लखनऊ : केंद्रीय औषधि एवं सगंध पौधा संस्थान की ओर से 60 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में डायमंड जुबली और वार्षिक समारोह का आयोजन किया गया. इस आयोजन में मेंथा की नई प्रजातियां, माउथ कैंसर और मोबाइल एप का भी विमोचन किया गया. अपने 60 वर्ष के सफर को सीमैप ने '60 वर्षों के संस्मरण' नामक कॉफी टेबल बुक के रूप में निकाला.
खेती के रूप में मौजूद रहे हनी बी नेटवर्क के संस्थापक प्रोफेसर अनिल कुमार गुप्ता ने सीमैप की प्रयोगशालाओं का निरीक्षण किया और वैज्ञानिक संस्थानों द्वारा उनके काम को सराहा. इस अवसर पर केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान के पिछले वर्षों के निदेशक भी मौजूद रहे.
पूर्व के निदेशकों की मेहनत को सराहा
पूर्व निदेशक प्रोफेसर ए के त्रिपाठी ने अपने पूर्व के निदेशकों की मेहनत और कार्यों पर कहा कि इस स्थान में पिछले 60 वर्षों में जो कार्य उन्होंने किए हैं, जो वृक्ष लगाए हैं, उसके फल अब लोगों को मिल रहे हैं. इससे आम जनमानस का भला हो रहा है. संस्थान के निदेशक डॉक्टर आलोक कालरा ने बताया कि मेक इन इंडिया के तहत बुंदेलखंड, विदर्भ, कच्छ, मराठवाड़ा जैसे क्षेत्रों में वर्षा आधारित खेती जैसे लेमनग्रास और पामा रोजा की खेती को भी बढ़ावा दिया गया है.
हर्बल उत्पाद का किया गया विमोचन
डायमंड जुबली के अवसर पर सीमा की पिपरमेंट की उन्नत किस्म सिम मोहक को रिलीज किया गया. यह उत्पाद पिपरमेंट की खेती के लिए एक नया और बेहतरीन उत्पाद हो सकता है. इसके साथ ही सीमैप द्वारा बनाए गए एक हर्बल उत्पाद 'मेंथो फ्रेश माउथ फ्रेशनर' का भी विमोचन किया गया, जिसके बारे में बताया गया कि यह एक हर्बल उत्पाद है.
एक नए मोबाइल एप को किया लांच
किसानों और एंटरप्रेन्योर्स के साथ वैज्ञानिकों के बीच की वार्तालाप को बढ़ाने और उनके समझ और अधिक विकसित करने के लिए एक मोबाइल एप भी लांच किया गया. यह मेंथॉल की खेती के लिए बेहद लाभदायक साबित होगा. इस मोबाइल ऐप का नाम 'मेंथा मित्र' मोबाइल एप रखा गया है.