लखनऊः ईद-उल-अजहा (Eid al Adha) यानी बकरीद (Bakrid) का त्योहार प्रदेशभर में मनाई जा रही है. कोरोना महामारी की वजह से सामूहिक भीड़ से बचते हुए लोग बकरीद मना रहे है. इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार रमजान के दो महीने बाद कुर्बानी का पर्व बकरीद मनाया जाता है. इस त्योहार के उपलक्ष्य में सीएम योगी ने बधाई दी है. वहीं अखिलेश यादव, मायावती और डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने भी बकरीद की बधाई दी है.
सीएम ऑफिस ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, सीएम योगी ने ईद-उल-अजहा के पर्व पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है कि ईद-उल-अजहा का त्योहार सभी को मिल-जुल कर रहने और सामाजिक सद्भाव बनाए रखने की प्रेरणा प्रदान करता है.
वहीं पूर्व सीएम और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी ट्वीट करते हुए लिखा कि, समस्त देशवासियों को "ईद-उल-अज़हा" की मुबारकबाद!. मायावती ने ट्वीट करते हुए बकरीद की बधाई दी है. उन्होंने लिखा कि, ईद अल अजहा की सभी को दिली मुबारकबाद व शुभकामनाएं. सभी अपने स्वयं के परिवार एवं पड़ोसी की सुरक्षा व भलाई आदि के लिए भी जरूरी है कि कोरोना के नियमों का सही से पालन करते हुए बिना भीड़भाड़ के ईद मनाएं तो यह बेहतर होगा.
प्रदेश के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने भी बकरीद की बधाई दी है. उन्होंने लिखा कि, सभी प्रदेशवासियों को ईद-उल-अज़हा की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं. त्योहार के इस मुबारक मौके पर हम सब मिलकर अपने प्यारे मुल्क में प्रेम, भाईचारा और तरक्की के लिए दुआ करें.
क्यों मनाई जाती है बकरीद
बकरीद मनाने के पीछे मुसलमानों का मानना है कि पैगंबर इब्राहिम की कठिन परीक्षा ली गई थी. इसके लिए अल्लाह ने उनको अपने बेटे पैगम्बर इस्माइल की कुर्बानी देने को कहा था. इसके बाद इब्राहिम आदेश का पालन करने को तैयार हुए. वहीं बेटे की कुर्बानी से पहले ही अल्लाह ने उनके हाथ को रोक दिया. इसके बाद उन्हें एक जानवर जैसे भेड़ या मेमना की कुर्बानी करने को कहा गया. इस प्रकार उस दिन से लोग बकरीद को मनाते आ रहे हैं. इस दिन अपने प्रिय बकरे की कुर्बानी देने का भी रिवाज है.