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लखनऊ में बच्चे ने निगल ली चुंबक, अस्पताल में देखने पहुंचे डिप्टी सीएम - लोहिया अस्पताल लखनऊ

लखनऊ में एक चार साल के बच्चे ने चुंबक निगल ली, जिसे परिजनों ने आनन-फानन में लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया. वहीं, मौके पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक पहुंच गए. फिलहाल बच्चा खतरे से बाहर है.

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लोहिया अस्पताल
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Published : Jan 8, 2023, 8:55 AM IST

लखनऊ: इंदिरानगर निवासी एक चार साल के बच्चे ने चुबंक निगल लिया था. घबराए परिजन बच्चे को लेकर लोहिया संस्थान पहुंचे. घटना की सूचना पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक भी अस्पताल पहुंचे. इमरजेंसी में डॉक्टरों की टीम ने बच्चे की जांच की और इलाज किया. डॉक्टरों का कहना है कि बच्चा अब खतरे से बाहर है.

इंदिरानगर निवासी अमरपाल मौर्य ने बताया कि उनके पांच साल के बेटे पार्थ सारथी ने चुंबक निकल लिया था. वह बर्थडे पार्टी में शामिल होने गया था. मिठाई के डिब्बे का ढक्कन चिपकाने के लिए चुबंक लगे थे. डिब्बे से बच्चे ने चुंबक का हिस्सा निगल लिया. कुछ ही देर में बच्चे के गले में दर्द होने लगा. सांस लेने में परेशानी शुरू हो गई. परिजनों ने बच्चे से पूछा तो उसने चुबंक की तरफ इशारा किया.

आनन-फानन परिजन बच्चे को लेकर लोहिया संस्थान पहुंचे. इसी दौरान घटना की सूचना उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को मिली और वह भी मौके पर आ गए. उन्होंने तुरंत संस्थान के अधिकारियों को बच्चे के इलाज की सूचना दी. तुरंत डॉक्टरों की टीम ने बच्चे का इलाज शुरू किया. एक्सरे जांच कराई. जांच में पता चला चुंबक पेट में आ गया है. अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विक्रम सिंह ने बताया कि चुंबक पेट के अंदर चला गया. लिहाजा खतरे की कोई बात नहीं है. उन्होंने बताया कि यदि पेट में दर्द होता है, तो इलाज की जरूरत है. फिलहाल कोई खतरे की बात नहीं है. उप मुख्यमंत्री ने बच्चे को बेहतर इलाज मुहैया कराने के निर्देश दिए. इसके बाद उन्होंने इमरजेंसी में भर्ती बाकी मरीजों की सेहत का हाल लिया.

स्वास्थ्य विभाग ने अस्थाई रूप से बंद किया निजी अस्पताल
मोहान रोड स्थित निजी अस्पताल स्टाफ नर्स के भरोसे चल रहा था. भर्ती मरीज को कौन डॉक्टर देख रहा था? मरीज को क्या बीमारी है? इसका जिक्र मरीज के इलाज संबंधी दस्तावेज में दर्ज नहीं था. 10 से 15 तरह की दवाएं पर्चे पर लिखी थी. मरीज की जान से खिलवाड़ और मानकों के खिलाफ चल रहे अस्पताल को स्वास्थ्य विभाग ने फिलहाल अस्थायी रूप बंद करा दिया गया. मोहान रोड के खुशहालगंज स्थित निजी अस्पताल का संचालन ओटी टेक्नीशियन संदीप के जरिए किया जा रहा है.

शिकायत के बाद डिप्टी सीएमओ डॉ. शोभनाथ व डॉ. अनूप श्रीवास्तव ने अस्पताल में छापेमारी की. छापेमारी के दौरान टीम को एक स्टॉफ नर्स मिली. जांच दौरान फार्मेसी का लाइसेंस भी नहीं मिला. फार्मेसी में कई एक्सपार दवाएं मिली. अस्पताल की ओटी भी गंदगी मिली. इसके अलावा बॉयोमेडिकल व फायर फाइटिंग सिस्टम भी मानकों के अनरूप नहीं था. टीम ने अस्पताल का संचालन फिलहाल के तौर पर बंद करा दिया है. डिप्टी सीएमओ डॉ. अनूप श्रीवास्तव ने बताया कि पूरी रिपोर्ट सीएमओ को भेज दी गई है. अस्पताल में मौजूद मिली नर्स ने संचालक संदीप से फोन पर बात कराई. संदीप से इलाज संबंधी दस्तावेज व दूसरे कागजात के साथ सीएमओ कार्यालय बुलाया गया है.

लखनऊ: इंदिरानगर निवासी एक चार साल के बच्चे ने चुबंक निगल लिया था. घबराए परिजन बच्चे को लेकर लोहिया संस्थान पहुंचे. घटना की सूचना पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक भी अस्पताल पहुंचे. इमरजेंसी में डॉक्टरों की टीम ने बच्चे की जांच की और इलाज किया. डॉक्टरों का कहना है कि बच्चा अब खतरे से बाहर है.

इंदिरानगर निवासी अमरपाल मौर्य ने बताया कि उनके पांच साल के बेटे पार्थ सारथी ने चुंबक निकल लिया था. वह बर्थडे पार्टी में शामिल होने गया था. मिठाई के डिब्बे का ढक्कन चिपकाने के लिए चुबंक लगे थे. डिब्बे से बच्चे ने चुंबक का हिस्सा निगल लिया. कुछ ही देर में बच्चे के गले में दर्द होने लगा. सांस लेने में परेशानी शुरू हो गई. परिजनों ने बच्चे से पूछा तो उसने चुबंक की तरफ इशारा किया.

आनन-फानन परिजन बच्चे को लेकर लोहिया संस्थान पहुंचे. इसी दौरान घटना की सूचना उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को मिली और वह भी मौके पर आ गए. उन्होंने तुरंत संस्थान के अधिकारियों को बच्चे के इलाज की सूचना दी. तुरंत डॉक्टरों की टीम ने बच्चे का इलाज शुरू किया. एक्सरे जांच कराई. जांच में पता चला चुंबक पेट में आ गया है. अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विक्रम सिंह ने बताया कि चुंबक पेट के अंदर चला गया. लिहाजा खतरे की कोई बात नहीं है. उन्होंने बताया कि यदि पेट में दर्द होता है, तो इलाज की जरूरत है. फिलहाल कोई खतरे की बात नहीं है. उप मुख्यमंत्री ने बच्चे को बेहतर इलाज मुहैया कराने के निर्देश दिए. इसके बाद उन्होंने इमरजेंसी में भर्ती बाकी मरीजों की सेहत का हाल लिया.

स्वास्थ्य विभाग ने अस्थाई रूप से बंद किया निजी अस्पताल
मोहान रोड स्थित निजी अस्पताल स्टाफ नर्स के भरोसे चल रहा था. भर्ती मरीज को कौन डॉक्टर देख रहा था? मरीज को क्या बीमारी है? इसका जिक्र मरीज के इलाज संबंधी दस्तावेज में दर्ज नहीं था. 10 से 15 तरह की दवाएं पर्चे पर लिखी थी. मरीज की जान से खिलवाड़ और मानकों के खिलाफ चल रहे अस्पताल को स्वास्थ्य विभाग ने फिलहाल अस्थायी रूप बंद करा दिया गया. मोहान रोड के खुशहालगंज स्थित निजी अस्पताल का संचालन ओटी टेक्नीशियन संदीप के जरिए किया जा रहा है.

शिकायत के बाद डिप्टी सीएमओ डॉ. शोभनाथ व डॉ. अनूप श्रीवास्तव ने अस्पताल में छापेमारी की. छापेमारी के दौरान टीम को एक स्टॉफ नर्स मिली. जांच दौरान फार्मेसी का लाइसेंस भी नहीं मिला. फार्मेसी में कई एक्सपार दवाएं मिली. अस्पताल की ओटी भी गंदगी मिली. इसके अलावा बॉयोमेडिकल व फायर फाइटिंग सिस्टम भी मानकों के अनरूप नहीं था. टीम ने अस्पताल का संचालन फिलहाल के तौर पर बंद करा दिया है. डिप्टी सीएमओ डॉ. अनूप श्रीवास्तव ने बताया कि पूरी रिपोर्ट सीएमओ को भेज दी गई है. अस्पताल में मौजूद मिली नर्स ने संचालक संदीप से फोन पर बात कराई. संदीप से इलाज संबंधी दस्तावेज व दूसरे कागजात के साथ सीएमओ कार्यालय बुलाया गया है.

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