लखनऊ: राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने निर्माण कार्यों से संबंधित सभी विभागों एवं कार्यदायी संस्थाओं के साथ समीक्षा बैठक की. उन्होंने कहा कि जब पूरी धनराशि कार्यदायी संस्था को दे दी जाती है तो संबंधित कार्यों को समय से पूरा करने की जिम्मेदारी भी संस्था की होती है. इसलिए कार्यदायी संस्थाएं निर्धारित समयावधि में कार्यों को पूरा करें. यदि आवंटित धनराशि के उपयोग में अनियमितता अथवा गबन की शिकायत मिलती है, तो संबंधित ठेकेदार एवं दोषी विभागीय कार्मिकों से वसूली का दायित्व संबंधी कार्यदायी संस्था की है.
उन्होंने कहा कि कार्यदायी संस्थाओं के सभी डिवीजन में मानक के अनुसार स्टाफ की तैनाती हो. साथ ही मानक व उनकी क्षमता के अनुसार कार्य का आवंटन किया जाए. उन्होंने कहा कि जिन कार्यों के लिए धनराशि आवंटित की जा चुकी है. वह सभी कार्य शुरू हो जाने चाहिए. साथ ही माहवार कार्य प्रगति की समीक्षा का शिड्यूल भी बनाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि शत-प्रतिशत कार्य ई-टेंडरिंग प्रक्रिया से होंगे और कोई भी काम बिना डीपीआर के शुरू नहीं होना चाहिए.
इससे पूर्व बैठक में बताया गया कि चालू वित्तीय वर्ष में लोक निर्माण विभाग 23761 कार्य धनराशि 9911 करोड़ रुपये, यूपी राजकीय निर्माण निगम 2023 कार्य धनराशि 5403 करोड़ रुपये , यूपी प्रोजेक्ट्स काॅरपोरेशन 2728 कार्य 1728.39 करोड़ रुपये, यूपी स्टेट इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट काॅरपोरेशन लि. 1842 कार्य 1087 करोड़ रुपये, यूपी राज्य निर्माण सहकारी संघ लि. 1751 कार्य 549.32 करोड़ रुपये, यूपी आवास एवं विकास परिषद 222 कार्य 258 करोड़ रुपये. यूपी जल निगम 1600 करोड़ रुपये के कार्य, सी एंड डीएस जल निगम 203 कार्य 1041 करोड़ रुपये, आरईएस 11132 कार्य 1257.27 करोड़ रुपये , यूपी सीएलडीएफ 962 कार्य 227.52 करोड़ रुपये और यूपी पुलिस आवास निगम लि. 248 कार्य 1433.02 करोड़ के कराए जा रहे हैं. बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव लोक निर्माण विभाग नितिन रमेश गोकर्ण सहित संबंधित विभागों एवं कार्यदायी संस्थाओं के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.