लखनऊः शहर के बाहरी इलाकों में तेजी से अवैध कॉलोनियां बस रही हैं. किसान पथ, आउटर रिंग रोड के आसपास बिल्डर जमीनें खरीदकर जिस तेजी से अवैध तरीके से प्लॉटिंग कर रहे हैं. यहां अवैध निर्माण व बिना लेआउट पास टाउनशिप विकसित हो रही हैं. इन पर किसी का अंकुश नहीं है. लखनऊ विकास प्राधिकरण की सीमा से सटे इन इलाकों में धड़ल्ले से अवैध प्लॉटिंग का धंधा चल रहा है.
सीएम कार्यालय ने अवैध टाउनशिप की मांगी रिपोर्ट
मुख्यमंत्री कार्यालय वर्ष 2019 से लगातार शहर से सटे सभी क्षेत्रों में अवैध निर्माण, कब्जा व अवैध टाउनशिप की रिपोर्ट मांगी जा रही है. आज सीएम कार्यालय ने पत्र भेजकर नाराजगी भी जताई है. इसके पहले भी सीएम कार्यालय से पत्र के माध्यम से पूछा गया था कि अवैध निर्माण पर एलडीए की तरफ से अब तक क्या कार्रवाई की गयी, इसके लिए कौन अधिकारी व इंजीनियर दोषी हैं, लेकिन रिपोर्ट मांगे जाने के बाद भी एलडीए ने कोई जवाब नहीं दिया. अब एक बार फिर उपसचिव मनोज कुमार मौर्य ने लखनऊ विकास प्राधिकरण को पत्र लिखा है.
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इन इलाकों में अवैध प्लाटिंग का खेल
सीतापुर रोड, फैजाबाद रोड, सुलतानपुर रोड, हरदोई रोड और रायबरेली रोड पर बिल्डर किसानों से एग्रीकल्चर लैंड खरीदकर प्लॉटिंग करते हैं. रजिस्ट्रेशन करते समय बिजली, पानी, सीवेज, पार्क और सामुदायिक उपयोग के लिए व्यवस्था का वादा किया जाता है, लेकिन ये वादे कभी पूरे नहीं होते. जमीनें बेचकर बिल्डर फरार हो जाते हैं. बीते कुछ महीनों में सैकड़ों मामले सामने आ चुके हैं.
आउटर रिंग रोड के दायरे में आने वाली 85 ग्राम पंचायतों में कोई भी मकान बनाने के लिए नक्शा पास नहीं होता है. इससे साफ है कि इन इलाकों में लाखों रुपये खर्च कर खरीदी गई जमीन अवैध ही रहेगी. ऐसी जमीन पर हुए निर्माण को एलडीए कभी भी तोड़ सकता है.
आउटर रिंग रोड के आसपास भी चल रहा है अवैध निर्माण
आउटर रिंग रोड से सटे कुछ इलाकों में प्रॉपर्टी डीलर जिला पंचायत से नक्शा पास करवाने का दावा भी कर रहे हैं, लेकिन कुछ समय पहले ही एलडीए ने 197 गांवों में महायोजना-2031 का हवाला देकर बताया था कि जिला पंचायत से नक्शा पास नहीं कर सकता है. शासन ने लखनऊ विकास प्राधिकरण को दस बार रिमाइंडर भेजे हैं, लेकिन अभी तक कोई भी जवाब नहीं भेजा गया है.