हैदराबाद : छठ पूजा की शुरुआत नहाय-खाय (Nahay Khay) से होती है. छठ के पहले दिन यानी नहाय-खाय के साथ लोग गंगा में डुबकी लगाकर या गंगा जल छिड़ककर सूर्य देव की पूजा-अर्चना के साथ पूजा की शुरुआत करते हैं.सके बाद भोजन बनाया जाता है. उत्तर भारत में मनाये जाने वाले इस महापर्व छठ को लोग काफी उत्साहित रहते हैं.
किस दिन क्या है
हिंदू पंचांग के मुताबिक छठ पूजा कार्तिक माह की षष्ठी से शुरू हो जाती है. यह पर्व चार दिनों चलता है. साल 2021 में छठ पूजा 8 नवंबर से शुरू हो रहा है. इस साल नहाय-खाय सोमवार से शुरू हो रहा है. इसके अगले दिन यानी 9 नवंबर को खरना मनाया जाएगा. जबकि 10 नवंबर को सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और फिर 11 नवंबर की सुबह सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही इस पावन पर्व का समापन हो जाएगा.
नहाय खाय
नहाय खाय की सुबह व्रती भोर बेला में उठते हैं और गंगा स्नान आदि करने के बाद सूर्य पूजा के साथ व्रत की शुरुआत करते हैं. इसके बाद चना दाल के साथ कद्दू-भात (कद्दू की सब्जी और चावल) तैयार किया जाता है और इसे ही खाया जाता है. इसके साथ ही व्रती 36 घंटे के निर्जला व्रत को प्रारंभ करते हैं. नहाय खाए के साथ व्रती नियमों के साथ सात्विक जीवन जीते हैं.
छठ पूजा मुहूर्त
छठ पूजा बुधवार, 10 नवम्बर 2021 के दिन मनाई जाएगी.
छठ पूजा के दिन सूर्योदय समय - 06:40 AM
छठ पूजा के दिन सूर्यास्त समय - 05:30 PM
षष्ठी तिथि प्रारम्भ - 09, नवम्बर 2021 को 10:35 AM से
षष्ठी तिथि समाप्त - 10, नवम्बर 2021 को 08:25 PM तक
छठ पूजा 2021 कैलेंडर
08 नवंबर 2021, सोमवार को नहाय खाय से छठ पूजा का आरंभ होगा.
09 नवंबर 2021, मंगलवार के दिन छठ पर्व खरना.
10 नंवबर 2021, बुधवार के दिन छठ पूजा, इस दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है.
11 नवंबर 2021, गुरुवार के दिन दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और छठ पूजा समापन.
छठ पूजा सामग्री
प्रसाद रखने के लिए बांस की दो तीन बड़ी टोकरी
बांस या पीतल के बने तीन सूप, लोटा, थाली, दूध और जल के लिए ग्लास
नए वस्त्र साड़ी-कुर्ता पजामा, चावल, लाल सिंदूर, धूप और बड़ा दीपक, पानी वाला नारियल
गन्ना जिसमें पत्ता लगा हो, सुथनी और शकरकंदी, हल्दी और अदरक का पौधा
नाशपाती और बड़ा वाला मीठा नींबू, जिसे टाब भी कहते हैं
शहद की डिब्बी, पान और साबुत सुपारी, कैराव, कपूर, कुमकुम, चन्दन, और कई तरह की मिठाई की जरूरत होती है.
इन नियमों का करें पालन
- नहाय-खाय के दिन से व्रती को साफ और नए कपड़े पहनने चाहिए.
- नहाय खाए से छठ का समापन होने तक व्रती को जमीन पर ही सोना चाहिए. व्रती जमीन पर चटाई या चादर बिछाकर सो सकते हैं.
- घर में तामसिक और मांसाहार वर्जित है. इसलिए इस दिन से पहले ही घर पर मौजूद ऐसी चीजों को बाहर कर देना चाहिए और घर को साफ-सुथरा कर देना चाहिए.
- शराब, धुम्रपान आदि न करें. किसी भी तरह की बुरी आदतों को करने से बचें.
- साफ-सफाई का विशेष ध्यान दें. पूजा की वस्तु का गंदा होना अच्छा नहीं माना जाता.
- महिलाएं माथे पर सिंदूर जरूर लगाएं. सिंदूर नाक से लेकर पूरी मांग भरने की परंपरा है.
- किसी भी वस्तु को छूने से पहले हाथ जरूरत धोएं.