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नगर निकायों में 90 दिन में नागरिक सेवाएं होंगी ऑनलाइन, चीफ सेक्रेटरी ने एमओयू पर किया हस्ताक्षर

प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की उपस्थिति में राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन (एनयूडीएम) के अन्तर्गत आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया. एनयूडीएम शहरों और नगरों को समग्र सहायता प्रदान करने के लिए पीपुल्स, प्रोसेस और प्लेटफॉर्म जैसे तीन स्तंभों पर काम करते हुए शहरी भारत के लिए साझा डिजिटल बुनियादी ढांचा विकसित करेगा.

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प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र
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Published : May 31, 2022, 10:42 PM IST

लखनऊः प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की उपस्थिति में राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन (एनयूडीएम) के अन्तर्गत आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया. भारत सरकार की ओर से मिशन निदेशक स्मार्ट सिटी एवं संयुक्त सचिव आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय कुणाल कुमार ने और उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से विशेष सचिव नगर विकास अमित कुमार सिंह ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए.


इस अवसर पर मुख्य सचिव ने नगर विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह भारत सरकार के अधिकारियों से समन्वय कर एनयूडीएम के अन्तर्गत 90 दिन के अंदर नागरिक सेवाओं को ऑनलाइन कराना सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि एनयूडीएम शहरों और नगरों को समग्र सहायता प्रदान करने के लिए पीपुल्स, प्रोसेस और प्लेटफॉर्म जैसे तीन स्तंभों पर काम करते हुए शहरी भारत के लिए साझा डिजिटल बुनियादी ढांचा विकसित करेगा. यह मिशन सभी शहरों और नगरों में शहरी शासन और सेवा वितरण के लिए नागरिक केंद्रित और इकोसिस्टम द्वारा संचालित दृष्टिकोण को साकार करने का काम करेगा. इस प्लटेफार्म के माध्यम से नागरिकों को प्रापर्टी टैक्स एसेसमेंट एण्ड पेमेण्ट, बिल्डिंग प्लान एप्रुवल, म्युनिसिपल ग्रीवेन्स रिड्रेसल, ट्रेड लाइसेंस, नो आब्जेक्शन सर्टिफिकेट, वाटर एण्ड सीवरेज, यूजर चार्ज, एकाउण्ट एण्ड फाइनेन्स, बर्थ एण्ड डेथ से सम्बन्धित सेवायें उपलब्ध करायी जाएंगी.

इसके अतिरिक्त बैठक में मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना की भी रूपरेखा तय की गई. इस योजना के तहत विकास योजनाओं में तेजी लाने के उद्देश्य से युवाओं को जोड़ा जाएगा. ये युवा स्थानीय लोगों से मिलकर उनकी जरूरतों का अध्ययन करेंगे, उन्हें पूरा करने के तरीकों का पता लगाएंगे. मुख्य रूप से उन्हें यातायात, स्लम विकास, पर्यावरण सुरक्षा, प्रदूषण नियंत्रण, स्वास्थ्य जैसे कामों में लगाया जाएगा. वे सरकारी योजनाओं का सोशल ऑडिट भी करेंगे.

पढ़ेंः इंटरनेशनल वीनस रिसर्च ग्रुप में शामिल हुए BHU के वैज्ञानिक, करेंगे इसमें शोध

बैठक में ‘द अर्बन लर्निंग इंटर्नशिप प्रोग्राम’ (ट्यूलिप) का प्रस्तुतिकरण भी किया गया है. इस प्रोग्राम के जरिए स्टूडेंट्स एवं ग्रेजुएट युवा निकायों और स्मार्ट सिटी में इंटर्नशिप कर सकते हैं. इस प्रोग्राम के तहत प्रशिक्षण पाने वाले स्टूडेंट्स को सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा. इस प्रोग्राम का हिस्सा बनने के लिए स्टूडेंट्स इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा. रजिस्ट्रेशन में उन्हें बताना होगा कि वह किस निकाय में इंटर्नशिप करना चाहता है. मुख्य सचिव ने कहा कि इस प्रोग्राम को प्रदेश के सभी नगर निकायों में लागू कराया जाए. बैठक में आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार में चीफ प्रोग्राम आफिसर मनप्रीत सिंह एवं संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी आदि उपस्थित थे.

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लखनऊः प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की उपस्थिति में राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन (एनयूडीएम) के अन्तर्गत आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया. भारत सरकार की ओर से मिशन निदेशक स्मार्ट सिटी एवं संयुक्त सचिव आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय कुणाल कुमार ने और उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से विशेष सचिव नगर विकास अमित कुमार सिंह ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए.


इस अवसर पर मुख्य सचिव ने नगर विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह भारत सरकार के अधिकारियों से समन्वय कर एनयूडीएम के अन्तर्गत 90 दिन के अंदर नागरिक सेवाओं को ऑनलाइन कराना सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि एनयूडीएम शहरों और नगरों को समग्र सहायता प्रदान करने के लिए पीपुल्स, प्रोसेस और प्लेटफॉर्म जैसे तीन स्तंभों पर काम करते हुए शहरी भारत के लिए साझा डिजिटल बुनियादी ढांचा विकसित करेगा. यह मिशन सभी शहरों और नगरों में शहरी शासन और सेवा वितरण के लिए नागरिक केंद्रित और इकोसिस्टम द्वारा संचालित दृष्टिकोण को साकार करने का काम करेगा. इस प्लटेफार्म के माध्यम से नागरिकों को प्रापर्टी टैक्स एसेसमेंट एण्ड पेमेण्ट, बिल्डिंग प्लान एप्रुवल, म्युनिसिपल ग्रीवेन्स रिड्रेसल, ट्रेड लाइसेंस, नो आब्जेक्शन सर्टिफिकेट, वाटर एण्ड सीवरेज, यूजर चार्ज, एकाउण्ट एण्ड फाइनेन्स, बर्थ एण्ड डेथ से सम्बन्धित सेवायें उपलब्ध करायी जाएंगी.

इसके अतिरिक्त बैठक में मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना की भी रूपरेखा तय की गई. इस योजना के तहत विकास योजनाओं में तेजी लाने के उद्देश्य से युवाओं को जोड़ा जाएगा. ये युवा स्थानीय लोगों से मिलकर उनकी जरूरतों का अध्ययन करेंगे, उन्हें पूरा करने के तरीकों का पता लगाएंगे. मुख्य रूप से उन्हें यातायात, स्लम विकास, पर्यावरण सुरक्षा, प्रदूषण नियंत्रण, स्वास्थ्य जैसे कामों में लगाया जाएगा. वे सरकारी योजनाओं का सोशल ऑडिट भी करेंगे.

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बैठक में ‘द अर्बन लर्निंग इंटर्नशिप प्रोग्राम’ (ट्यूलिप) का प्रस्तुतिकरण भी किया गया है. इस प्रोग्राम के जरिए स्टूडेंट्स एवं ग्रेजुएट युवा निकायों और स्मार्ट सिटी में इंटर्नशिप कर सकते हैं. इस प्रोग्राम के तहत प्रशिक्षण पाने वाले स्टूडेंट्स को सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा. इस प्रोग्राम का हिस्सा बनने के लिए स्टूडेंट्स इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा. रजिस्ट्रेशन में उन्हें बताना होगा कि वह किस निकाय में इंटर्नशिप करना चाहता है. मुख्य सचिव ने कहा कि इस प्रोग्राम को प्रदेश के सभी नगर निकायों में लागू कराया जाए. बैठक में आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार में चीफ प्रोग्राम आफिसर मनप्रीत सिंह एवं संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी आदि उपस्थित थे.

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