लखनऊ : प्रदेश सरकार श्रम विभाग के तहत उप्र भवन व अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के माध्यम से श्रमिकों और उनके आश्रितों के जीवन को खुशहाल बनाने के लिए कल्याणकारी योजनाएं संचालित कर रहा है. इन योजनाओं में संत रविदास शिक्षा सहायता योजना के तहत बोर्ड में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के पुत्र/पुत्रियों की शिक्षा के लिए कक्षा-एक से लेकर उच्चतर शिक्षा प्राप्त करने के लिए छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है. श्रमिक के बच्चों की पढ़ाई लगातार जारी रहे, इसके लिए कक्षा-9 से 12 उत्तीर्ण करने पर आगे की पढ़ाई करने तथा विद्यालय जाने के लिए छात्रों को साइकिल प्रदान की जा रही है. यह साइकिल किसी भी छात्र को अपनी पढ़ाई के दौरान एक बार ही प्रदान की जाएगी.
इनको मिलेगा लाभ
अपर मुख्य सचिव श्रम एवं सेवायोजन सुरेश चंद्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि सभी पंजीकृत निर्माण श्रमिक, जिनके पुत्र/पुत्रियों में से किसी भी शासकीय, अर्द्धशासकीय व मान्यता प्राप्त किसी निजी विद्यालय में अध्ययनरत है, उन्हें छात्रवृत्ति दी जा रही. इसी प्रकार इन छात्रों की आगे की पढ़ाई में कोई व्यवधान न हो तथा विद्यालय जाने की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए उन्हें कक्षा-9 से 12 उत्तीर्ण करने पर बीओसी बोर्ड द्वारा साइकिल प्रदान की जा रही है. किसी भी पात्र निर्माण श्रमिक के पुत्र/पुत्रियों को यह साइकिल एक बार ही प्रदान की जाएगी. योजनान्तर्गत शैक्षणिक सत्र 2018-19 तथा 2019- 20 के उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को भी साइकिल प्रदान की जा रही है.
ऑनलाइन किया जा सकता है आवेदन
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि इस योजना का लाभ निर्माण श्रमिकों के मात्र 02 संतानों को उपलब्ध होगा. ऐसे पुत्र/पुत्रियों की उम्र 25 वर्ष से अधिक न हो. इसी प्रकार शासकीय आईटीआई, पॉलिटेक्निक, इन्जीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज व समाजशास्त्र आदि व्यवसायिक पाठ्यक्रमों की सभी विधाओं में अध्ययन करने वाले छात्र-छात्राओं को भी छात्रवृत्ति दी जा रही है. योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थियों द्वारा ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है. इस योजना का लाभ उन्हीं छात्र/छात्राओं को मिलेगा, जिनकी अपनी कक्षा में 50 प्रतिशत उपस्थिति होगी.
इतनी मिलेगी छात्रवृत्ति
उन्होंने बताया कि पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के अधिकतम दो संतानों को कक्षा-एक से लेकर उच्चतर शिक्षा तक छात्रवृति प्रदान की जा रही है. इसमें कक्षा-1 से 5 तक के लिए 1800 रुपये वार्षिक, कक्षा-06 से 10 तक के लिए 2400 रुपये वार्षिक, कक्षा-11से 12 तक के लिए 3000 रुपये वार्षिक, स्नातक में 12 हजार रुपये वार्षिक, स्नातकोत्तर में 24 हजार रुपये वार्षिक छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है. इसी प्रकार इंजीनियरिंग एवं मेडिकल की पढ़ाई के लिए 8 हजार रुपये मासिक व किसी भी विषय में अनुसंधान के लिए 12 हजार रुपये मासिक छात्रवृत्ति दी जा रही. इसी प्रकार आईटीआई, वोकेशनल तथा प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों के लिए सरकारी कॉलेजों एवं संस्थाओं के वार्षिक शुल्क के समान छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी.