लखनऊ: चुनावी वर्ष में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत महिला शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए छुट्टियों का पिटारा खोला है. साल में कई ऐसे त्योहार और व्रत हैं, जिनके लिए अवकाश पहले से घोषित नहीं है. ये व्रत काफी कठिन माने जाते हैं. ऐसे में इन व्रत और त्योहार को ध्यान में रखते हुए महिला शिक्षकों व कर्मचारियों को इन विशेष अवसरों पर प्रार्थना पत्र के आधार पर अवकाश प्रदान करने का आदेश जारी किया गया है.
माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने इस संबंध में सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक, मंडलीय उप शिक्षा निदेशक माध्यमिक और प्रदेश के सभी जिला विद्यालय निरीक्षक को आदेश भेजा है. इस आदेश में कहा गया है कि व्रत के लिए अगर कोई भी महिला शिक्षक और कर्मचारी प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करता है तो विद्यालय प्रधानाचार्य उस पर उसका अवकाश मंजूर करेगा.
करवा चौथ पर मिलेगा अवकाशः माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश मंत्री डॉ. आरपी मिश्रा ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा निदेशक की ओर से 14 अगस्त को इस संबंध में सभी संबंधित अधिकारियों को आदेश प्रेषित किया गया है. अपने आदेश में उन्होंने करवा चौथ के दिन सभी महिला शिक्षकों को अवकाश प्रदान किया है. इसके अलावा कुछ और तीज और व्रत के लिए छुट्टी मंजूर की है.
इन त्योहारों पर छुट्टी के लिए करना होगा आवेदरः डॉ. मिश्रा ने बताया कि निदेशक ने इस आदेश में कहा है कि 8 दिसंबर 2022 के आदेश के अनुसार इस वर्ष भी शासन स्तर से घोषित अवकाश के आधार पर प्रदेश के सभी माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षण व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए 2023 की अवकाश तालिका में कुछ बदलाव किया है. माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने अपने आदेश में कहा है कि प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत विवाहित महिला शिक्षकों के लिए करवाचौथ का अवकाश रहेगा. इसके साथ ही क्षेत्र विशेष में हरितालिका तीज अथवा हरियाली तीज, संकठा चतुर्थी, हलपष्ठी/ ललई छठ, जिउतिया व्रत/ अहोई अष्टमी व्रत रखने वाली महिलाएं शिक्षकों को उनके प्रार्थना पत्र के आधार पर संबंधित विद्यालय के प्रधानाचार्य द्वारा अवकाश मंजूर किया जाएगा.