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उतरेठिया के इस स्कूल का वीडियो वायरल होने के बाद चला सफाई अभियान

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने राजधानी लखनऊ के उतरेठिया स्थित प्राइमरी स्कूल की फोटो ट्वीट करके योगी सरकार पर हमला बोला था. बुधवार को ईटीवी भारत की टीम ने उस स्कूल का हाल जाना. इसकी स्थिति बद से बदतर है.

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Published : Dec 24, 2020, 12:29 PM IST

Updated : Dec 24, 2020, 1:03 PM IST

उतरेठिया स्थित प्राइमरी स्कूल
उतरेठिया स्थित प्राइमरी स्कूल

लखनऊ: यूपी में कड़ाके की ठंड के बीच प्रदेश के शिक्षा मॉडल को लेकर दिल्ली और यूपी सरकार के मंत्रियों के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है. बुधवार को ईटीवी भारत की टीम ने उतरेठिया के उस प्राइमरी स्कूल का हाल जाना जिसका वीडियो दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को ट्वीट कर योगी सरकार पर हमला बोला है. उस स्कूल की वर्तमान हालत बद से बदतर है. जर्जर भवन, लंबी-लंबी घास, बीच रास्ते पर पेड़ स्कूल की सूरत-ए-हाल बयां कर रहे हैं.

मनीष सिसोदिया ने किया था ट्वीट
उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद आम आदमी पार्टी चुनावी जंग के मैदान पर उतर आई है. इसी कड़ी में मंगलवार को राजधानी लखनऊ पहुंचे डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया लखनऊ के स्कूलों की तस्वीर दिखाने निकल पड़े, लेकिन पुलिस ने कोविड-19 प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए उन्हें रोक दिया. इसके बाद उन्होंने उतरेठिया स्थित एक प्राइमरी स्कूल का वीडियो जारी करते हुए ट्वीट किया कि 'योगी जी आप के स्कूलों का सच तो मैं दिखा कर रहूंगा. फिलहाल आपने पुलिस की घेराबंदी लगाकर लखनऊ के जिस स्कूल को देखने जाने से मुझे रोक रखा है उसे आप भी देख लीजिए. आपके दफ्तर से मात्र 8 किलोमीटर दूर है'.

जानकारी देते संवाददाता.

178 बच्चों पर तीन शिक्षक
बुधवार को ईटीवी भारत की टीम उतरेठिया स्थित प्राइमरी स्कूल में पहुंची तो मौके पर स्कूल इंचार्ज और एक शिक्षिका मौजूद थी. वह लोग स्कूल की साफ सफाई कराने में जुटे हुए थे. स्कूल इंचार्ज ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि विद्यालय में कुल 6 क्लास रूम हैं. करीब 3 से अधिक कमरे बुरी तरह टूट चुके हैं. इस विद्यालय में 178 बच्चे पढ़ते हैं. यहां 2 शिक्षक और एक शिक्षामित्र की नियुक्ति की गई है. इसके अलावा किसी भी कर्मचारी की तैनाती नहीं की गई है. प्राइमरी स्कूल का कायाकल्प लिस्ट में नाम भेजा गया है, लेकिन अभी नंबर नहीं आ पाया है.

स्कूल परिसर में मिली शराब की बोतलें और गंदगी
उतरेठिया के स्कूल परिसर में शराब की बोतलें, बियर के केन आदि चीजें देखने को मिलीं. इसके अलावा लंबी-लंबी घास, झाड़ीदार पेड़, गंदगी का अंबार देखने को मिला. जब इस बारे में स्कूल इंचार्ज से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कोविड के चलते मार्च से विद्यालय बंद चल रहा है. हालांकि ऑनलाइन क्लासों के लिए शिक्षक स्कूल आते हैं, लेकिन दोपहर में तीन बजे के बाद जब स्कूल बंद हो जाता है तो स्कूल की बाउंड्री छोटी होने के कारण अराजकतत्व स्कूल के अंदर आ जाते हैं. इसकी कई बार शिकायत की जा चुकी है, लेकिन अब तक समस्या का हल नहीं निकल सका है.

वीडियो वायरल होने के बाद स्कूल की कमियों को किया जा रहा दुरस्त
उतरेठिया के प्राइमरी स्कूल का डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के वीडियो वायरल होने के बाद से प्रदेश सरकार में हलचल का माहौल है. बुधवार को स्कूल परिसर की सुबह से ही साफ सफाई की जा रही थी. करीब 6 सफाई कर्मियों की टीम लगाकर घास, पेड़ को काटे जाने का काम चल रहा है. इसके अलावा स्कूल में पेंटिंग का काम भी होता नजर आया.

हालांकि इस मामले पर आसपास के कई लोगों से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन कैमरे के सामने न आने पर उन्होंने बताया कि सरकारी विद्यालयों की जर्जर हालत के कारण ही लोग अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में भेजते हैं. अगर सरकारी विद्यालयों में सुख सुविधा के साथ में अच्छी पढ़ाई हो तो कोई अधिक फीस भरकर प्राइवेट स्कूलों की तरफ कोई क्यों रुख करेगा.

लखनऊ: यूपी में कड़ाके की ठंड के बीच प्रदेश के शिक्षा मॉडल को लेकर दिल्ली और यूपी सरकार के मंत्रियों के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है. बुधवार को ईटीवी भारत की टीम ने उतरेठिया के उस प्राइमरी स्कूल का हाल जाना जिसका वीडियो दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को ट्वीट कर योगी सरकार पर हमला बोला है. उस स्कूल की वर्तमान हालत बद से बदतर है. जर्जर भवन, लंबी-लंबी घास, बीच रास्ते पर पेड़ स्कूल की सूरत-ए-हाल बयां कर रहे हैं.

मनीष सिसोदिया ने किया था ट्वीट
उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद आम आदमी पार्टी चुनावी जंग के मैदान पर उतर आई है. इसी कड़ी में मंगलवार को राजधानी लखनऊ पहुंचे डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया लखनऊ के स्कूलों की तस्वीर दिखाने निकल पड़े, लेकिन पुलिस ने कोविड-19 प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए उन्हें रोक दिया. इसके बाद उन्होंने उतरेठिया स्थित एक प्राइमरी स्कूल का वीडियो जारी करते हुए ट्वीट किया कि 'योगी जी आप के स्कूलों का सच तो मैं दिखा कर रहूंगा. फिलहाल आपने पुलिस की घेराबंदी लगाकर लखनऊ के जिस स्कूल को देखने जाने से मुझे रोक रखा है उसे आप भी देख लीजिए. आपके दफ्तर से मात्र 8 किलोमीटर दूर है'.

जानकारी देते संवाददाता.

178 बच्चों पर तीन शिक्षक
बुधवार को ईटीवी भारत की टीम उतरेठिया स्थित प्राइमरी स्कूल में पहुंची तो मौके पर स्कूल इंचार्ज और एक शिक्षिका मौजूद थी. वह लोग स्कूल की साफ सफाई कराने में जुटे हुए थे. स्कूल इंचार्ज ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि विद्यालय में कुल 6 क्लास रूम हैं. करीब 3 से अधिक कमरे बुरी तरह टूट चुके हैं. इस विद्यालय में 178 बच्चे पढ़ते हैं. यहां 2 शिक्षक और एक शिक्षामित्र की नियुक्ति की गई है. इसके अलावा किसी भी कर्मचारी की तैनाती नहीं की गई है. प्राइमरी स्कूल का कायाकल्प लिस्ट में नाम भेजा गया है, लेकिन अभी नंबर नहीं आ पाया है.

स्कूल परिसर में मिली शराब की बोतलें और गंदगी
उतरेठिया के स्कूल परिसर में शराब की बोतलें, बियर के केन आदि चीजें देखने को मिलीं. इसके अलावा लंबी-लंबी घास, झाड़ीदार पेड़, गंदगी का अंबार देखने को मिला. जब इस बारे में स्कूल इंचार्ज से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कोविड के चलते मार्च से विद्यालय बंद चल रहा है. हालांकि ऑनलाइन क्लासों के लिए शिक्षक स्कूल आते हैं, लेकिन दोपहर में तीन बजे के बाद जब स्कूल बंद हो जाता है तो स्कूल की बाउंड्री छोटी होने के कारण अराजकतत्व स्कूल के अंदर आ जाते हैं. इसकी कई बार शिकायत की जा चुकी है, लेकिन अब तक समस्या का हल नहीं निकल सका है.

वीडियो वायरल होने के बाद स्कूल की कमियों को किया जा रहा दुरस्त
उतरेठिया के प्राइमरी स्कूल का डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के वीडियो वायरल होने के बाद से प्रदेश सरकार में हलचल का माहौल है. बुधवार को स्कूल परिसर की सुबह से ही साफ सफाई की जा रही थी. करीब 6 सफाई कर्मियों की टीम लगाकर घास, पेड़ को काटे जाने का काम चल रहा है. इसके अलावा स्कूल में पेंटिंग का काम भी होता नजर आया.

हालांकि इस मामले पर आसपास के कई लोगों से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन कैमरे के सामने न आने पर उन्होंने बताया कि सरकारी विद्यालयों की जर्जर हालत के कारण ही लोग अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में भेजते हैं. अगर सरकारी विद्यालयों में सुख सुविधा के साथ में अच्छी पढ़ाई हो तो कोई अधिक फीस भरकर प्राइवेट स्कूलों की तरफ कोई क्यों रुख करेगा.

Last Updated : Dec 24, 2020, 1:03 PM IST
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