लखनऊ: राजधानी के एक हॉस्टल में बाल श्रम की सूचना पर बाल आयोग की दो सदस्यों की टीम ने छापेमारी की. छापेमारी के दौरान हॉस्टल से चार बच्चों को काम करते हुए पकड़ा गया है. इन बच्चों से हॉस्टल में झाड़ू पोछा सहित बर्तन मजवाने का काम कराया जाता था. बच्चों की उम्र 14 साल से कम है, वहीं बाल आयोग की छापेमारी में यह भी पता चला है कि बच्चों को लंबे समय तक भूखा रखा जाता था. सभी के खाना खाने के बाद ही उन्हें खाना दिया जाता था. जिसके चलते बच्चों की सेहत भी काफी खराब है.
बाल श्रम में बच्चों से करायी जा रही मजूरी
- लखनऊ स्थित यशोदा गर्ल्स हॉस्टल में बाल श्रम की शिकायत मिली थी.
- बाल आयोग की दो सदस्या ने छापेमारी कर कार्रवाई की है.
- बाल आयोग द्वारा हॉस्टल को बंद करने के लिए सिफारिश की जाएगी.
- हॉस्टल में बच्चों से बाल श्रम करवाया जा रहा था.
- महिला हॉस्टल में कोई महिला केयरटेकर मौजूद नहीं थी.
- महिला हॉस्टल की स्थिति भी काफी गंभीर थी.
- बच्चियों के लिए न खाने के लिए बेहतर सुविधा थी.
- छात्राओं को रहने और सोने के लिए बेड या तखत भी नहीं दिया गया.
पढ़ें- लखनऊ: जमीन विवाद में पूर्व डीजीपी जगमोहन यादव समेत कई पर एफआईआर दर्ज
चाइल्ड कमिशन की मेंबर की टीम ने छापामारी कर हॉस्टल से चार नाबालिग बच्चों से काम करवाते हुए पाया गया है.