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एम्बुलेंस में दो दिनों में चार बच्चों का जन्म, परिजनों ने चालक का आभार जताया

लखनऊ की एम्बुलेंसों में बीते दो दिनों में चार बच्चों का जन्म का हुआ है, परिजन एंबुलेंस चालक और कर्मचारियों की कुशलता को धन्यवाद कर रहे है. राजधानी की 108 एम्बुलेंस में तीन व 102 की एक एम्बुलेंस में बच्चों का सुरक्षित जन्म हुआ है.

एम्बुलेंस में प्रसव
एम्बुलेंस में प्रसव
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Published : Feb 1, 2022, 8:37 PM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित एम्बुलेंस सेवाएं गर्भवती महिलाओं व नवजात बच्चों के लिए लगातार जीवनदायी साबित हो रही है. पिछले दो दिनों में राजधानी की 108 एम्बुलेंस में तीन व 102 की एक एम्बुलेंस में बच्चों का सुरक्षित जन्म हुआ है. दो बच्चों का जन्म बीते सोमवार को अलग-अलग एम्बुलेंस में हुआ. जबकि दो अन्य एम्बुलेंसों में भी इसी हफ्ते दो महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराया गया. परिजनों ने एम्‍बुलेंस कर्मचारियों की कुशलता और सरकार द्वारा चलाई जा रही एम्‍बुलेंस सेवाओं की सराहना की.

बीते सोमवार को बीकेटी क्षेत्र के तरहिया गांव में रहने वाली रिंकी (25 ) के परिजनों ने 108 नम्‍बर पर फोन करके एम्बुलेंस की मांग की थी. जिसके बाद एम्बुलेंस कर्मी इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (ईएमटी) अभिषेक शुक्ला और पायलट सिकन्दर कुमार कुछ ही देर में एम्बुलेंस लेकर रिंकी के घर पहुंच गए. एम्बुलेंस रिंकी व परिजनों को लेकर से अस्पताल की ओर रवाना हो गई. लेकिन बीच रास्ते में ही प्रसव पीड़ा बढ़ गई. ऐसे में एम्बुलेंस कर्मी ईएमटी ने एम्बुलेंस को रास्ते में रोककर महिला का सुरक्षित प्रसव कराया. इसके बाद जच्चा-बच्चा को सीएचसी बीकेटी में भर्ती करा दिया गया. जहां डॉक्टर ने उनकी जांच कर कहा कि दोनों ही स्वस्थ हैं.

एम्बुलेंस में प्रसव
एम्बुलेंस में प्रसव
इसके अलावा सोमवार को भी आम्रपाली दुबग्गा निवासी निरमा (30) पत्नी राजेश ने परिजनों ने लेबर पेन शुरू होने पर 102 सेवा में फोन करके एम्बुलेंस की मांग की थी. जिसके बाद एम्बुलेंस कर्मचारी ईएमटी धर्मवीर सिंह यादव और पायलट धीरेन्द्र सिंह कुछ ही देर में 102 सेवा की एम्बुलेंस लेकर पहुंच गए. धर्मवीर ने बताया कि मरीज को वीरांगना अवंतीबाई ले जाना था, लेकिन रास्ते में ही दर्द बढ़ने से एम्बुलेंस रोककर रास्ते में ही डिलीवरी करानी पड़ी. इसके बाद जच्चा-बच्चा दोनों को वीरांगना अवंती बाई महिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया. जहां जच्चा बच्चा दोनों को स्वस्थ बताया गया.

यह भी पढ़ें-यूपी में हड़ताल पर एंबुलेंस कर्मी, जीवन रक्षक वाहन नहीं मिलने से मरीज परेशान



नया खेड़ा शेरपुर मऊ मलिहाबाद निवासी राजकुमारी (28) पत्नी अनिल कुमार को प्रसव पीड़ा होने पर सोमवार रात रात करीब एक बजे 108 सेवा में काॅल करके एम्बुलेंस बुलाई थी. 108 एम्बुलेंस के ईएमटी राहुल सिंह और पायलट अवनीश कुमार कुछ ही देर में एम्बुलेंस लेकर मौके पर पहुंच गए. राजकुमारी और परिजनों को लेकर वह निकले ही थे. कि प्रसव पीड़ा बढ़ने के कारण रास्ते में ही डिलीवरी करानी पड़ी. राजकुमारी ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया. इसके बाद जच्चा बच्चा को काकोरी सीएचसी में भर्ती कराया गया.

सावित्री (21) पत्नी अखिलेश को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने बीती रात करीब 10 बजे 108 नम्बर डायल कर एम्बुलेंस सुविधा की मांग की थी. जिसके बाद एम्बुलेंस कर्मचारी ईएमटी दिनेश कुमार मौर्य व पायलट अजय वर्मा एम्बुलेंस लेकर पहुंचे और सावित्री को लेकर अस्‍पताल के लिए चल दिए. उन्होंने बताया कि कुछ ही दूर चलने के बाद दर्द बढ़ बढ़ने के कारण रास्‍ते में ही डिलीवरी करानी पड़ी और सावित्री ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया. जिसके बाद दोनों को सीएचसी काकोरी में भर्ती कराया गया.

यह भी पढ़ें-टीम-9 की बैठक में बोले सीएम योगी, मरीजों को एंबुलेंस नहीं मिली तो होगी कड़ी कार्रवाई


इंद्रजीत सिंह, रीजनल मैनेजर ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा संचालित एम्बुलेंस सेवाएं जच्चा बच्चा दोनों के लिए सुरक्षित हैं. एम्बुलेंसों में डिलीवरी किट भी उपलब्ध रहती है. किसी भी आकस्मिक स्थिति में प्रसव के लिए एम्बुलेंस कर्मचारी प्रशिक्षित होते हैं. 102 एम्बुलेंस मरीजों को घर से अस्पताल ले जाती है एवं इलाज के बाद जच्चा-बच्चा को वापस घर भी छोड़ती है. जबकि 108 सेवा में केवल अस्पताल ले जाने की सुविधा है. किसी भी प्रकार की मेडिकल इमरजेंसी में 108 नम्बर पर सहायता ली जा सकती है.

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लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित एम्बुलेंस सेवाएं गर्भवती महिलाओं व नवजात बच्चों के लिए लगातार जीवनदायी साबित हो रही है. पिछले दो दिनों में राजधानी की 108 एम्बुलेंस में तीन व 102 की एक एम्बुलेंस में बच्चों का सुरक्षित जन्म हुआ है. दो बच्चों का जन्म बीते सोमवार को अलग-अलग एम्बुलेंस में हुआ. जबकि दो अन्य एम्बुलेंसों में भी इसी हफ्ते दो महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराया गया. परिजनों ने एम्‍बुलेंस कर्मचारियों की कुशलता और सरकार द्वारा चलाई जा रही एम्‍बुलेंस सेवाओं की सराहना की.

बीते सोमवार को बीकेटी क्षेत्र के तरहिया गांव में रहने वाली रिंकी (25 ) के परिजनों ने 108 नम्‍बर पर फोन करके एम्बुलेंस की मांग की थी. जिसके बाद एम्बुलेंस कर्मी इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (ईएमटी) अभिषेक शुक्ला और पायलट सिकन्दर कुमार कुछ ही देर में एम्बुलेंस लेकर रिंकी के घर पहुंच गए. एम्बुलेंस रिंकी व परिजनों को लेकर से अस्पताल की ओर रवाना हो गई. लेकिन बीच रास्ते में ही प्रसव पीड़ा बढ़ गई. ऐसे में एम्बुलेंस कर्मी ईएमटी ने एम्बुलेंस को रास्ते में रोककर महिला का सुरक्षित प्रसव कराया. इसके बाद जच्चा-बच्चा को सीएचसी बीकेटी में भर्ती करा दिया गया. जहां डॉक्टर ने उनकी जांच कर कहा कि दोनों ही स्वस्थ हैं.

एम्बुलेंस में प्रसव
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इसके अलावा सोमवार को भी आम्रपाली दुबग्गा निवासी निरमा (30) पत्नी राजेश ने परिजनों ने लेबर पेन शुरू होने पर 102 सेवा में फोन करके एम्बुलेंस की मांग की थी. जिसके बाद एम्बुलेंस कर्मचारी ईएमटी धर्मवीर सिंह यादव और पायलट धीरेन्द्र सिंह कुछ ही देर में 102 सेवा की एम्बुलेंस लेकर पहुंच गए. धर्मवीर ने बताया कि मरीज को वीरांगना अवंतीबाई ले जाना था, लेकिन रास्ते में ही दर्द बढ़ने से एम्बुलेंस रोककर रास्ते में ही डिलीवरी करानी पड़ी. इसके बाद जच्चा-बच्चा दोनों को वीरांगना अवंती बाई महिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया. जहां जच्चा बच्चा दोनों को स्वस्थ बताया गया.

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नया खेड़ा शेरपुर मऊ मलिहाबाद निवासी राजकुमारी (28) पत्नी अनिल कुमार को प्रसव पीड़ा होने पर सोमवार रात रात करीब एक बजे 108 सेवा में काॅल करके एम्बुलेंस बुलाई थी. 108 एम्बुलेंस के ईएमटी राहुल सिंह और पायलट अवनीश कुमार कुछ ही देर में एम्बुलेंस लेकर मौके पर पहुंच गए. राजकुमारी और परिजनों को लेकर वह निकले ही थे. कि प्रसव पीड़ा बढ़ने के कारण रास्ते में ही डिलीवरी करानी पड़ी. राजकुमारी ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया. इसके बाद जच्चा बच्चा को काकोरी सीएचसी में भर्ती कराया गया.

सावित्री (21) पत्नी अखिलेश को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने बीती रात करीब 10 बजे 108 नम्बर डायल कर एम्बुलेंस सुविधा की मांग की थी. जिसके बाद एम्बुलेंस कर्मचारी ईएमटी दिनेश कुमार मौर्य व पायलट अजय वर्मा एम्बुलेंस लेकर पहुंचे और सावित्री को लेकर अस्‍पताल के लिए चल दिए. उन्होंने बताया कि कुछ ही दूर चलने के बाद दर्द बढ़ बढ़ने के कारण रास्‍ते में ही डिलीवरी करानी पड़ी और सावित्री ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया. जिसके बाद दोनों को सीएचसी काकोरी में भर्ती कराया गया.

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इंद्रजीत सिंह, रीजनल मैनेजर ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा संचालित एम्बुलेंस सेवाएं जच्चा बच्चा दोनों के लिए सुरक्षित हैं. एम्बुलेंसों में डिलीवरी किट भी उपलब्ध रहती है. किसी भी आकस्मिक स्थिति में प्रसव के लिए एम्बुलेंस कर्मचारी प्रशिक्षित होते हैं. 102 एम्बुलेंस मरीजों को घर से अस्पताल ले जाती है एवं इलाज के बाद जच्चा-बच्चा को वापस घर भी छोड़ती है. जबकि 108 सेवा में केवल अस्पताल ले जाने की सुविधा है. किसी भी प्रकार की मेडिकल इमरजेंसी में 108 नम्बर पर सहायता ली जा सकती है.

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