 17 हजार 772 लोगों को 2 अरब 56 करोड़ 34 लाख 61 हजार 400 रुपये, वित्तीय वर्ष 2019-20 में 18 हजार 14 लोगों को 2 अरब 80 करोड़ 23 लाख 56 हजार 695 रुपये और वित्तीय वर्ष 2020-21 में 64 हजार 357 लोगों को 996 करोड़ रुपये दिए हैं. मुख्यमंत्री के विशेष सचिव विशाख ने बताया कि मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से मुख्यमंत्री की मंशा के अनुसार जरूरतमंद और गरीब पात्रों की मदद की जा रही है. इसमें किडनी प्रत्यारोपण, कैंसर, हृदय रोग और अन्य गंभीर बीमारियों में धनराशि तय समय में दी जाती है.
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किडनी और हृदय रोग के ईलाज के लिए दिए रुपये
सीएम योगी ने सबसे ज्यादा 25,425 कैंसर रोगियों को 394 करोड़ 22 लाख 24 हजार 711 रुपये, अन्य प्रकार के इलाज के लिए 21,755 रोगियों को 3 अरब 5 करोड़ 13 लाख 9 हजार 350 रुपये, किडनी के इलाज के लिए 9427 लोगों को 1 अरब 80 करोड़ 65 लाख 82 हजार 475 रुपये और हृदय रोग के इलाज के लिए 7019 लोगों को 68 करोड़ 35 लाख 69 हजार 400 रुपये दिए हैं.