लखनऊ: शहर के अंदर जो इलेक्ट्रिक बसें संचालित हो रही हैं, उन्हें लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड संचालित करता है, लेकिन यह नगर बसें यात्रियों के लिए असमंजस का विषय बनी हुई हैं. दरअसल, इन बसों पर 'नगर विकास विभाग द्वारा संचालित' स्टीकर लगा हुआ है, जिससे यात्री यह समझ लेते हैं कि यह नगर विकास विभाग की स्टाफ बस है. ऐसे में लोग यात्रा करने से कतराते हैं. इसके चलते सिटी बस प्रबंधन को जितनी सवारियां सिटी बस में मिलनी चाहिए, उतनी नहीं मिल रही हैं. अब 'नगर विकास विभाग द्वारा संचालित' स्टीकर बसों से हटेगा और इसकी जगह सिर्फ इलेक्ट्रिक नगर बस लगेगा.
नगर विकास मंत्री ने दिए निर्देश
लखनऊ शहर में कुल 220 से ज्यादा सिटी बसों का संचालन होता है. इनमें से 40 इलेक्ट्रिक बसें चलती हैं. इलेक्ट्रिक बसें नगर विकास विभाग की तरफ से सिटी बस प्रबंधन को सौंपी गई हैं. इन बसों पर एक स्टीकर लगा है, जिस पर लिखा है 'नगर विकास विभाग द्वारा संचालित'. यही स्टीकर यात्रियों में भ्रम पैदा कर रहा है. दरअसल, यात्रियों के दिमाग में यह बात घर कर गई है कि यह इलेक्ट्रिक बसें यात्रियों के लिए न होकर नगर विकास विभाग के स्टाफ के लिए चलती होंगी. इसी के चलते यात्री इन इलेक्ट्रिक बसों में बैठने के बजाय सिटी बस या फिर अन्य परिवहन साधनों को तरजीह देते हैं, जिससे सिटी बस प्रबंधन को घाटा हो रहा है.
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अब यह बात सिटी बस प्रबंधन के साथ ही नगर विकास विभाग को समझ आ गई है. ऐसे में अब नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड को स्टीकर बदलवाने के लिए निर्देशित किया है.
जुड़ेंगी 100 इलेक्ट्रिक बसें
गर्मी में इलेक्ट्रिक बसें यात्रियों को काफी राहत प्रदान करेंगी. वजह है कि यह बसें वातानुकूलित हैं. ऐसे में यात्रियों को किराया खर्च करने पर गर्मी का सामना नहीं करना पड़ेगा. आरामदायक सीटों के साथ आराम से सफर पूरा होगा. अभी सिटी बस बेड़े में कुल 100 इलेक्ट्रिक बसें जोड़ी जानी हैं, जिसे लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं.