लखनऊ: प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर से बैठक आयोजित की गई. बैठक में गंगा एवं यमुना नदी की जलगुणता, उनमें निस्तारित होने वाले सीवेज, औद्योगिक उत्प्रवाह के शोधन एवं जलगुणता में सुधार के लिए की जा रही कार्रवाई की समीक्षा की गई. बैठक में नगर विकास विभाग, नमामि गंगा एवं ग्रामीण जलापूर्ति, सिंचाई एवं जल संसाधन, आवास एवं शहरी नियोजन विभाग, उ.प्र.जल निगम एवं उ.प्र.प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक की.
जल शोधन की व्यवस्था की हुई समीक्षा
बैठक में गंगा, यमुना एवं उसकी सहायक नदियों की जलगुणता, सीवेज शोधन के लिए स्थापित एस.टी.पी.की कार्यक्षमताओं एवं भविष्य की योजनाओं, समस्त ड्रेनों की टैपिंग एवं अनटैप्ड ड्रेन्स के जल के शोधन की व्यवस्थाओं की समीक्षा की गई.
विभागों को दिये गये निर्देश
समीक्षा के उपरान्त संबंधित विभागों को निर्देश दिये गये कि स्थापित एसटीपी का प्रभावी रखरखाव व संचालन सुनिश्चित किया जाए. किसी भी परिस्थिति में प्रदूषित उत्प्रवाह का निस्तारण गंगा व उसकी सहायक नदियों में न किया जाए. एसटीपी के प्रभावी संचालन हेतु उत्तरदायी संस्थाओं द्वारा मेन्टिनेंस की स्थिति में शोधन हेतु वैकल्पिक व्यवस्था अवश्य सुनिश्चित करायी जाए. एसटीपी आपरेटर्स द्वारा उदासीनता बरतने की स्थिति में उनके विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाए.
सघन आवासीय क्षेत्रों में अवैध रूप से उद्योगों के संचालन से प्रदूषित उत्प्रवाह के निस्तारण की संभावना को कम से कम करने लिए जिला प्रशासन द्वारा संबंधित विभागों से समन्वय कर विशेष अभियान चलाकर दोषी उद्योगों के विरूद्ध कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाए.
विशेषकर कानपुर, प्रयागराज एवं वाराणसी में गंगा नदी के जल की गुणता सुनिश्चित करने हेतु अपर मुख्य सचिव, नगर विकास स्तर से संबंधित विभागों के साथ समय-समय पर बैठक कर क्रियान्वित की जा रही परियोजनाओं की समीक्षा की जाए और अनुश्रवण रखा जाये.
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