लखनऊ : कानपुर देहात में मां-बेटी की आग में जलने से मौत होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नजरें प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी पर टेढ़ी हो चुकी हैं. मुख्यमंत्री योगी ने खासतौर पर प्राधिकरण के अधिकारियों को स्पष्ट आदेश दिया है कि अब गरीब की झोपड़ी पर बुलडोजर न चलाया जाए. केवल अपराधी और माफिया को निशाने पर लिया जाए. छोटे-छोटे लोगों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने से बचें. यही नहीं कहा तो यह भी जा रहा है कि उत्तर प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में बहुत जल्द ही बड़े बदलाव किए जाएंगे.
गोरखपुर जाने के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्राधिकरण के अधिकारियों के संबंध में स्पष्ट कहा है कि 'बुलडोजर गरीब की झोपड़ी गिरा रहा है. यह अच्छे संकेत नहीं है. हमारी सरकार का उद्देश्य गरीबों को उजाड़ना नहीं है. हमको बसाने का काम करना है. यह बात जरूर है कि हम अपराधियों और माफियाओं के अवैध निर्माणों को जरूर तोड़ेंगे. उन पर बुलडोजर जरूर चलेगा. अपराधियों को बक्शा नहीं जाएगा, लेकिन अधिकारी गरीब का घर न उजाडे़ं.'
प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में बड़े फेरबदल की आहट : लखनऊ आगामी दिनों में ब्यूरोक्रेसी में बड़ा बदलाव हो सकता है. प्रदेश भर की नौकरशाही में बड़ा फेरबदल होगा. आईएएस और आईपीएस अफ़सरों के जल्द तबादले होंगे. डीआईजी, आईजी और मंडलायुक्त, जिलों के डीएम और एसपी सीनियर पीसीएस और पीपीएस पदों पर बड़े बदलाव होंगे. बड़े पैमाने पर तबादले, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे. वह कई ऑफिसर्स की कार्यप्रणाली से बेहद खफा हैं. गोरखपुर जाते जाते मुख्यमंत्री ने सीनियर अधिकारियों को ट्रांसफर पोस्टिंग से संबंधित मामले में आड़े हाथ लिया है. गौरतलब है कि कानपुर देहात के मामले में वहां की जिलाधिकारी नेहा जैन और मुख्य विकास अधिकारी की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं. दोनों इस दौरान समारोह में नाचते गाते देखे गए थे.
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