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भोले-भाले किसानों के कंधे पर बंदूक रख कर राजनीति कर रहा विपक्ष: योगी

8 दिसंबर को कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया है. बंद को सभी प्रमुख विपक्षी दलों ने भी अपना समर्थन दिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कृषि कानूनों के विरोध करने पर हमला बोला है.

सीएम योगी
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Published : Dec 7, 2020, 6:11 PM IST

लखनऊ: नए कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर में चल रहे विरोध के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि कृषि बिल का विरोध करने से विपक्ष का दोहरा चरित्र उजागर हुआ है. विपक्ष वाले भोले-भाले किसानों के कंधों पर बंदूक रखकर राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं.

कांग्रेस, सपा, बसपा समेत अन्य पर हमला

सीएम योगी ने सोमवार को अचानक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जब व्यापक सुधारात्मक कदम उठाए हैं तो उसका ये लोग विरोध कर रहे हैं. यह दोहरा चरित्र देश कतई बर्दाश्त नहीं करेगा. खास तौर पर कांग्रेस जैसे राष्ट्रीय दल को यह शोभा नहीं देता है.

'पीएम मोदी ने उठाए कई महत्वपूर्ण कदम'

सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कृषि को तकनीक से जोड़ने और किसानों की समृद्धि के लिए एक राष्ट्र, एक बाजार की शुरुआत की. देश में पिछले छह वर्षों में अनेक क्रांतिकारी कदम उठाए गए हैं. पीएम कृषि सिंचाई योजना, फसल की लागत का डेढ़ गुना एमएसपी किए जाने से लेकर अन्य फैसले शामिल हैं. लेकिन देश के कुछ राजनीतिक दलों के द्वारा वातावरण खराब करने का प्रयास किया जा रहा है. इससे राजनीतिक दलों का दोहरा चरित्र उजागर हुआ है.

'तत्कालीन कृषि मंत्री शरद पवार ने राज्यों को लिखे थे पत्र'

सीएम योगी ने कहा कि कांग्रेस की यूपीए सरकार ने 2004 से 2014 तक शासन किया. इसमें बसपा, टीएमसी, लेफ्ट जैसे दल शामिल थे. शरद पवार ने कृषि मंत्री रहते एपीएमसी एक्ट को लागू किए जाने के लिए 2010-11 में पत्र लिखा था. ऐसा नहीं हो सकता कि मुखिया को जानकारी बगैर कृषि मंत्री ने राज्यों को पत्र लिखा हो. कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस व अन्य दल अपने वक्तव्यों से कैसे मुकर सकते हैं. भोले-भाले किसानों को बहला कर देश में माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है.


'पहले समर्थन किया अब विरोध कर रहे'

कांग्रेस एक्ट के अंदर संशोधन करने की समर्थक रही है. यही नहीं यूपीए सरकार या कांग्रेस और उसके सहयोगी दल भले ही किसानों को अपना हथियार बनाते रहे हों लेकिन किसानों के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने में हमेशा संकोच किए हैं. जब कृषि संबंधी सुधारों को मोदी जी के नेतृत्व में लागू किया गया तो अब विरोध क्यों ? कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी जैसे दलों ने एपीएमसी एक्ट लागू करने की वकालत की थी, जिसके तहत वन नेशन वन मंडी परिकल्पना को साकार किया जा सकता है.

'केजरीवाल सरकार तो नोटिफिकेशन भी जारी कर चुकी'

सीएम योगी ने कहा कि आज वही दल भोले-भाले किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर देश के अंदर अव्यवस्था और अराजकता फैलाने का प्रयास कर रहे हैं. यह राजनीति के दोहरे चरित्र को प्रदर्शित करता है. दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने एपीएमसी एक्ट का नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. लेकिन वह इसका विरोध कर रहे हैं. इससे जाहिर होता है कि सदन में कुछ होता है और किसानों के बीच पहुंचते हैं तो इनके वक्तव्य कुछ और हो जाते हैं.

विपक्ष देश की जनता से माफी मांगे

सभी राजनीतिक दलों के 2019 के घोषणा पत्र को देखा जाए तो उसमें भी उन्होंने एपीएमसी एक्ट का समर्थन किया है. आज जब प्रधानमंत्री मोदी ने यह कदम उठाया है तो लोग विरोध कर रहे हैं. अराजकता का माहौल बना रहे हैं. इन सभी राजनीतिक दलों को जनता के सामने माफी मांगनी चाहिए.

'कोरोना में किसानों के स्वास्थ्य की चिंता भी नहीं'

सीएम योगी ने कहा कि ऐसे मौके पर देश में अराजकता फैलाना ठीक नहीं है, जब देश कोरोना जैसी महामारी से लड़ रहा है. इन्हें (विपक्ष) किसानों के स्वास्थ्य की चिंता भी नहीं है. अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने में जुटे हैं. आज यह लोग भारत बंद का समर्थन करके अव्यवस्था और अराजकता फैलाने का माहौल पैदा करना चाहते हैं. देश की जनता इसका जवाब देगी.

सपा कांग्रेस के प्रदर्शन के बाद बोले योगी

कृषि कानूनों के विरोध में देशभर में किसान आंदोलित हैं. किसान संगठनों की आठ दिसंबर को भारत बंद की घोषणा से पूर्व सोमवार को प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस जैसे महत्वपूर्ण दलों के कार्यकर्ता, नेता सड़क पर उतर पड़े. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत अन्य बड़े नेताओं की गिरफ्तारी भी हुई है. प्रदेश में विपक्ष के इस तरह से आंदोलित होने के बाद सीएम योगी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके विपक्ष पर हमला बोला है.

भारत बंद से पहले सरकार तैयार

दूसरी तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो दिन पूर्व ही भारत बंद को लेकर सभी जिलों को पूरी तैयारी करने के निर्देश दिए हैं, ताकि किसी भी जिले में कोई अव्यवस्था न फैलने पाए. जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों को विशेष सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही किसान संगठनों और किसानों के साथ संवाद कायम करके उन्हें समझाने के प्रयास किए जाने के लिए भी सीएम योगी ने कह रखा है.

लखनऊ: नए कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर में चल रहे विरोध के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि कृषि बिल का विरोध करने से विपक्ष का दोहरा चरित्र उजागर हुआ है. विपक्ष वाले भोले-भाले किसानों के कंधों पर बंदूक रखकर राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं.

कांग्रेस, सपा, बसपा समेत अन्य पर हमला

सीएम योगी ने सोमवार को अचानक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जब व्यापक सुधारात्मक कदम उठाए हैं तो उसका ये लोग विरोध कर रहे हैं. यह दोहरा चरित्र देश कतई बर्दाश्त नहीं करेगा. खास तौर पर कांग्रेस जैसे राष्ट्रीय दल को यह शोभा नहीं देता है.

'पीएम मोदी ने उठाए कई महत्वपूर्ण कदम'

सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कृषि को तकनीक से जोड़ने और किसानों की समृद्धि के लिए एक राष्ट्र, एक बाजार की शुरुआत की. देश में पिछले छह वर्षों में अनेक क्रांतिकारी कदम उठाए गए हैं. पीएम कृषि सिंचाई योजना, फसल की लागत का डेढ़ गुना एमएसपी किए जाने से लेकर अन्य फैसले शामिल हैं. लेकिन देश के कुछ राजनीतिक दलों के द्वारा वातावरण खराब करने का प्रयास किया जा रहा है. इससे राजनीतिक दलों का दोहरा चरित्र उजागर हुआ है.

'तत्कालीन कृषि मंत्री शरद पवार ने राज्यों को लिखे थे पत्र'

सीएम योगी ने कहा कि कांग्रेस की यूपीए सरकार ने 2004 से 2014 तक शासन किया. इसमें बसपा, टीएमसी, लेफ्ट जैसे दल शामिल थे. शरद पवार ने कृषि मंत्री रहते एपीएमसी एक्ट को लागू किए जाने के लिए 2010-11 में पत्र लिखा था. ऐसा नहीं हो सकता कि मुखिया को जानकारी बगैर कृषि मंत्री ने राज्यों को पत्र लिखा हो. कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस व अन्य दल अपने वक्तव्यों से कैसे मुकर सकते हैं. भोले-भाले किसानों को बहला कर देश में माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है.


'पहले समर्थन किया अब विरोध कर रहे'

कांग्रेस एक्ट के अंदर संशोधन करने की समर्थक रही है. यही नहीं यूपीए सरकार या कांग्रेस और उसके सहयोगी दल भले ही किसानों को अपना हथियार बनाते रहे हों लेकिन किसानों के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने में हमेशा संकोच किए हैं. जब कृषि संबंधी सुधारों को मोदी जी के नेतृत्व में लागू किया गया तो अब विरोध क्यों ? कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी जैसे दलों ने एपीएमसी एक्ट लागू करने की वकालत की थी, जिसके तहत वन नेशन वन मंडी परिकल्पना को साकार किया जा सकता है.

'केजरीवाल सरकार तो नोटिफिकेशन भी जारी कर चुकी'

सीएम योगी ने कहा कि आज वही दल भोले-भाले किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर देश के अंदर अव्यवस्था और अराजकता फैलाने का प्रयास कर रहे हैं. यह राजनीति के दोहरे चरित्र को प्रदर्शित करता है. दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने एपीएमसी एक्ट का नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. लेकिन वह इसका विरोध कर रहे हैं. इससे जाहिर होता है कि सदन में कुछ होता है और किसानों के बीच पहुंचते हैं तो इनके वक्तव्य कुछ और हो जाते हैं.

विपक्ष देश की जनता से माफी मांगे

सभी राजनीतिक दलों के 2019 के घोषणा पत्र को देखा जाए तो उसमें भी उन्होंने एपीएमसी एक्ट का समर्थन किया है. आज जब प्रधानमंत्री मोदी ने यह कदम उठाया है तो लोग विरोध कर रहे हैं. अराजकता का माहौल बना रहे हैं. इन सभी राजनीतिक दलों को जनता के सामने माफी मांगनी चाहिए.

'कोरोना में किसानों के स्वास्थ्य की चिंता भी नहीं'

सीएम योगी ने कहा कि ऐसे मौके पर देश में अराजकता फैलाना ठीक नहीं है, जब देश कोरोना जैसी महामारी से लड़ रहा है. इन्हें (विपक्ष) किसानों के स्वास्थ्य की चिंता भी नहीं है. अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने में जुटे हैं. आज यह लोग भारत बंद का समर्थन करके अव्यवस्था और अराजकता फैलाने का माहौल पैदा करना चाहते हैं. देश की जनता इसका जवाब देगी.

सपा कांग्रेस के प्रदर्शन के बाद बोले योगी

कृषि कानूनों के विरोध में देशभर में किसान आंदोलित हैं. किसान संगठनों की आठ दिसंबर को भारत बंद की घोषणा से पूर्व सोमवार को प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस जैसे महत्वपूर्ण दलों के कार्यकर्ता, नेता सड़क पर उतर पड़े. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत अन्य बड़े नेताओं की गिरफ्तारी भी हुई है. प्रदेश में विपक्ष के इस तरह से आंदोलित होने के बाद सीएम योगी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके विपक्ष पर हमला बोला है.

भारत बंद से पहले सरकार तैयार

दूसरी तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो दिन पूर्व ही भारत बंद को लेकर सभी जिलों को पूरी तैयारी करने के निर्देश दिए हैं, ताकि किसी भी जिले में कोई अव्यवस्था न फैलने पाए. जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों को विशेष सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही किसान संगठनों और किसानों के साथ संवाद कायम करके उन्हें समझाने के प्रयास किए जाने के लिए भी सीएम योगी ने कह रखा है.

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