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सावधान! यूपी में बच्चा चोरी करने वाला गैंग एक्टिव, बच्चों पर मंडरा रहा है खतरा

यूपी में बच्चा चोरी करने वाला गैंग एक्टिव (Child stealing gang active in UP) होने के कारण पुलिस ने उनके लिए जाल बिछाना शुरू कर दिया है. साथ ही पैरेंट्स को जागरूक करने की कोशिश भी यूपी पुलिस कर रही है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 22, 2023, 9:05 AM IST

Updated : Dec 22, 2023, 1:14 PM IST

लखनऊ: ठंड के आगाज से ही एक बार फिर यूपी में बच्चा चोरी करने वाला गैंग एक्टिव (Child Theft Gang in UP) हो गया है. ये गैंग घर के बाहर घूम या खेल रहे अकेले बच्चों को अपना शिकार बना रहा है. उन्हें अगवा करके भिखारी गैंग को बेच दे रहा है. बीते दिनों लखनऊ, कानपुर और वाराणसी समेत कई जिलों में हुई गैंग सदस्यों की गिरफ्तारियां ने लोगों को डरा दिया है. ईटीवी भारत आपको आज बताएगा कि, आखिर यह गैंग कैसे एक से पांच वर्ष के बच्चों को अपना शिकार बनाए रहा है? आखिर अपने बच्चों को ऐसे गैंग से कैसे बचाएं?

एक्टिव हुई यूपी पुलिस: बीते दिनों राजधानी के बाजारखाला थाना क्षेत्र में रहने वाले सलीम ने पुलिस को सूचना दी कि घर के बाहर खेल रहा उनका 2 वर्षीय बेटा अचानक कहीं गायब (Child stealing gang active in UP) हो गया है. सलीम की शिकायत पर पुलिस एक्टिव हुई और सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपी मुख्तार अली को कैंट थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर बच्चे को बरामद कर लिया. पूछताछ में सामने आया कि मुख्तार ने भिखारी गैंग को बेचने के लिए बच्चे को उठाया था. इस जानकारी के बाद लखनऊ पुलिस इस गैंग पर शिकंजा कसने के लिए हरकत में आ गई है.

गैंग की तलाश में जुटी पुलिस: लखनऊ में बच्चा चोरी का यह पहला मामला नहीं है. बीते दिनों वाराणसी, मुरादाबाद, कानपुर और लखनऊ में ही कई ऐसे गैंग के सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था, जो बच्चों को उनके घर से बाहर, भीड़ भाड़ वाली बाजारों और रेलवे स्टेशनों से चुरा ले रहे थे. ऐसे में एक बार फिर जब लखनऊ में ऐसे गैंग की दस्तक हुई है, तो पुलिस ने इस तरह के गैंग के सदस्यों को गिरफ्तार करने के लिए तीन टीमें गठित कर दी हैं. लखनऊ पुलिस के मुताबिक, हाल में पकड़े गए आरोपी से गिरोह के बारे में जानकारी जुटाई गई थी, जिसमें कुछ जानकारियां निकल कर सामने आई हैं. इसके तार अन्य जिलों और राज्यों से जुड़े हैं. ऐसे में पुलिस कुछ एनजीओ की मदद से ऐसे गैंग की तलाश में जुट गई है.

ऐसे देते हैं वारदात को अंजाम: लखनऊ पुलिस के मुताबिक, हाल ही में बच्चा चोर गैंग के सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद जो जानकारी मिली है, उससे सामने आया है कि, ये सभी गैंग कई जिलों और सरगना अन्य राज्यों में मौजूद हैं. इस गैंग के सदस्य गली मोहल्लों में घूमते हैं और फिर बच्चों को टॉफी और चॉकलेट का लालच देकर उन्हें उठा ले जाते हैं. इसके बाद उन्हे मुंबई, दिल्ली और कोलकाता में मौजूद भिखारी गैंग को बेच देते हैं. इसके अलावा कुछ बच्चों को ऐसे गिरोह को बेचे जाते है, जो घरों में काम करने के लिए बच्चों को रखते हैं.

खेल रहे बच्चों को उठा ले जाते हैं बच्चा चोर गैंग के सदस्य: बचपन बचाओ एनजीओ के सदस्य सूर्या कुमार के मुताबिक, बच्चा चोरी गैंग के सदस्य कई मोडस ऑपरेंडी पर काम करते है. इसमें कुछ भिखारी या फिर विक्षिप्त बन कर गली मोहल्लों में घूमते हैं. ये मौका पाकर बच्चों को उठा लेते हैं. कुछ सामान्य दिखने वाले होते हैं और बच्चों से घुल मिल कर उन्हें टॉफी चॉकलेट देने के बहाने उनके घर से दूर ले जाते हैं. फिर अपने अन्य साथियों को मदद से उन्हें उठा ले जाते हैं. ज्यादातर गैंग के लोग बच्चों को उठा कर उसी दिन जिले से बाहर मौजूद अपने साथियों के पास भेज देते हैं. इसके बाद एक दो दिन में ही उन्हें अलग-अलग राज्यों में भेज दिया जाता है. हालांकि बच्चों के ट्रांसफर के दौरान कुछ मामलों में रेलवे स्टेशनों में जीआरपी इन्हें दबोच भी लेती है.

इन बातों का रखे ख्याल:

  • माता पिता इस बात का ध्यान रखें कि, बच्चों को अपने घर के बाहर अकेला न छोड़ें.
  • संदिग्ध लोग यदि मोहल्ले या फिर घर के आस पास टहल रहे हों, तो उनसे सतर्क रहें और पूछताछ करें.
  • संदिग्ध व्यक्ति दिखने पर तत्काल पुलिस को सूचना दें.
  • यदि आपको कोई व्यक्ति संदिग्ध दिख रहा हो, तो अपने आसपास के लोगोंं को भी इसके बारे में जागरूक करें.
  • कई बार बच्चे खेलते हुए दूसरी जगह चले जाते हैं, तो उन्हें समझाएं कि सिर्फ घर के पास ही खेलें.
  • बच्चों को समझाएं कि किसी भी अनजान से न ही दोस्ती करें और न ही उनके किसी लालच में आएं.
  • बच्चा गायब होने पर तत्काल पुलिस को सूचना दें, ताकि बच्चा चोरों के दूर जाने से पहले ही उन्हें पकड़ा जा सके.

ये भी पढ़ें- उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अपमान पर शिवपाल यादव बोले- मिमिक्री एक कला है, किसी की नकल करना अच्छी बात

लखनऊ: ठंड के आगाज से ही एक बार फिर यूपी में बच्चा चोरी करने वाला गैंग एक्टिव (Child Theft Gang in UP) हो गया है. ये गैंग घर के बाहर घूम या खेल रहे अकेले बच्चों को अपना शिकार बना रहा है. उन्हें अगवा करके भिखारी गैंग को बेच दे रहा है. बीते दिनों लखनऊ, कानपुर और वाराणसी समेत कई जिलों में हुई गैंग सदस्यों की गिरफ्तारियां ने लोगों को डरा दिया है. ईटीवी भारत आपको आज बताएगा कि, आखिर यह गैंग कैसे एक से पांच वर्ष के बच्चों को अपना शिकार बनाए रहा है? आखिर अपने बच्चों को ऐसे गैंग से कैसे बचाएं?

एक्टिव हुई यूपी पुलिस: बीते दिनों राजधानी के बाजारखाला थाना क्षेत्र में रहने वाले सलीम ने पुलिस को सूचना दी कि घर के बाहर खेल रहा उनका 2 वर्षीय बेटा अचानक कहीं गायब (Child stealing gang active in UP) हो गया है. सलीम की शिकायत पर पुलिस एक्टिव हुई और सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपी मुख्तार अली को कैंट थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर बच्चे को बरामद कर लिया. पूछताछ में सामने आया कि मुख्तार ने भिखारी गैंग को बेचने के लिए बच्चे को उठाया था. इस जानकारी के बाद लखनऊ पुलिस इस गैंग पर शिकंजा कसने के लिए हरकत में आ गई है.

गैंग की तलाश में जुटी पुलिस: लखनऊ में बच्चा चोरी का यह पहला मामला नहीं है. बीते दिनों वाराणसी, मुरादाबाद, कानपुर और लखनऊ में ही कई ऐसे गैंग के सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था, जो बच्चों को उनके घर से बाहर, भीड़ भाड़ वाली बाजारों और रेलवे स्टेशनों से चुरा ले रहे थे. ऐसे में एक बार फिर जब लखनऊ में ऐसे गैंग की दस्तक हुई है, तो पुलिस ने इस तरह के गैंग के सदस्यों को गिरफ्तार करने के लिए तीन टीमें गठित कर दी हैं. लखनऊ पुलिस के मुताबिक, हाल में पकड़े गए आरोपी से गिरोह के बारे में जानकारी जुटाई गई थी, जिसमें कुछ जानकारियां निकल कर सामने आई हैं. इसके तार अन्य जिलों और राज्यों से जुड़े हैं. ऐसे में पुलिस कुछ एनजीओ की मदद से ऐसे गैंग की तलाश में जुट गई है.

ऐसे देते हैं वारदात को अंजाम: लखनऊ पुलिस के मुताबिक, हाल ही में बच्चा चोर गैंग के सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद जो जानकारी मिली है, उससे सामने आया है कि, ये सभी गैंग कई जिलों और सरगना अन्य राज्यों में मौजूद हैं. इस गैंग के सदस्य गली मोहल्लों में घूमते हैं और फिर बच्चों को टॉफी और चॉकलेट का लालच देकर उन्हें उठा ले जाते हैं. इसके बाद उन्हे मुंबई, दिल्ली और कोलकाता में मौजूद भिखारी गैंग को बेच देते हैं. इसके अलावा कुछ बच्चों को ऐसे गिरोह को बेचे जाते है, जो घरों में काम करने के लिए बच्चों को रखते हैं.

खेल रहे बच्चों को उठा ले जाते हैं बच्चा चोर गैंग के सदस्य: बचपन बचाओ एनजीओ के सदस्य सूर्या कुमार के मुताबिक, बच्चा चोरी गैंग के सदस्य कई मोडस ऑपरेंडी पर काम करते है. इसमें कुछ भिखारी या फिर विक्षिप्त बन कर गली मोहल्लों में घूमते हैं. ये मौका पाकर बच्चों को उठा लेते हैं. कुछ सामान्य दिखने वाले होते हैं और बच्चों से घुल मिल कर उन्हें टॉफी चॉकलेट देने के बहाने उनके घर से दूर ले जाते हैं. फिर अपने अन्य साथियों को मदद से उन्हें उठा ले जाते हैं. ज्यादातर गैंग के लोग बच्चों को उठा कर उसी दिन जिले से बाहर मौजूद अपने साथियों के पास भेज देते हैं. इसके बाद एक दो दिन में ही उन्हें अलग-अलग राज्यों में भेज दिया जाता है. हालांकि बच्चों के ट्रांसफर के दौरान कुछ मामलों में रेलवे स्टेशनों में जीआरपी इन्हें दबोच भी लेती है.

इन बातों का रखे ख्याल:

  • माता पिता इस बात का ध्यान रखें कि, बच्चों को अपने घर के बाहर अकेला न छोड़ें.
  • संदिग्ध लोग यदि मोहल्ले या फिर घर के आस पास टहल रहे हों, तो उनसे सतर्क रहें और पूछताछ करें.
  • संदिग्ध व्यक्ति दिखने पर तत्काल पुलिस को सूचना दें.
  • यदि आपको कोई व्यक्ति संदिग्ध दिख रहा हो, तो अपने आसपास के लोगोंं को भी इसके बारे में जागरूक करें.
  • कई बार बच्चे खेलते हुए दूसरी जगह चले जाते हैं, तो उन्हें समझाएं कि सिर्फ घर के पास ही खेलें.
  • बच्चों को समझाएं कि किसी भी अनजान से न ही दोस्ती करें और न ही उनके किसी लालच में आएं.
  • बच्चा गायब होने पर तत्काल पुलिस को सूचना दें, ताकि बच्चा चोरों के दूर जाने से पहले ही उन्हें पकड़ा जा सके.

ये भी पढ़ें- उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अपमान पर शिवपाल यादव बोले- मिमिक्री एक कला है, किसी की नकल करना अच्छी बात

Last Updated : Dec 22, 2023, 1:14 PM IST
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