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जिस अवैध होटल के जिम्मेदारों की CM ने मांगी रिपोर्ट, वहां एक साथ 7 लोगों की हुई थी मौत - लखनऊ हिंदी समाचार

राजधानी लखनऊ के नाका स्थित एक होटल में जून 2018 में आग लगने से 7 लोगों की मौत हो गई थी. यह होटल बिना मानचित्र व फायर एनओसी के संचालित हो रहा था. इसके अलावा अन्य मानकों के विपरीत होटल संचालित हो रहा था, लेकिन जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई नहीं हो सकी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अवैध होटल को संरक्षण देने वाले अभियंताओं और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पूरी रिपोर्ट लखनऊ विकास प्राधिकरण से मांगी है.

लखनऊ विकास प्राधिकरण
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Published : Jan 9, 2021, 9:50 AM IST

लखनऊ: नाका चारबाग के जिस विराट इंटरनेशनल होटल में हुई आग लगने की घटना में 7 लोगों की मौत हुई थी. अब उस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद बुलडोजर चलाकर ध्वस्त करने की कार्रवाई की जाएगी. एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अवैध होटल को संरक्षण देने वाले अभियंताओं और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पूरी रिपोर्ट लखनऊ विकास प्राधिकरण से मांगी थी. जिसके बाद अब एलडीए में मचे हड़कंप के बाद अब उस अवैध होटल को गिराने के लिए बुलडोजर चलाने का फैसला कर लिया गया है. कार्रवाई के लिए 12 जनवरी तारीख भी तय कर दी गई है.


संयुक्त सचिव व विहित प्राधिकारी ने दिया ध्वस्त करने का आदेश
लखनऊ विकास प्राधिकरण की संयुक्त सचिव व विहित प्राधिकारी ऋतु सुहास में नाका चारबाग के अवैध होटल को ध्वस्त करने के लिए 12 जनवरी की तारीख निर्धारित की है. वहीं दूसरी तरफ भले ही अभी इस अवैध होटल को बनाने और कई वर्षों तक अवैध रूप से संचालित होने में संरक्षण देने वाले जिम्मेदार अभियंता और अधिकारियों पर कार्रवाई ना हुई हो, लेकिन अब उस अवैध होटल को गिराने की कार्रवाई 12 जनवरी को जरूर होने वाली है.


जून 2018 में हुई थी सात लोगों की मौत

19 जून 2018 को नाका चारबाग के इस अवैध होटल में आग लगने के कारण 7 लोगों की मौत हो गई थी. बावजूद इसके लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारी लगातार इस पूरे मामले में लीपापोती करते रहे और जिम्मेदार अभियंताओं और अधिकारियों को बचाने का काम करते रहे. पिछले साल अपर पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण व एलडीए उपाध्यक्ष रहे प्रभु नारायण सिंह ने अभियंताओं और अधिकारियों को दोषी पाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन में रिपोर्ट भेजी. बावजूद इसके अभी तक किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो सकी थी.

सीएम की सख्ती के बाद जगी कार्रवाई की उम्मीद

एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पूरे मामले में नाराजगी जताई और साल 2012 से लेकर 2018 तक नाका चारबाग क्षेत्र में तैनात रहे अभियंता और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए उनके नाम मांग लिए हैं, जिसके बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण में हड़कंप मचा हुआ है. अब उस होटल को ध्वस्त करने की कार्रवाई किए जाने का आदेश कर दिया गया है. संयुक्त सचिव व विहित प्राधिकारी ऋतु सुहास अवैध होटल को ध्वस्त करने के लिए प्रवर्तन टीम और लखनऊ पुलिस को दिशा निर्देश दिए हैं.


भ्रष्टाचार करके बना अवैध होटल

चौंकाने वाली बात तो यह है कि नाका चारबाग जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्र में यह अवैध होटल अफसरों और अभियंताओं के संरक्षण में बनता चला गया. इसमें कई मंजिल तक निर्माण किया गया और कई साल तक अवैध रूप से संचालित होता रहा. यही नहीं इस होटल के खिलाफ कार्रवाई के लिए विहित प्राधिकारी के तरफ से नोटिस भी जारी की गई थी. इसे ध्वस्त करने के आदेश भी हुए थे, बावजूद इसके खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई. अभियंता मिलीभगत करके भ्रष्टाचार करते हुए इस अवैध होटल को संरक्षण देते चले गए. जब 2018 के जून महीने में आग लगी तो इस अवैध होटल ने 7 लोगों की जिंदगी समाप्त कर दी. उसके बाद से अब तक जिम्मेदारों पर कार्रवाई का इंतजार हो रहा है.

ढाई साल से दोषियों को बचाने का होता रहा है खेल

पिछले ढाई साल से इस पूरे मामले में लखनऊ विकास प्राधिकरण के स्तर पर दोषी व जिम्मेदार अभियंताओं, अधिकारियों को बचाने का खेल चलता रहा है. अब सीएम की नाराजगी और रिपोर्ट मांगी जाने के बाद अब उम्मीद है कि जल्द ही होटल में आग लगने और सात लोगों की मौत के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो सकेगी.

लखनऊ: नाका चारबाग के जिस विराट इंटरनेशनल होटल में हुई आग लगने की घटना में 7 लोगों की मौत हुई थी. अब उस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद बुलडोजर चलाकर ध्वस्त करने की कार्रवाई की जाएगी. एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अवैध होटल को संरक्षण देने वाले अभियंताओं और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पूरी रिपोर्ट लखनऊ विकास प्राधिकरण से मांगी थी. जिसके बाद अब एलडीए में मचे हड़कंप के बाद अब उस अवैध होटल को गिराने के लिए बुलडोजर चलाने का फैसला कर लिया गया है. कार्रवाई के लिए 12 जनवरी तारीख भी तय कर दी गई है.


संयुक्त सचिव व विहित प्राधिकारी ने दिया ध्वस्त करने का आदेश
लखनऊ विकास प्राधिकरण की संयुक्त सचिव व विहित प्राधिकारी ऋतु सुहास में नाका चारबाग के अवैध होटल को ध्वस्त करने के लिए 12 जनवरी की तारीख निर्धारित की है. वहीं दूसरी तरफ भले ही अभी इस अवैध होटल को बनाने और कई वर्षों तक अवैध रूप से संचालित होने में संरक्षण देने वाले जिम्मेदार अभियंता और अधिकारियों पर कार्रवाई ना हुई हो, लेकिन अब उस अवैध होटल को गिराने की कार्रवाई 12 जनवरी को जरूर होने वाली है.


जून 2018 में हुई थी सात लोगों की मौत

19 जून 2018 को नाका चारबाग के इस अवैध होटल में आग लगने के कारण 7 लोगों की मौत हो गई थी. बावजूद इसके लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारी लगातार इस पूरे मामले में लीपापोती करते रहे और जिम्मेदार अभियंताओं और अधिकारियों को बचाने का काम करते रहे. पिछले साल अपर पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण व एलडीए उपाध्यक्ष रहे प्रभु नारायण सिंह ने अभियंताओं और अधिकारियों को दोषी पाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन में रिपोर्ट भेजी. बावजूद इसके अभी तक किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो सकी थी.

सीएम की सख्ती के बाद जगी कार्रवाई की उम्मीद

एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पूरे मामले में नाराजगी जताई और साल 2012 से लेकर 2018 तक नाका चारबाग क्षेत्र में तैनात रहे अभियंता और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए उनके नाम मांग लिए हैं, जिसके बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण में हड़कंप मचा हुआ है. अब उस होटल को ध्वस्त करने की कार्रवाई किए जाने का आदेश कर दिया गया है. संयुक्त सचिव व विहित प्राधिकारी ऋतु सुहास अवैध होटल को ध्वस्त करने के लिए प्रवर्तन टीम और लखनऊ पुलिस को दिशा निर्देश दिए हैं.


भ्रष्टाचार करके बना अवैध होटल

चौंकाने वाली बात तो यह है कि नाका चारबाग जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्र में यह अवैध होटल अफसरों और अभियंताओं के संरक्षण में बनता चला गया. इसमें कई मंजिल तक निर्माण किया गया और कई साल तक अवैध रूप से संचालित होता रहा. यही नहीं इस होटल के खिलाफ कार्रवाई के लिए विहित प्राधिकारी के तरफ से नोटिस भी जारी की गई थी. इसे ध्वस्त करने के आदेश भी हुए थे, बावजूद इसके खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई. अभियंता मिलीभगत करके भ्रष्टाचार करते हुए इस अवैध होटल को संरक्षण देते चले गए. जब 2018 के जून महीने में आग लगी तो इस अवैध होटल ने 7 लोगों की जिंदगी समाप्त कर दी. उसके बाद से अब तक जिम्मेदारों पर कार्रवाई का इंतजार हो रहा है.

ढाई साल से दोषियों को बचाने का होता रहा है खेल

पिछले ढाई साल से इस पूरे मामले में लखनऊ विकास प्राधिकरण के स्तर पर दोषी व जिम्मेदार अभियंताओं, अधिकारियों को बचाने का खेल चलता रहा है. अब सीएम की नाराजगी और रिपोर्ट मांगी जाने के बाद अब उम्मीद है कि जल्द ही होटल में आग लगने और सात लोगों की मौत के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो सकेगी.

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