लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में 23 नए महिला संरक्षण गृह और बालगृहों को बनाने का निर्णय लिया है. इन प्रस्तावों को हरी झंडी मिलने से संवासियों की सुविधाओं में काफी इजाफा होगा. महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से नए बालगृहों और महिला संरक्षण गृहों को बनाने के लिए उत्तर प्रदेश शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था, जिसपर शासन ने मुहर लगा दी.
इन गृहों में महिलाओं और बच्चों को मिलता है आश्रय
प्रदेश के विभिन्न जिलों में आश्रयहीन, बेसहारा बच्चों और महिलाओं के लिए बालगृह और महिला शरणालयों का संचालन किया जाता है. यूपी में कई राजकीय बालक बालगृह, राजकीय बालिका बालगृह, दत्तक गृह इकाई, शिशुगृह और महिला शरणालय हैं, जिनमें निराश्रित महिलाओं और बच्चों को आश्रय दिया जाता है.
प्रदेश में पहले से हैं इतने संरक्षण गृह
यूपी में कुल 26 राजकीय संरक्षण गृह और 22 राजकीय बालगृह हैं. राजकीय बालगृहों में आठ बालक, चार बालिका, पांच शिशु गृह और पांच विशेषज्ञ दत्तक इकाई हैं. इसके साथ ही एनजीओ द्वारा संचालित कुल 48 बालगृह प्रदेश में हैं, जिनमें नौ बालक, नौ बालिका, तीन शिशु, सात विशेषज्ञ दत्तक गृहण इकाई और 20 खुले आश्रयगृह हैं. यूपी के इन बालगृहों में लगभग 6,206 संवासी आश्रित हैं.
यूपी में बनेंगें 23 महिला एवं बाल आश्रय गृह
यूपी के विभिन्न जिलों में 23 महिला एवं बाल आश्रयगृहों का निर्माण किया जाएगा. इसमें लखनऊ, अमेठी, गोरखपुर, वाराणसी, अयोध्या जिलों में पांच एकीकृत गृहों का निर्माण किया जाएगा. इन नए 23 आश्रयगृहों में शिशुगृह, बालक-बालिका बालगृह और महिला शरणालयों का निर्माण किया जाएगा. वाराणसी में दो नए बालगृहों के साथ थीम पार्क का निर्माण किया जाएगा. इसमें एक बालिका बालगृह, एक शिशुगृह और एक थीम पार्क को बनाया जाएगा. वहीं, नोएडा में मातृ एवं बाल सदन निर्माण कार्य भी प्रस्तावित है.
तिरस्कृत संवासियों के लिए सजग है योगी सरकार
सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि योगी सरकार यूपी के तिरस्कृत बच्चों के अधिकारों और उनकी सुविधाओं के लिए सजग है. इस दिशा में बाल अधिकारों, शिक्षा और सेहत पर लगातार काम करने वाली योगी सरकार तिरस्कृत संवासियों की सुविधाओं में इजाफा करने के लिए नवीन बालगृहों के निर्माण के साथ उनमें डिजिटल शिक्षा के क्षेत्र में भी तेजी से काम कर रही है. मिशन शक्ति के तहत जहां एक ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महिलाओं और बच्चों की आवाज को बुलंद कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर महिलाओं और बच्चों के बहुमुखी विकास के लिए सुविधाओं में इजाफा करते हुए यूपी में नई योजनाओं का विस्तार कर रहे हैं.
समस्या का होगा निवारण
महिला एवं बाल विभाग के डिप्टी डायरेक्टर बृजेन्द्र सिंह निरंजन ने बताया कि यूपी में निराश्रित, तिरस्कृत बच्चों को बेहतर सुविधाओं संग आश्रय दिलाने की जिम्मेदारी हम लोगों की है. यूपी के बालगृहों में क्षमता से अधिक संवासियों के आश्रय की समस्या होती थी, लेकिन नवीन बालगृहों के निर्माण से क्षमता से जुड़ी समस्या का निवारण हो जाएगा.