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मुख्य सचिव ने जारी किया निर्देश, अधिकारी बार-बार न आएं मुख्यालय

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने पत्र के जरिए एक निर्देश जारी किया है. इसमें बताया गया है कि अब अधिकारियों की बैठकें डिजिटल माध्यम से कराई जाएंगी. अधिकारियों को बार-बार मुख्यालय जाने की जरूरत नहीं है.

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Published : Dec 30, 2019, 9:46 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने डिजिटल माध्यम को अधिक से अधिक बढ़ावा देने का फैसला किया है. इसी आशय के तहत प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी की तरफ से मुख्यालय स्तर पर होने वाली बैठकों में जनपद के अधिकारियों को बार-बार नहीं बुलाए जाने के दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. मुख्य सचिव ने अपने आदेश में कहा है कि जनपदीय अधिकारी बार-बार मुख्यालय न आएं और विभागीय समीक्षा बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंस, ईमेल या व्हाट्सएप के माध्यम से करें.

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को दिया निर्देश.

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिवों को पत्र भेजा है. पत्र के जरिए उन्होंने यह निर्देश जारी किया है कि जनपदीय अधिकारियों को बार-बार शासन या मुख्यालय स्तर पर होने वाली बैठकों में न बुलाया जाए. विभागीय समीक्षा बैठक अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, ईमेल या व्हाट्सएप के माध्यम से की जाएं. इससे शासन के कामकाज में कोई बाधा उत्पन्न नहीं होगी. साथ ही बार-बार मुख्यालय आने से भी अधिकारियों को राहत मिल सकेगी. अधिक आवश्यकता होने पर 2 महीने में कम से कम सिर्फ एक बार ही जनपद के अधिकारियों को मुख्यालय बुलाया जाए.

इसे भी पढ़ें- 2019 ने दिया 'तीन तलाक' को तलाक

फाइलों के निस्तारण में लापरवाही पर होगी कार्रवाई
मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने यह निर्देश भी दिए हैं कि शासन और विभाग को पत्रावलियां प्राप्त होने की तिथि पर ही निस्तारित की जाएं. किसी विशेष कारण से देरी की स्थिति में इसे अधिकतम 3 दिन में अवश्य निस्तारित कराया जाना सुनिश्चित किया जाए. अगर इस निर्देश के पालन में कहीं कोई लापरवाही हुई या फाइलों का निस्तारण ठीक से नहीं हुआ, तो संबंधित अधिकारी और कर्मचारियों के विरुद्ध उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने डिजिटल माध्यम को अधिक से अधिक बढ़ावा देने का फैसला किया है. इसी आशय के तहत प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी की तरफ से मुख्यालय स्तर पर होने वाली बैठकों में जनपद के अधिकारियों को बार-बार नहीं बुलाए जाने के दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. मुख्य सचिव ने अपने आदेश में कहा है कि जनपदीय अधिकारी बार-बार मुख्यालय न आएं और विभागीय समीक्षा बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंस, ईमेल या व्हाट्सएप के माध्यम से करें.

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को दिया निर्देश.

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिवों को पत्र भेजा है. पत्र के जरिए उन्होंने यह निर्देश जारी किया है कि जनपदीय अधिकारियों को बार-बार शासन या मुख्यालय स्तर पर होने वाली बैठकों में न बुलाया जाए. विभागीय समीक्षा बैठक अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, ईमेल या व्हाट्सएप के माध्यम से की जाएं. इससे शासन के कामकाज में कोई बाधा उत्पन्न नहीं होगी. साथ ही बार-बार मुख्यालय आने से भी अधिकारियों को राहत मिल सकेगी. अधिक आवश्यकता होने पर 2 महीने में कम से कम सिर्फ एक बार ही जनपद के अधिकारियों को मुख्यालय बुलाया जाए.

इसे भी पढ़ें- 2019 ने दिया 'तीन तलाक' को तलाक

फाइलों के निस्तारण में लापरवाही पर होगी कार्रवाई
मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने यह निर्देश भी दिए हैं कि शासन और विभाग को पत्रावलियां प्राप्त होने की तिथि पर ही निस्तारित की जाएं. किसी विशेष कारण से देरी की स्थिति में इसे अधिकतम 3 दिन में अवश्य निस्तारित कराया जाना सुनिश्चित किया जाए. अगर इस निर्देश के पालन में कहीं कोई लापरवाही हुई या फाइलों का निस्तारण ठीक से नहीं हुआ, तो संबंधित अधिकारी और कर्मचारियों के विरुद्ध उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार अब डिजिटल माध्यम को अधिक से अधिक बढ़ावा देने का फैसला किया है। मुख्यालय स्तर पर होने वाली बैठकों में जनपद ही अधिकारियों को बार-बार नहीं बुलाए जाने के दिशा निर्देश उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी की तरफ से जारी किए गए हैं मुख्य सचिव ने जारी अपने आदेश में कहा है कि जनपदीय अधिकारी बार-बार मुख्यालय ना आए और विभागीय समीक्षा बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंस ईमेल या व्हाट्सएप के माध्यम से संपादित करें।



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उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी की तरफ से सभी अपर मुख्य सचिव प्रमुख सचिव और सचिवों को पत्र भेजकर यह निर्देश जारी किए गए हैं कि जनपदीय अधिकारियों को बार-बार शासन या मुख्यालय स्तर पर होने वाली बैठकों में ना बुलाया जाए विभागीय समीक्षा बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ईमेल या व्हाट्सएप के माध्यम से संपादित कराए जाएं इससे शासन के कामकाज में कोई बाधा नहीं उत्पन्न होगी और बार-बार मुख्यालय आने से भी राहत अधिकारियों को मिल सकेगी बहुत ही अधिक आवश्यकता होने पर 2 महीने में कम से कम सिर्फ एक बार ही जनपद ही अधिकारियों को मुख्यालय बुलाया जाए।
फाइलों के निस्तारण में लापरवाही पर होगी कार्रवाई
इसके अलावा मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने यह निर्देश भी दिए हैं कि शासन और विभाग की पत्रावली यों को पत्रावली या प्राप्त होने की तिथि पर ही निस्तारित की जाए और किसी विशेष कारणवश देरी की स्थिति में अधिकतम 3 दिन में अवश्य निस्तारित कराया जाना सुनिश्चित किया जाए और अगर इस निर्देश के पालन में कहीं कोई लापरवाही हुई फाइलों का निस्तारण ठीक से नहीं हुआ तो संबंधित अधिकारी और कर्मचारियों के विरुद्ध उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।



Conclusion:
थंबनेल भेजने में खबर बार बार फेल्ड हो रही है, मोजो टीम का कहना है कि बिना थंबनेल के ही भेजिए।

नोट, इस खबर में मुख्य सचिव की बाईट मिल पाना सम्भव नही था, इस कारण वाईस ओवर के साथ भेजी गई है,
धन्यवाद धीरज त्रिपाठी

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