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तबादला नीति-2022-23 : अब एक ही शहर में सरकारी विभागों में कार्यरत पति-पत्नी करवा सकेंगे ट्रांसफर

सीएम योगी की कैबिनेट में सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए 2022-23 की तबादला नीति को मंजूरी मिल गई है. इस नीति से सरकारी कर्मचारियों को काफी फायदा होगा.

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Published : Jun 15, 2022, 10:40 PM IST

Updated : Jun 16, 2022, 9:11 AM IST

लखनऊ : योगी आदित्यनाथ सरकार ने उत्तर प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए 2022-23 की तबादला नीति को मंजूरी दे दी है. कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद बुधवार को प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने शासनादेश जारी कर दिया. जारी किए गए शासनादेश के अनुसार सरकारी सेवा में कार्यरत पति-पत्नी एक ही शहर में स्थानांतरित हो सकेंगे.

शासनादेश के अनुसार राज्य सरकार के समूह 'ग' व 'घ' के कर्मचारी पति-पत्नी दोनों सरकारी सेवा में हैं, तो उन्हें एक ही शहर व एक ही स्थान पर ट्रांसफर किया जा सकेगा. इससे पति-पत्नी कमर्चारियों को बड़ी राहत मिलेगी. इसके अलावा दो वर्ष में सेवानिवृत्त होने वाले समूह 'ग' के कमर्चारियों को उनके गृह जिले तथा समूह 'क' एवं 'ख' के कर्मचारियों को उनके गृह जनपद को छोड़कर इच्छा से किसी भी जनपद में ट्रांसफर करने पर प्राथमिकता से फैसला किया जा सकेगा.

सीएम योगी ने ट्वीट में लिखा कि मां भारती की सेवा के उपरांत अग्निवीरों को यूपी सरकार प्रदेश पुलिस एवं संबंधित अन्य सेवाओं में प्राथमिकता प्रदान करेगी. युवाओं के उन्नयन एवं उनके सुरक्षित भविष्य के लिए भाजपा की डबल इंजन की सरकार सतत समर्पित और पूरी तरह प्रतिबद्ध है.

  • माँ भारती की सेवा के उपरांत अग्निवीरों को @UPGovt प्रदेश पुलिस एवं संबंधित अन्य सेवाओं में प्राथमिकता प्रदान करेगी।

    युवाओं के उन्नयन एवं उनके सुरक्षित भविष्य के लिए भाजपा की डबल इंजन की सरकार सतत समर्पित व पूर्णतः प्रतिबद्ध है।

    जय हिंद!

    — Yogi Adityanath (@myogiadityanath) June 15, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">


मुख्य सचिव द्वारा जारी तबादला नीति के अंतर्गत जिलों में समूह 'क' व 'ख' के अधिकारी, जो एक ही जिले में 3 वर्ष व मंडल में 7 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके हैं. ऐसे कर्मचारियों का ट्रांसफर विभागाध्यक्ष के स्तर पर किया जा सकेगा. इसके अलावा विभागाध्यक्ष कार्यालयों में विभागाध्यक्ष को छोड़कर यदि समूह 'क' व 'ख' के अधिकारी समकक्ष पद पर मुख्यलाय से स्वीकृत हैं, तो 3 वर्ष की सेवा पूरी करने वाले उनके समकक्ष अधिकारियों को मुख्यालय से बाहर ट्रांसफर किया जाएगा.

समूह 'क', 'ख' के ट्रांसफर संवर्गवार कार्यरत अधिकारियों की संख्या के अधिकतम 20 फीसद की सीमा में शामिल किए जाएंगे. विशेष परिस्थितियों में 20 फीसद की सीमा से अधिक ट्रांसफर मुख्यमंत्री की मंजूरी से किए जा सकेंगे. जारी शासनादेश के अनुसार यदि किसी भी कर्मचारी ने ट्रांसफर रोकने या करने के लिए सिफारिश कराई, तो उसके खिलाफ सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली 1956 के नियम 27 के तहत कार्रवाई की जाएगी. ऐसी स्थिति में संबंधित कर्मचारी को निलंबित भी किया जा सकता है.

इसे पढ़ें- सीएम योगी बोले, लखनऊ के लोहिया व गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज की क्षमता बढ़ाएं

लखनऊ : योगी आदित्यनाथ सरकार ने उत्तर प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए 2022-23 की तबादला नीति को मंजूरी दे दी है. कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद बुधवार को प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने शासनादेश जारी कर दिया. जारी किए गए शासनादेश के अनुसार सरकारी सेवा में कार्यरत पति-पत्नी एक ही शहर में स्थानांतरित हो सकेंगे.

शासनादेश के अनुसार राज्य सरकार के समूह 'ग' व 'घ' के कर्मचारी पति-पत्नी दोनों सरकारी सेवा में हैं, तो उन्हें एक ही शहर व एक ही स्थान पर ट्रांसफर किया जा सकेगा. इससे पति-पत्नी कमर्चारियों को बड़ी राहत मिलेगी. इसके अलावा दो वर्ष में सेवानिवृत्त होने वाले समूह 'ग' के कमर्चारियों को उनके गृह जिले तथा समूह 'क' एवं 'ख' के कर्मचारियों को उनके गृह जनपद को छोड़कर इच्छा से किसी भी जनपद में ट्रांसफर करने पर प्राथमिकता से फैसला किया जा सकेगा.

सीएम योगी ने ट्वीट में लिखा कि मां भारती की सेवा के उपरांत अग्निवीरों को यूपी सरकार प्रदेश पुलिस एवं संबंधित अन्य सेवाओं में प्राथमिकता प्रदान करेगी. युवाओं के उन्नयन एवं उनके सुरक्षित भविष्य के लिए भाजपा की डबल इंजन की सरकार सतत समर्पित और पूरी तरह प्रतिबद्ध है.

  • माँ भारती की सेवा के उपरांत अग्निवीरों को @UPGovt प्रदेश पुलिस एवं संबंधित अन्य सेवाओं में प्राथमिकता प्रदान करेगी।

    युवाओं के उन्नयन एवं उनके सुरक्षित भविष्य के लिए भाजपा की डबल इंजन की सरकार सतत समर्पित व पूर्णतः प्रतिबद्ध है।

    जय हिंद!

    — Yogi Adityanath (@myogiadityanath) June 15, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">


मुख्य सचिव द्वारा जारी तबादला नीति के अंतर्गत जिलों में समूह 'क' व 'ख' के अधिकारी, जो एक ही जिले में 3 वर्ष व मंडल में 7 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके हैं. ऐसे कर्मचारियों का ट्रांसफर विभागाध्यक्ष के स्तर पर किया जा सकेगा. इसके अलावा विभागाध्यक्ष कार्यालयों में विभागाध्यक्ष को छोड़कर यदि समूह 'क' व 'ख' के अधिकारी समकक्ष पद पर मुख्यलाय से स्वीकृत हैं, तो 3 वर्ष की सेवा पूरी करने वाले उनके समकक्ष अधिकारियों को मुख्यालय से बाहर ट्रांसफर किया जाएगा.

समूह 'क', 'ख' के ट्रांसफर संवर्गवार कार्यरत अधिकारियों की संख्या के अधिकतम 20 फीसद की सीमा में शामिल किए जाएंगे. विशेष परिस्थितियों में 20 फीसद की सीमा से अधिक ट्रांसफर मुख्यमंत्री की मंजूरी से किए जा सकेंगे. जारी शासनादेश के अनुसार यदि किसी भी कर्मचारी ने ट्रांसफर रोकने या करने के लिए सिफारिश कराई, तो उसके खिलाफ सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली 1956 के नियम 27 के तहत कार्रवाई की जाएगी. ऐसी स्थिति में संबंधित कर्मचारी को निलंबित भी किया जा सकता है.

इसे पढ़ें- सीएम योगी बोले, लखनऊ के लोहिया व गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज की क्षमता बढ़ाएं

Last Updated : Jun 16, 2022, 9:11 AM IST
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