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लखनऊ: डॉक्टरों के लिए सीमैप ने बनाया 1000 बोतल सैनिटाइजर और डिसइनफेक्टेंट - कोरोना वायरस ताजा खबर

यूपी की राजधानी लखनऊ में सीमैप ने कोरोना के इलाज में लगे डॉक्टर्स, नर्सेज और पैरामेडिकल स्टाफ के लिए 1000 बोतल हैंड सैनिटाइजर और डिसइनफेक्टेंट बनाकर लखनऊ प्रशासन को सौंपा है. यह सभी उत्पाद हर्बल हैं और औषधीय और सगंध पौधों से तैयार किए गए हैं.

सीमैप ने प्रशासन को सौपा  1000 बोतल सैनिटाइजर.
सीमैप ने प्रशासन को सौपा 1000 बोतल सैनिटाइजर.
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Published : Apr 5, 2020, 3:33 PM IST

लखनऊ: कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए सावधानियां बरती जा रही हैं, दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं. यहां तक कि लॉकडाउन के जरिए लोगों को इस बात का संदेश दिया जा रहा है कि वह अपना ख्याल रखें. इस बीच कुछ जरूरी सेवाएं लगातार चल रही हैं. इन सेवाओं में कई लोग और संस्थान सामने आकर अपना योगदान दे रहे हैं. इस कड़ी में केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीमैप) ने चिकित्सीय सेवाओं में लगे डॉक्टर्स, नर्सेज और पैरामेडिकल स्टाफ के लिए 1000 बोतल हैंड सैनिटाइजर और डिसइनफेक्टेंट बनाकर लखनऊ प्रशासन को सौंपा है.

सीएसआईआर की प्रयोगशाला केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान ने एक हफ्ते की मेहनत के बाद 1000 बोतल हैंड सैनिटाइजर 'हैंड कूल', 1000 बोतल सरफेस डिसइनफेक्टेंट 'स्वाबी' और 50 लीटर फ्लोर क्लीनर 'क्लीनजर्म' बनाकर तैयार किया है. यह सभी उत्पाद हर्बल हैं और औषधीय और सगंध पौधों से तैयार किए गए हैं.

इस बारे में सीमैप के निदेशक डॉ प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने बताया कि हमारे संस्थान के पास हैंड सैनिटाइजर, डिसइनफेक्टेंट और फ्लोर क्लीनर का पेटेंट पहले से था. ऐसे में हमने एक हफ्ते की अवधि में इन सभी चीजों को बड़ी मात्रा में तैयार कर लखनऊ प्रशासन के एडीएम अमरपाल सिंह को सौंपा है. डॉक्टर त्रिवेदी ने बताया कि इन सभी उत्पादों की खास बात यह है कि इसमें हमने उन औषधीय एवं सगंध पौधों के एक्सट्रेक्ट को शामिल किया है, जिनके ऑयल में एंटीमाइक्रोबॉयल एक्टिविटी पाई जाती है. इन उत्पादों में एल्कोहलिक कॉन्टेंट की मात्रा भी कम रखी गई है. इसलिए यह उत्पाद काफी प्रभावी हैं. सीमैप द्वारा बनाए गए इन उत्पादों में औषधीय एवं सगंध पौधों के सहनशील ऑयल होने की वजह से इनमें अरोमा यानी सुगंध भी है.

इसे भी पढ़ें-लखनऊ: प्रेमी-प्रेमिका की पीट-पीट कर हत्या, 4 गिरफ्तार

इन उत्पादों को बनाने में डॉ दिनेश कुमार, सुधा अग्रवाल, प्रियंका सिंह और क्षमा श्रीवास्तव की टीम ने अपनी भूमिका निभाई है. डॉ त्रिवेदी ने कहा कि हम चाहते हैं कि यह उत्पाद कोरोना वायरस के समय जरूरी सेवाओं में लगे अस्पतालों और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों को दे दिया जाए. क्योंकि इस वक्त उन्हें संक्रमण से बचाने की सबसे अधिक जरूरत है. हालांकि जिला प्रशासन इस बात को बखूबी समझता है कि किन व्यक्तियों को इसकी जरूरत अधिक है. इसलिए किसी एक व्यक्ति विशेष या संस्थान के बजाय हमने इसे प्रशासन को सौंपा है. वह जो भी निर्णय लेंगे वह बेहतर होगा. डॉ त्रिवेदी के अनुसार यदि जरूरत पड़ी और प्रशासन की तरफ से आवश्यकता की बात कही गई तो हम इसे और अधिक मात्रा में भी बनाने को तैयार हैं.

लखनऊ: कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए सावधानियां बरती जा रही हैं, दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं. यहां तक कि लॉकडाउन के जरिए लोगों को इस बात का संदेश दिया जा रहा है कि वह अपना ख्याल रखें. इस बीच कुछ जरूरी सेवाएं लगातार चल रही हैं. इन सेवाओं में कई लोग और संस्थान सामने आकर अपना योगदान दे रहे हैं. इस कड़ी में केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीमैप) ने चिकित्सीय सेवाओं में लगे डॉक्टर्स, नर्सेज और पैरामेडिकल स्टाफ के लिए 1000 बोतल हैंड सैनिटाइजर और डिसइनफेक्टेंट बनाकर लखनऊ प्रशासन को सौंपा है.

सीएसआईआर की प्रयोगशाला केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान ने एक हफ्ते की मेहनत के बाद 1000 बोतल हैंड सैनिटाइजर 'हैंड कूल', 1000 बोतल सरफेस डिसइनफेक्टेंट 'स्वाबी' और 50 लीटर फ्लोर क्लीनर 'क्लीनजर्म' बनाकर तैयार किया है. यह सभी उत्पाद हर्बल हैं और औषधीय और सगंध पौधों से तैयार किए गए हैं.

इस बारे में सीमैप के निदेशक डॉ प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने बताया कि हमारे संस्थान के पास हैंड सैनिटाइजर, डिसइनफेक्टेंट और फ्लोर क्लीनर का पेटेंट पहले से था. ऐसे में हमने एक हफ्ते की अवधि में इन सभी चीजों को बड़ी मात्रा में तैयार कर लखनऊ प्रशासन के एडीएम अमरपाल सिंह को सौंपा है. डॉक्टर त्रिवेदी ने बताया कि इन सभी उत्पादों की खास बात यह है कि इसमें हमने उन औषधीय एवं सगंध पौधों के एक्सट्रेक्ट को शामिल किया है, जिनके ऑयल में एंटीमाइक्रोबॉयल एक्टिविटी पाई जाती है. इन उत्पादों में एल्कोहलिक कॉन्टेंट की मात्रा भी कम रखी गई है. इसलिए यह उत्पाद काफी प्रभावी हैं. सीमैप द्वारा बनाए गए इन उत्पादों में औषधीय एवं सगंध पौधों के सहनशील ऑयल होने की वजह से इनमें अरोमा यानी सुगंध भी है.

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इन उत्पादों को बनाने में डॉ दिनेश कुमार, सुधा अग्रवाल, प्रियंका सिंह और क्षमा श्रीवास्तव की टीम ने अपनी भूमिका निभाई है. डॉ त्रिवेदी ने कहा कि हम चाहते हैं कि यह उत्पाद कोरोना वायरस के समय जरूरी सेवाओं में लगे अस्पतालों और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों को दे दिया जाए. क्योंकि इस वक्त उन्हें संक्रमण से बचाने की सबसे अधिक जरूरत है. हालांकि जिला प्रशासन इस बात को बखूबी समझता है कि किन व्यक्तियों को इसकी जरूरत अधिक है. इसलिए किसी एक व्यक्ति विशेष या संस्थान के बजाय हमने इसे प्रशासन को सौंपा है. वह जो भी निर्णय लेंगे वह बेहतर होगा. डॉ त्रिवेदी के अनुसार यदि जरूरत पड़ी और प्रशासन की तरफ से आवश्यकता की बात कही गई तो हम इसे और अधिक मात्रा में भी बनाने को तैयार हैं.

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