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Child Trafficking Case : कोर्ट ने खारिज की अभियुक्त अशरफ अंसारी की जमानत अर्जी

बच्चों की तस्करी (child trafficking) के मामले में अभियुक्त अशरफ अंसारी (Child trafficking accused Ashraf Ansari) की जमानत को कोर्ट ने खारिज किया है. कोर्ट ने कहा है कि नाबालिग बच्चों का पैसों के लिए दुर्व्यापार करने वाले अभियुक्त को जमानत पर छोड़ जाना उचित नहीं है.

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अशरफ अंसारी की जमानत खारिज
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 7, 2023, 10:26 PM IST


लखनऊ: बिहार और नेपाल के 10 साल से लेकर 15 साल तक के बच्चों को दास बनाकर काम लेने के लिए दिल्ली सप्लाई करने वाले आरोपी मोहम्मद अशरफ अंसारी की जमानत अर्जी को अपर सत्र न्यायाधीश पुष्कर उपाध्याय ने खारिज कर दिया है.

जमानत अर्जी के विरोध में कहा गया है कि 22 अगस्त 2022 को चिनहट पुलिस को सूचना मिली थी कि जन जागरण ट्रेवल्स की बस जो कि मोतिहारी से दिल्ली जाती है, उसके माध्यम से कुछ लोग बालकों को दास/ सेवक के रूप में दिल्ली ले जा रहे हैं. ये लोग आर्थिक लाभ प्राप्त कर अपना धंधा चलाते हैं. कहा गया कि इस सूचना पर फैजाबाद रोड पर चिनहट ओवर ब्रिज से पहले पुलिस ने बस संख्या यूपी 70- एजी 3051 को रोककर उसमें से 11 बच्चों को बरामद किया था. जिसमें से अधिकांश बच्चे 10 से 15 वर्ष की उम्र के थे. बच्चे बिहार और नेपाल के रहने वाले थे. इन बच्चों को ले जाने वाले 6 लोगों को भी पुलिस ने बस से गिरफ्तार किया था.

इसे भी पढ़े-पुलिस ने तस्करों के चंगुल से छुड़ाए 15 बच्चे, तीन गिरफ्तार

अदालत को बताया गया कि पुलिस ने जिन 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया था उसमें बिहार के रहने वाले सलाउद्दीन अंसारी और अबू लैश थे. जबकि नेपाल के रहने वालों में महताब, मोहम्मद अशरफ अंसारी, जमील अख्तर और इरशाद आलम को मौके से पकड़ा गया था. अदालत ने जमानत अर्जी खारिज करते हुए कहा है कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि अभियुक्तों का अंतरराज्यीय गिरोह है, जो नाबालिग बच्चों का पैसों के लिए दुर्व्यापार करते हैं. इस प्रकार अभियुक्त का अपराध गंभीर है. जिसके कारण उन्हें जमानत पर छोड़ जाना उचित नहीं है.


यह भी पढे़-रोजगार दिलाने के बहाने बच्चों को बेचने वाले दो आरोपी गिरफ्तार, पुलिस ने 11 नाबालिगों को छुड़ाया


लखनऊ: बिहार और नेपाल के 10 साल से लेकर 15 साल तक के बच्चों को दास बनाकर काम लेने के लिए दिल्ली सप्लाई करने वाले आरोपी मोहम्मद अशरफ अंसारी की जमानत अर्जी को अपर सत्र न्यायाधीश पुष्कर उपाध्याय ने खारिज कर दिया है.

जमानत अर्जी के विरोध में कहा गया है कि 22 अगस्त 2022 को चिनहट पुलिस को सूचना मिली थी कि जन जागरण ट्रेवल्स की बस जो कि मोतिहारी से दिल्ली जाती है, उसके माध्यम से कुछ लोग बालकों को दास/ सेवक के रूप में दिल्ली ले जा रहे हैं. ये लोग आर्थिक लाभ प्राप्त कर अपना धंधा चलाते हैं. कहा गया कि इस सूचना पर फैजाबाद रोड पर चिनहट ओवर ब्रिज से पहले पुलिस ने बस संख्या यूपी 70- एजी 3051 को रोककर उसमें से 11 बच्चों को बरामद किया था. जिसमें से अधिकांश बच्चे 10 से 15 वर्ष की उम्र के थे. बच्चे बिहार और नेपाल के रहने वाले थे. इन बच्चों को ले जाने वाले 6 लोगों को भी पुलिस ने बस से गिरफ्तार किया था.

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अदालत को बताया गया कि पुलिस ने जिन 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया था उसमें बिहार के रहने वाले सलाउद्दीन अंसारी और अबू लैश थे. जबकि नेपाल के रहने वालों में महताब, मोहम्मद अशरफ अंसारी, जमील अख्तर और इरशाद आलम को मौके से पकड़ा गया था. अदालत ने जमानत अर्जी खारिज करते हुए कहा है कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि अभियुक्तों का अंतरराज्यीय गिरोह है, जो नाबालिग बच्चों का पैसों के लिए दुर्व्यापार करते हैं. इस प्रकार अभियुक्त का अपराध गंभीर है. जिसके कारण उन्हें जमानत पर छोड़ जाना उचित नहीं है.


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