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CM Yogi Adityanath ने कहा, मंत्री हो या आमजन कोई भी जिम्मेदारियों से भाग नहीं सकता

राजधानी में शनिवार को हायर एजूकेशन काॅन्क्लेव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि 'केवल शिक्षा के ही 1.57 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं. नये विश्वविद्यालय व शिक्षा के केंद्र मॉडल के रूप में स्थापित होंगे.'

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Published : Feb 4, 2023, 4:37 PM IST

Updated : Feb 4, 2023, 4:55 PM IST

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 'उत्तर प्रदेश भारत की आध्यात्मिक व धार्मिक परंपरा का हृदय स्थल है और इसका प्रतिनिधित्व देश व दुनिया के सामने करता है. भारत ने वैश्विक मंच पर दुनिया को जो नेतृत्व दिया है, उसमें जिस क्षेत्र को हम भुला देते हैं. वह शिक्षा का क्षेत्र है, जिसमें भारत विश्व गुरु के रूप में प्रतिष्ठित था और यूपी उसकी आधार भूमि थी.' यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को हायर एजुकेशन कॉन्क्लेव में बतौर मुख्य अतिथि कहीं.

उन्होंने कहा कि 'हम समाज की जिम्मेदारियों से भाग नहीं सकते. मंत्री हो या आमजन, सबके लिए एक ही एक्ट व व्यवस्था है. हम अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर, फैकल्टी, डिजिटल लाइब्रेरी और अच्छा माहौल विश्वविद्यालय को दें, लेकिन ध्यान रखें कि भारतीय मूल्यों व आदर्शों से भटकाव की नौबत न आये. ध्यान रहना चाहिए कि ऐसे कोई कार्य न हों कि कैंपस में राष्ट्रीयता से विपरीत नई धारा को जन्म मिले.'


उन्होंने कहा कि 'जीआईएस में केवल शिक्षा के ही 1.57 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं. नये विश्वविद्यालय व शिक्षा के केंद्र मॉडल के रूप में स्थापित होंगे. नेशनल एजुकेशन पॉलिसी अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के कैंपस स्थापित करने की स्वतंत्रता दे रही है पर क्या हम इसके लिए तैयार हो पाये हैं. हमें नया माहौल देना होगा. हमने शोध की प्रक्रिया को बाधित क्यों किया. कागजी कार्रवाई की प्रक्रिया की बाधा को हटाना पड़ेगा. इस दिशा में नये सिरे से काम करना होगा. नवाचार के लिए युवाओं को प्रेरित करना होगा. आज के यूपी में शिक्षा के क्षेत्र में असीम संभावनाओं को बढ़ाने में हम योगदान दे सकते हैं. उसे नई उड़ान देने के लिए यूपी में केंद्रीय, राज्य व निजी विश्वविद्यालय ने अच्छे प्रयास शुरू किये हैं. रिसर्च के कुछ मॉडल दिये हैं, नए मानक गढ़े हैं. उस दिशा में विस्तृत मनन हो सके, ज्ञान का आदान-प्रदान कर सकें, स्रोत व नवाचार को प्रदेश के हर कोने तक विस्तार देकर प्रदेश को फिर से शिक्षा के बेहतरीन केंद्र के रूप में विकसित कर सकें.'

सीएम ने कहा कि 'यूपी देश में रेवेन्यू सरप्लस स्टेट है. अपनी आय को दोगुना कर चुका है. हमें आज बड़े से बड़ा प्रोजेक्ट लेना हो तो हाथ नहीं फैलाना होगा, बल्कि राज्य अपने दम पर तत्परता से बढ़ सकता है. इसके लिए हमने यूपी की संभावनाओं को टटोला. हमने तीन सेक्टर को चिह्नित किया. यूपी के पास सबसे बड़ी उर्वरा भूमि है, सबसे अच्छा जल संसाधन है. पहले किसी को शासन की योजनाओं की जानकारी नहीं थी. छह वर्ष में प्रयास प्रारंभ हुए. देश की 16 फीसदी आबादी यूपी में है, लेकिन कृषि योग्य भूमि हमारे पास केवल 11 फीसदी है. इस भूमि में यूपी आज देश के लिए अकेले 20 फीसदी फूड खाद्यान्न उत्पादन कर रहा है. हमारे पास हर जनपद में आज कृषि विज्ञान केंद्र है. राज्य सरकार की तरफ से चार कृषि विश्वविद्यालय संचालित हैं.'



सीएम ने कहा कि 'यूपी के पास एमएसएमई (MSME) का सबसे बड़ा बेस था, लेकिन दम तोड़ रहा था. 2017 में वेतन देने के पैसे नहीं थे. हमने कार्य प्रारंभ कर उसे ओडीओपी के रूप में प्रमोट किया, ब्रांडिंग की, बाजार दिया, नई डिजाइन व तकनीक दी. जो लोग पहले कैरोसीन व डीजल से संचालित करते थे, उन्हें बिजली की सुविधा उपलब्ध कराई. परिणाम स्वरूप यूपी का एक्सपोर्ट दोगुने से ज्यादा हुआ. आज एक लाख 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक का एक्सपोर्ट एमएसएमई कर रहा है. इसमें भी नए स्टार्टअप स्थापित करने की संभावना है. यूपी के पास 96 लाख यूनिट है. अलग-अलग जगह की अलग-अलग संभावनाएं हैं. यूपी के पास स्किल पावर है.'


सीएम ने कहा कि 'लंबे समय तक गोरखपुर में सांसद के रूप में प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला. वहां इंसेफेलाइटिस से प्रतिवर्ष हजारों मौतें होती थीं. 40 वर्ष तक मौत का सिलसिला चलता रहा. पूर्वी यूपी के किसी विश्वविद्यालय, मेडिकल कॉलेज या डॉक्टर ने उस पर रिसर्च पेपर नहीं लिखा. मैं जूझता रहा, लड़ता रहा. सत्ता में थे तो सरकार का ध्यान आकर्षित करता था, लोगों को संसाधन उपलब्ध कराता था, विपक्ष में थे तो सड़कों पर आंदोलन करता था. 2017 में जब मुख्यमंत्री का दायित्व मिला तो मैंने कहा कि अब मुझे इसका समाधान निकालना होगा. मेरा अनुभव पास था, मैंने अंतर विभागीय समन्वय के लिए टीम बनाई.'

यह भी पढ़ें : News of Samajwadi Party : अखिलेश यादव ने कहा- पिछड़ों, दलितों के लिए संविधान सबसे बड़ा धर्म

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 'उत्तर प्रदेश भारत की आध्यात्मिक व धार्मिक परंपरा का हृदय स्थल है और इसका प्रतिनिधित्व देश व दुनिया के सामने करता है. भारत ने वैश्विक मंच पर दुनिया को जो नेतृत्व दिया है, उसमें जिस क्षेत्र को हम भुला देते हैं. वह शिक्षा का क्षेत्र है, जिसमें भारत विश्व गुरु के रूप में प्रतिष्ठित था और यूपी उसकी आधार भूमि थी.' यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को हायर एजुकेशन कॉन्क्लेव में बतौर मुख्य अतिथि कहीं.

उन्होंने कहा कि 'हम समाज की जिम्मेदारियों से भाग नहीं सकते. मंत्री हो या आमजन, सबके लिए एक ही एक्ट व व्यवस्था है. हम अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर, फैकल्टी, डिजिटल लाइब्रेरी और अच्छा माहौल विश्वविद्यालय को दें, लेकिन ध्यान रखें कि भारतीय मूल्यों व आदर्शों से भटकाव की नौबत न आये. ध्यान रहना चाहिए कि ऐसे कोई कार्य न हों कि कैंपस में राष्ट्रीयता से विपरीत नई धारा को जन्म मिले.'


उन्होंने कहा कि 'जीआईएस में केवल शिक्षा के ही 1.57 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं. नये विश्वविद्यालय व शिक्षा के केंद्र मॉडल के रूप में स्थापित होंगे. नेशनल एजुकेशन पॉलिसी अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के कैंपस स्थापित करने की स्वतंत्रता दे रही है पर क्या हम इसके लिए तैयार हो पाये हैं. हमें नया माहौल देना होगा. हमने शोध की प्रक्रिया को बाधित क्यों किया. कागजी कार्रवाई की प्रक्रिया की बाधा को हटाना पड़ेगा. इस दिशा में नये सिरे से काम करना होगा. नवाचार के लिए युवाओं को प्रेरित करना होगा. आज के यूपी में शिक्षा के क्षेत्र में असीम संभावनाओं को बढ़ाने में हम योगदान दे सकते हैं. उसे नई उड़ान देने के लिए यूपी में केंद्रीय, राज्य व निजी विश्वविद्यालय ने अच्छे प्रयास शुरू किये हैं. रिसर्च के कुछ मॉडल दिये हैं, नए मानक गढ़े हैं. उस दिशा में विस्तृत मनन हो सके, ज्ञान का आदान-प्रदान कर सकें, स्रोत व नवाचार को प्रदेश के हर कोने तक विस्तार देकर प्रदेश को फिर से शिक्षा के बेहतरीन केंद्र के रूप में विकसित कर सकें.'

सीएम ने कहा कि 'यूपी देश में रेवेन्यू सरप्लस स्टेट है. अपनी आय को दोगुना कर चुका है. हमें आज बड़े से बड़ा प्रोजेक्ट लेना हो तो हाथ नहीं फैलाना होगा, बल्कि राज्य अपने दम पर तत्परता से बढ़ सकता है. इसके लिए हमने यूपी की संभावनाओं को टटोला. हमने तीन सेक्टर को चिह्नित किया. यूपी के पास सबसे बड़ी उर्वरा भूमि है, सबसे अच्छा जल संसाधन है. पहले किसी को शासन की योजनाओं की जानकारी नहीं थी. छह वर्ष में प्रयास प्रारंभ हुए. देश की 16 फीसदी आबादी यूपी में है, लेकिन कृषि योग्य भूमि हमारे पास केवल 11 फीसदी है. इस भूमि में यूपी आज देश के लिए अकेले 20 फीसदी फूड खाद्यान्न उत्पादन कर रहा है. हमारे पास हर जनपद में आज कृषि विज्ञान केंद्र है. राज्य सरकार की तरफ से चार कृषि विश्वविद्यालय संचालित हैं.'



सीएम ने कहा कि 'यूपी के पास एमएसएमई (MSME) का सबसे बड़ा बेस था, लेकिन दम तोड़ रहा था. 2017 में वेतन देने के पैसे नहीं थे. हमने कार्य प्रारंभ कर उसे ओडीओपी के रूप में प्रमोट किया, ब्रांडिंग की, बाजार दिया, नई डिजाइन व तकनीक दी. जो लोग पहले कैरोसीन व डीजल से संचालित करते थे, उन्हें बिजली की सुविधा उपलब्ध कराई. परिणाम स्वरूप यूपी का एक्सपोर्ट दोगुने से ज्यादा हुआ. आज एक लाख 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक का एक्सपोर्ट एमएसएमई कर रहा है. इसमें भी नए स्टार्टअप स्थापित करने की संभावना है. यूपी के पास 96 लाख यूनिट है. अलग-अलग जगह की अलग-अलग संभावनाएं हैं. यूपी के पास स्किल पावर है.'


सीएम ने कहा कि 'लंबे समय तक गोरखपुर में सांसद के रूप में प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला. वहां इंसेफेलाइटिस से प्रतिवर्ष हजारों मौतें होती थीं. 40 वर्ष तक मौत का सिलसिला चलता रहा. पूर्वी यूपी के किसी विश्वविद्यालय, मेडिकल कॉलेज या डॉक्टर ने उस पर रिसर्च पेपर नहीं लिखा. मैं जूझता रहा, लड़ता रहा. सत्ता में थे तो सरकार का ध्यान आकर्षित करता था, लोगों को संसाधन उपलब्ध कराता था, विपक्ष में थे तो सड़कों पर आंदोलन करता था. 2017 में जब मुख्यमंत्री का दायित्व मिला तो मैंने कहा कि अब मुझे इसका समाधान निकालना होगा. मेरा अनुभव पास था, मैंने अंतर विभागीय समन्वय के लिए टीम बनाई.'

यह भी पढ़ें : News of Samajwadi Party : अखिलेश यादव ने कहा- पिछड़ों, दलितों के लिए संविधान सबसे बड़ा धर्म

Last Updated : Feb 4, 2023, 4:55 PM IST
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