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सीएम ने गोसंरक्षण केन्द्रों की व्यवस्था बेहतर रखने के दिए निर्देश

लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने गोसंरक्षण केन्द्रों की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के निर्देश दिए हैं. इन्हें गोआश्रय स्थल (cow shelter) में लाकर इनकी समुचित देखभाल की जाए.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
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Published : Nov 22, 2021, 10:56 PM IST

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोसंरक्षण केन्द्रों की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि निराश्रित गोवंश के संरक्षण के लिए राज्य सरकार ने सभी जनपदों में पर्याप्त संख्या में गोआश्रय स्थलों की व्यवस्था की है. सभी जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि कहीं भी गोवंश छुट्टा न घूमें. इन्हें गोआश्रय स्थल में लाकर इनकी समुचित देखभाल की जाए. पशुपालन विभाग छुट्टा जानवरों को गोसंरक्षण केन्द्रों में पहुंचाए. इसके लिए टीम गठित कर प्रभावी कार्रवाई की जाए.

मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि गोसंरक्षण केन्द्रों में पशुओं के चारे, पानी, सुरक्षा, साफ-सफाई आदि की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. पशुओं को ठंड से बचाने और स्वास्थ्य की देखभाल के पुख्ता इंतजाम किए जाएं. संरक्षण केन्द्रों में केयरटेकर तैनात रहें, जो इन पशुओं की देख-रेख करें.

राज्य सरकार का ‘मुख्यमंत्री निराश्रित बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना’ को लागू किया गया है. इस योजना के अन्तर्गत कोई भी इच्छुक किसान व पशुपालक निराश्रित गोवंश का पालन-पोषण करने के लिए अपने पास रख सकता है. कुपोषित बच्चों के लिए दूध की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु परिवार को उनकी इच्छा पर एक निराश्रित गोवंश दिए जाने की भी व्यवस्था की गयी है. इस योजना के अन्तर्गत गोवंश के पालन-पोषण के लिए लाभार्थी को 900 रुपये प्रतिमाह प्रति गोवंश प्रदान किए जाने का प्रावधान है.

इसे भी पढ़ेः एटा: गौ-संरक्षण केंद्र बना गोवंशों के लिए नर्क, मृत पड़े हैं गोवंश

प्रदेश में पोषण मिशन के अन्तर्गत 1,883 कुपोषित परिवारों को कुल 1,894 गोवंश और मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के अन्तर्गत 56,853 पशुपालकों को 1,03,714 गोवंश सुपुर्द कर लाभान्वित किया गया है. वर्तमान में प्रदेश में 5,384 गोसंरक्षण केन्द्रस्थल कार्यरत हैं, जिनमें 6,50,052 गोवंश संरक्षित किए गए हैं. पशुओं के भरण-पोषण हेतु पशुपालन विभाग ने उपलब्ध करायी गयी.

धनराशि से 8,66,348 कुन्तल भूसा खरीदा गया है, जबकि दान दाताओं ने 21,037 कुन्तल भूसा उपलब्ध कराया है. इस प्रकार प्रदेश में निराश्रित गोवंश के लिए 8,87,385 कुन्तल भूसे की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है. निराश्रित गोवंश के लिए चारे-भूसे की उपलब्धता बनी रहे, इस हेतु जनपदों में 3,548 भूसा बैंक स्थापित किए गए हैं.

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लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोसंरक्षण केन्द्रों की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि निराश्रित गोवंश के संरक्षण के लिए राज्य सरकार ने सभी जनपदों में पर्याप्त संख्या में गोआश्रय स्थलों की व्यवस्था की है. सभी जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि कहीं भी गोवंश छुट्टा न घूमें. इन्हें गोआश्रय स्थल में लाकर इनकी समुचित देखभाल की जाए. पशुपालन विभाग छुट्टा जानवरों को गोसंरक्षण केन्द्रों में पहुंचाए. इसके लिए टीम गठित कर प्रभावी कार्रवाई की जाए.

मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि गोसंरक्षण केन्द्रों में पशुओं के चारे, पानी, सुरक्षा, साफ-सफाई आदि की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. पशुओं को ठंड से बचाने और स्वास्थ्य की देखभाल के पुख्ता इंतजाम किए जाएं. संरक्षण केन्द्रों में केयरटेकर तैनात रहें, जो इन पशुओं की देख-रेख करें.

राज्य सरकार का ‘मुख्यमंत्री निराश्रित बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना’ को लागू किया गया है. इस योजना के अन्तर्गत कोई भी इच्छुक किसान व पशुपालक निराश्रित गोवंश का पालन-पोषण करने के लिए अपने पास रख सकता है. कुपोषित बच्चों के लिए दूध की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु परिवार को उनकी इच्छा पर एक निराश्रित गोवंश दिए जाने की भी व्यवस्था की गयी है. इस योजना के अन्तर्गत गोवंश के पालन-पोषण के लिए लाभार्थी को 900 रुपये प्रतिमाह प्रति गोवंश प्रदान किए जाने का प्रावधान है.

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प्रदेश में पोषण मिशन के अन्तर्गत 1,883 कुपोषित परिवारों को कुल 1,894 गोवंश और मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के अन्तर्गत 56,853 पशुपालकों को 1,03,714 गोवंश सुपुर्द कर लाभान्वित किया गया है. वर्तमान में प्रदेश में 5,384 गोसंरक्षण केन्द्रस्थल कार्यरत हैं, जिनमें 6,50,052 गोवंश संरक्षित किए गए हैं. पशुओं के भरण-पोषण हेतु पशुपालन विभाग ने उपलब्ध करायी गयी.

धनराशि से 8,66,348 कुन्तल भूसा खरीदा गया है, जबकि दान दाताओं ने 21,037 कुन्तल भूसा उपलब्ध कराया है. इस प्रकार प्रदेश में निराश्रित गोवंश के लिए 8,87,385 कुन्तल भूसे की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है. निराश्रित गोवंश के लिए चारे-भूसे की उपलब्धता बनी रहे, इस हेतु जनपदों में 3,548 भूसा बैंक स्थापित किए गए हैं.

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