लखनऊ : लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के अधिकारियों, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद नगरीय परिवहन सेवा और सेंट्रल रीजनल वर्कशॉप कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता के बाद 25 घंटे बाद सिटी बसों का संचालन फिर से शुरू हो गया. सिटी बस सेवा बहाल होने के बाद यात्रियों ने राहत की सांस ली है. समझौते के बाद दुबग्गा बस डिपो में तैनात वरिष्ठ केंद्र प्रभारी अनिल तिवारी को चेकिंग कार्य से हटा दिया गया है. यही नहीं समझौते के तहत कार्य बहिष्कार में शामिल किसी भी कर्मचारी पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी.
बुधवार सुबह से ही गोमती नगर डिपो और दुबग्गा डिपो से सिटी बसों का संचालन नहीं हुआ. इसके चलते यात्रियों को अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. बसों के अभाव में दूसरे परिवहन साधनों से यात्रा करनी पड़ी और ज्यादा पैसा भी चुकाना पड़ा. दोपहर बाद करीब 2:30 बजे सिटी बस प्रबंधन के साथ हुए समझौते के बाद ड्राइवर कंडक्टरों ने बस संचालन बहाल कर दिया. इसके बाद यात्रियों ने चैन की सांस ली है. अब यात्रियों की सुविधा के लिए सिटी बस सेवाएं उपलब्ध हो गई हैं. बुधवार को लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक आरके त्रिपाठी, प्रबंधक (संचालन) आरके उपाध्याय, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक दुबग्गा डिपो मनोज कुमार शर्मा और सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक (प्रवर्तन) अनिल कुमार के साथ राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद नगरीय परिवहन सेवा और सेंट्रल रीजन आफ कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र सिंह, प्रदेश संयोजक राजकमल सिंह और प्रदेश महामंत्री गोविंद कुमार की वार्ता हुई. इसके बाद बस संचालन बहाल करने का फैसला लिया गया.
बता दें कि मंगलवार को दुबग्गा डिपो की महिला परिचालक माधुरी ने टिकट चेकिंग के दौरान वरिष्ठ केंद्र प्रभारी अनिल तिवारी पर अभद्रता करने का आरोप लगाया था. इसके बाद चालक-परिचालकों ने दोपहर बाद सिटी बसों का संचालन ठप कर दिया था. बसें संचालित नहीं हुईं तो दोनों पक्षों में वार्ता हुई थी. सिटी बस के प्रबंध निदेशक आरके त्रिपाठी ने वरिष्ठ केंद्र प्रभारी अनिल तिवारी को दुबग्गा डिपो से हटाकर प्रबंध निदेशक कार्यालय से अटैच कर दिया था. बावजूद इसके चालक परिचालक नहीं माने. बुधवार को पूरी तरह से सिटी बसों का संचालन सुबह से ही ठप कर दिया गया. 250 बसों में से एक दर्जन से कुछ ज्यादा बसें ही रोड पर संचालित हो पाईं. दोपहर बाद जब दोनों पक्षों में वार्ता के बाद सहमति बनी तो बसों का संचालन शुरू कराया गया.
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