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CM Yogi Adityanath ने बताईं योजनाएं लागू करने के पीछे की मंशा, बोले- वोट बैंक के लिए नहीं होतीं योजनाएं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) भाऊराव देवरस सेवा न्यास के महामना शिक्षण संस्थान बालिका प्रकल्प के भूमि पूजन कार्यक्रम में पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने सरकारी योजनाओं के महत्व के बारे में बताया.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
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Published : Feb 5, 2023, 4:20 PM IST

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार की योजनाएं वोट बैंक के लिए नहीं होती हैं. सरकार की योजनाओं की मंशा समाज के स्वावलंबन की होती है. समाज को स्वावलंबी बनाने के लिए डबल इंजन की सरकार प्रदेश में कई तरह की योजनाएं चला रही है. हमारी सरकार ने ऐसी कई स्कीम प्रारंभ की हैं जो छात्र-छात्राओं को आगे बढ़ाने में मदद कर सकती हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि बालिकाओं के लिए प्रदेश में कन्या सुमंगला योजना चालू की गई है. बालिका के जन्म लेने के समय यदि उसका रजिस्ट्रेशन हो गया तो उसके नाम पर उसके परिवार के पास सरकार की तरफ से एक निश्चित राशि पहुंच जाती है. अक्सर बालक और बालिकाओं के बीच में भेद किया जाता है, बालिका के साथ भेदभाव न हो इसके लिए हमने मिशन इंद्रधनुष शुरू किया है. इसके माध्यम से एक साल में सभी प्रकार के टीके बालिकाओं को लगें यह सुनिश्चित किया जाता है.

कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप की अपार संभावनाएं
सीएम योगी रविवार को भाऊराव देवरस सेवा न्यास के महामना शिक्षण संस्थान बालिका प्रकल्प के भूमि पूजन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने संत रविदास की 646वीं जयंती की बधाई दी. कहा कि बालक और बालिकाओं के लिए हमने अभ्युदय कोचिंग का शुभारंभ किया, जिससे बच्चों को फिजिकली और वर्चुअली फ्री में कोचिंग मिल रही है, जिसमें कम्पटीशन से निकले योग्य अभ्यर्थी पढ़ रहे हैं. इस बार यूपी लोकसेवा आयोग में 43 बच्चे ऐसे थे, जो अभ्युदय से जुड़े थे और उनका चयन हुआ.

हम गरीब बच्चों को टेबलेट और स्मार्टफोन भी दे रहे हैं. सीएम योगी ने कहा कि शिक्षण संस्थानों और समाज को जागरूक होना होगा. यूपी में कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप की अपार संभावनाएं हैं, हमें युवाओं को तैयार करना है. एमएसएमई यूपी का सबसे बड़ा बेस रखता है, यूपी के निर्यात को शासन ने थोड़ा प्रोत्साहन दिया और आज वह फिर से चलने लग गया. इस बार 1.60 लाख करोड़ रुपए का सालाना निर्यात यूपी से हुआ है.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री स्किल मिशन का चतुर्थ चरण प्रारम्भ होने जा रहा है, हमें अपने युवाओं को इसके लिए तैयार करना होगा. सारी योजनाओं को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाना अनिवार्य है ताकि डिग्री लेने के बाद युवाओं को यहां वहां भटकना ना पड़े.

गुलामी के कालखंड में हमारे स्वाभिमान को कुचला गया
सीएम योगी ने कहा कि भारत की परम्परा सदैव स्वावलंबन की रही है. इसके पीछे यहां का समाज रहा है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज की बात वास्तविकता है. पहले हमारे गांव और समाज आत्मनिर्भर थे. शासन पर उनकी निर्भरता न्यूनतम थी, जब समाज आगे चलेगा और सरकार उसके पीछे होगी तो समाज आत्मनिर्भर और स्वावलंबी होगा.

वहीं जब सरकार आगे और समाज पीछे होगा तो समाज परावलंबी बनेगा. सरकार से हर चीज के लिए उम्मीद करेगा. उन्होंने कहा कि गुलामी के कालखंड में हमारे गौरव के बोध को समाप्त करने के प्रयास किए गए. यही कारण था कि हमारे बड़े-बड़े आस्था और शिक्षण केंद्र तोड़े गए. भारतीय समाज खुद पर गौरव की अनुभूति न कर सके इसके लिए हमारे स्वाभिमान को कुचला गया.

उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव पहला ऐसा राष्ट्रीय पर्व है जिसे पूरे देश ने मनाया और उसके साथ जुड़ा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक आह्वान पर देश की 140 करोड़ की आबादी ने इस महोत्सव पर अपने-अपने घर पर तिरंगा लगाया और भारतीयता का एहसास दिलाया. यही भारतीयता का एहसास सदी की सबसे बड़ी महामारी कोविड के दौरान भी देखने को मिली, जब इतनी बड़ी आबादी ने टीमवर्क के रूप में कार्य किया, दुनिया का सबसे अच्छा कोरोना प्रबंधन का उदाहरण भारत ने दिया.

अनुशासन के साथ आगे बढ़ने की दी सलाह
सीएम योगी ने कहा कि सरकार और समाज जब अनुशासन के साथ आगे बढ़ता है तो परिणाम भी उसी रूप में सामने आते हैं. उदाहरण के रूप में आज दो महापुरुषों से जुड़े पवित्र संस्थान के भूमि पूजन के कार्यक्रम के साथ हम जुड़े हैं. पहले डॉ. भाऊराव देवरस, जो लखनऊ में रहकर छात्रसंघ की राजनीति में सक्रिय हुए और देश की आजादी के आंदोलन में अपना योगदान दिया. उसके उपरांत समाज के साथ जुड़कर उसके लिए काम किया, जो आज भी हमारा मार्गदर्शन करता है.

दूसरा नाम है भारत रत्न पंडित महामना मदन मोहन मालवीय का, जो स्वतंत्रा संग्राम सेनानी थे. वह आजादी के आंदोलन के दौरान न्यायालय जा कर क्रांतिकारियों की पैरवी भी करते थे. महामना मालवीय एक समाज सुधारक भी थे. पवित्र गंगा को रोकने का प्रयास जब हुआ तब उन्होंने गंगा महासभा के माध्यम से आवाज उठाई. उन्होंने भारतीय परंपरा के अनुसार एक स्वतंत्र भारत में कैसा भारत हमें चाहिए, उसके लिए कार्य किया और काशी हिंदू विश्वविद्यालय जैसा संस्थान प्रारम्भ किया.

शिक्षकों और विद्यार्थियों को किया सम्मानित
कार्यक्रम में सीएम योगी ने संस्थान के तीन शिक्षकों और 12वीं के बाद उच्च शिक्षा के लिए अपने पहले प्रयास में प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया. इस दौरान सीएम ने शिक्षकों को शॉल और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया. वहीं छात्र-छात्राओं को मेडल पहनाया. उसके बाद सीएम योगी ने प्रकल्प की प्रथम स्मारिका का विमोचन किया. महामना मदन मोहन मालवीय के जीवन पर आधारित इस स्मारिका में देश के मूर्धन्य विद्वानों के लेख हैं. न्यास की अर्धवार्षिक पत्रिका सेवा चेतना का भी सीएम योगी ने विमोचन किया.

ये भी पढ़ेंः स्‍पाइसजेट की फ्लाइट में यात्री ने पान थूका, पैंसेंजर ने ट्वीट करके की शिकायत

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार की योजनाएं वोट बैंक के लिए नहीं होती हैं. सरकार की योजनाओं की मंशा समाज के स्वावलंबन की होती है. समाज को स्वावलंबी बनाने के लिए डबल इंजन की सरकार प्रदेश में कई तरह की योजनाएं चला रही है. हमारी सरकार ने ऐसी कई स्कीम प्रारंभ की हैं जो छात्र-छात्राओं को आगे बढ़ाने में मदद कर सकती हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि बालिकाओं के लिए प्रदेश में कन्या सुमंगला योजना चालू की गई है. बालिका के जन्म लेने के समय यदि उसका रजिस्ट्रेशन हो गया तो उसके नाम पर उसके परिवार के पास सरकार की तरफ से एक निश्चित राशि पहुंच जाती है. अक्सर बालक और बालिकाओं के बीच में भेद किया जाता है, बालिका के साथ भेदभाव न हो इसके लिए हमने मिशन इंद्रधनुष शुरू किया है. इसके माध्यम से एक साल में सभी प्रकार के टीके बालिकाओं को लगें यह सुनिश्चित किया जाता है.

कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप की अपार संभावनाएं
सीएम योगी रविवार को भाऊराव देवरस सेवा न्यास के महामना शिक्षण संस्थान बालिका प्रकल्प के भूमि पूजन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने संत रविदास की 646वीं जयंती की बधाई दी. कहा कि बालक और बालिकाओं के लिए हमने अभ्युदय कोचिंग का शुभारंभ किया, जिससे बच्चों को फिजिकली और वर्चुअली फ्री में कोचिंग मिल रही है, जिसमें कम्पटीशन से निकले योग्य अभ्यर्थी पढ़ रहे हैं. इस बार यूपी लोकसेवा आयोग में 43 बच्चे ऐसे थे, जो अभ्युदय से जुड़े थे और उनका चयन हुआ.

हम गरीब बच्चों को टेबलेट और स्मार्टफोन भी दे रहे हैं. सीएम योगी ने कहा कि शिक्षण संस्थानों और समाज को जागरूक होना होगा. यूपी में कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप की अपार संभावनाएं हैं, हमें युवाओं को तैयार करना है. एमएसएमई यूपी का सबसे बड़ा बेस रखता है, यूपी के निर्यात को शासन ने थोड़ा प्रोत्साहन दिया और आज वह फिर से चलने लग गया. इस बार 1.60 लाख करोड़ रुपए का सालाना निर्यात यूपी से हुआ है.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री स्किल मिशन का चतुर्थ चरण प्रारम्भ होने जा रहा है, हमें अपने युवाओं को इसके लिए तैयार करना होगा. सारी योजनाओं को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाना अनिवार्य है ताकि डिग्री लेने के बाद युवाओं को यहां वहां भटकना ना पड़े.

गुलामी के कालखंड में हमारे स्वाभिमान को कुचला गया
सीएम योगी ने कहा कि भारत की परम्परा सदैव स्वावलंबन की रही है. इसके पीछे यहां का समाज रहा है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज की बात वास्तविकता है. पहले हमारे गांव और समाज आत्मनिर्भर थे. शासन पर उनकी निर्भरता न्यूनतम थी, जब समाज आगे चलेगा और सरकार उसके पीछे होगी तो समाज आत्मनिर्भर और स्वावलंबी होगा.

वहीं जब सरकार आगे और समाज पीछे होगा तो समाज परावलंबी बनेगा. सरकार से हर चीज के लिए उम्मीद करेगा. उन्होंने कहा कि गुलामी के कालखंड में हमारे गौरव के बोध को समाप्त करने के प्रयास किए गए. यही कारण था कि हमारे बड़े-बड़े आस्था और शिक्षण केंद्र तोड़े गए. भारतीय समाज खुद पर गौरव की अनुभूति न कर सके इसके लिए हमारे स्वाभिमान को कुचला गया.

उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव पहला ऐसा राष्ट्रीय पर्व है जिसे पूरे देश ने मनाया और उसके साथ जुड़ा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक आह्वान पर देश की 140 करोड़ की आबादी ने इस महोत्सव पर अपने-अपने घर पर तिरंगा लगाया और भारतीयता का एहसास दिलाया. यही भारतीयता का एहसास सदी की सबसे बड़ी महामारी कोविड के दौरान भी देखने को मिली, जब इतनी बड़ी आबादी ने टीमवर्क के रूप में कार्य किया, दुनिया का सबसे अच्छा कोरोना प्रबंधन का उदाहरण भारत ने दिया.

अनुशासन के साथ आगे बढ़ने की दी सलाह
सीएम योगी ने कहा कि सरकार और समाज जब अनुशासन के साथ आगे बढ़ता है तो परिणाम भी उसी रूप में सामने आते हैं. उदाहरण के रूप में आज दो महापुरुषों से जुड़े पवित्र संस्थान के भूमि पूजन के कार्यक्रम के साथ हम जुड़े हैं. पहले डॉ. भाऊराव देवरस, जो लखनऊ में रहकर छात्रसंघ की राजनीति में सक्रिय हुए और देश की आजादी के आंदोलन में अपना योगदान दिया. उसके उपरांत समाज के साथ जुड़कर उसके लिए काम किया, जो आज भी हमारा मार्गदर्शन करता है.

दूसरा नाम है भारत रत्न पंडित महामना मदन मोहन मालवीय का, जो स्वतंत्रा संग्राम सेनानी थे. वह आजादी के आंदोलन के दौरान न्यायालय जा कर क्रांतिकारियों की पैरवी भी करते थे. महामना मालवीय एक समाज सुधारक भी थे. पवित्र गंगा को रोकने का प्रयास जब हुआ तब उन्होंने गंगा महासभा के माध्यम से आवाज उठाई. उन्होंने भारतीय परंपरा के अनुसार एक स्वतंत्र भारत में कैसा भारत हमें चाहिए, उसके लिए कार्य किया और काशी हिंदू विश्वविद्यालय जैसा संस्थान प्रारम्भ किया.

शिक्षकों और विद्यार्थियों को किया सम्मानित
कार्यक्रम में सीएम योगी ने संस्थान के तीन शिक्षकों और 12वीं के बाद उच्च शिक्षा के लिए अपने पहले प्रयास में प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया. इस दौरान सीएम ने शिक्षकों को शॉल और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया. वहीं छात्र-छात्राओं को मेडल पहनाया. उसके बाद सीएम योगी ने प्रकल्प की प्रथम स्मारिका का विमोचन किया. महामना मदन मोहन मालवीय के जीवन पर आधारित इस स्मारिका में देश के मूर्धन्य विद्वानों के लेख हैं. न्यास की अर्धवार्षिक पत्रिका सेवा चेतना का भी सीएम योगी ने विमोचन किया.

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