मिर्जापुर : एसटीएफ ने मिर्जापुर लालगंज थाना क्षेत्र के शिव गुलाम अतरैला टोल प्लाजा पर 4 दिन पहले छापेमारी कर 120 करोड़ रुपये टोल टैक्स चोरी का खुलासा किया था. इस मामले में एसटीएफ ने लालगंज कोतवाली मुकदमा दर्ज कराया था. अब तक चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. इसमें सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराने वाले इंजीनियर के साथ टोलकर्मी कर्मचारी है.
बताया गया कि राजस्थान के चित्तौड़गढ़ स्थित परसौली विछोली का रहने वाला आईटी सावन लाल टोल प्लाजा पर फास्ट टैग प्रणाली से जुड़े राजस्व घोटाले में सक्रिय भूमिका निभा रहा था जो अन्य आरोपियों के साथ मिलकर सरकार को बड़े पैमाने पर राजस्व का नुकसान पहुंचाया रहा था. साथ ही आलोक सिंह सॉफ्टवेयर डेवलपर का काम करता था जो 41 टोल प्लाजा पर अपने सॉफ्टवेयर दे रखा था. दोनों के साथ ही एसडीएम ने मैनेजर मनीष मिश्रा और कर्मचारी राजू कुमार को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
यह टोल प्लाजा देश के प्रमुख राजमार्गों में से एक पर स्थित है, जहां से दक्षिण भारत को पूर्वोत्तर राज्यों सहित नेपाल और भूटान तक भारी मालवाहक ट्रकों का आवागमन होता है. घोटाले की जांच के चलते टोल प्लाजा के कई कार्यालय खाली पड़े हैं. हालांकि बैरियर खोलने और फास्ट टैग की देखरेख करने वाले कर्मचारी अपने काम पर बने हुए हैं.
एनएचएआई के सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने बताया कि पूरे देश में 41 टोल प्लाजा पर घोटाला किया गया है. आरोपी NHAI द्वारा दिए गए सॉफ्टवेयर को हटा कर दूसरे सॉफ्टवेयर को इस्तेमाल करते थे. जिसकी जांच की जा रही है. एनएचएआई के खाते में पैसा नहीं जाता था जो इनके सॉफ्टवेयर के जरिए पैसा आता था वह अपने पास रख लेते थे.