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रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी, FIR दर्ज

कानपुर के बाल गोविंद से रेलवे में नौकरी दिलाने (railway fraud job) के नाम पर 2 लाख रुपये की ठगी की गई. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

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कोतवाली सरोजनीनगर थाना
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Published : Oct 14, 2022, 9:45 AM IST

लखनऊ: जालसाजों के हौसले बुलंद होते जा रहे है. इसी कड़ी में कानपुर के बिधूना स्थित बुधेड़ा गांव निवासी बाल गोविंद ने रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर सरोजनीनगर के सेक्टर - ई, एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड निवासी संजय कुमार वर्मा, उसके परिजनों और उत्तराखंड के हरिद्वार स्थित सिडकुल निवासी रामप्रकाश और उसकी पत्नी आशा प्रकाश पर करीब 2 लाख रुपये की रकम हड़पने (railway fraud job) का आरोप लगा है. लखनऊ की सरोजनीनगर पुलिस मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश कर रही है.

पीड़ित बाल गोविंद का कहना है कि उसकी मुलाकात 25 जनवरी 2017 को रामप्रकाश से गोरखपुर में हुई थी. तब रामप्रकाश ने नौकरी का झांसा देते हुए संजय वर्मा से मिलवाया. बाद में 2 फरवरी 2017 को संजय कुमार वर्मा और राम प्रकाश साहनी से बाल गोविंद की मुलाकात लखनऊ स्थित एक होटल में हुई, जहां दोनों ने बाल गोविंद को आसनसोल (वेस्ट बंगाल) बुलाया. वहां पर 10 दिनों तक होटल में रखने के बाद चितरंजन स्थित दुर्गापुर में मेडिकल टेस्ट कराया और 13 फरवरी से 24 फरवरी तक आसनसोल में अपने साथ रखा. बाद में वापस भेज दिया. संजय ने दोबारा 4 मार्च 2017 को बाल गोविंद को रामप्रकाश के साथ ट्रेन से आसनसोल बुलवाया और वहां 8 मार्च तक बाल गोविंद को रखा गया, जहां कोई कार्य नहीं कराया और वापस लौटा दिया. फिर 18 मार्च 2017 को लखनऊ स्थित एक होटल में रुक कर पैसे वसूले और यह कहा कि कोलकाता दूर पड़ रहा है. इसलिए अब दिल्ली से काम कराया जाएगा.

आरोप है कि संजय वर्मा ने फिर 8 अप्रैल 17 को बाल गोविंद लाल और रत्नाकर नाम के लड़के को दिल्ली भेजा. 10 अप्रैल 2017 को खुद दिल्ली में आकर मिला और 11 अप्रैल को रेल भवन बुलाकर जॉइनिंग लेटर थमा दिया. 13 अप्रैल 2017 को फिर वापस भेज दिया गया. यह क्रम कई बार चला. इसी तरह संजय वर्मा और रामप्रकाश ने उसे कभी दिल्ली में बुलाकर जॉइनिंग लेटर दिया तो कभी आसनसोल ले गया. इतना ही नहीं वाराणसी और इलाहाबाद भी बुलाया गया. साथ ही लखनऊ स्थित डीआरएम ऑफिस के भी कई बार चक्कर लगवाए गए. इस तरह अनगिनत बार उसे इधर-उधर बुला कर वापस भेज दिया गया.

आरोप है कि आरोपियों ने कई बार अपने अपने खातों में उससे करीब 2 लाख रुपये की रकम ली. लेकिन इसके बाद भी उसे नौकरी नहीं मिली. जब बाल गोविंद को संदेह हुआ कि यह लोग नौकरी दिलाने का झांसा देकर सिर्फ रकम ऐंठ रहे हैं. तब उसने रामप्रकाश, उसकी पत्नी आशा प्रकाश और संजय वर्मा से अपनी रकम मांगनी शुरू की, जिसके बाद संजय ने बाल गोविंद को 15 हजार, 25 हजार और 20 हजार की अलग-अलग तारीखों में तीन चेक थमा दीं, लेकिन वह चेक बाउंस हो गईं. बाद में पैसे मांगने पर वह उसके साथ गाली गलौज करने के साथ ही फर्जी मुकदमे में जेल भेजने की धमकी देने लगे, जिससे परेशान होकर बाल गोविंद ने मामले की लिखित शिकायत लखनऊ के पुलिस आयुक्त से की. फिलहाल पुलिस कमिश्नर के आदेश पर सरोजनीनगर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है.

यह भी पढ़ें- घर से निकली लड़की बनी हवस का शिकार, प्रतापगढ़ में नाबालिग से गैंगरेप

लखनऊ: जालसाजों के हौसले बुलंद होते जा रहे है. इसी कड़ी में कानपुर के बिधूना स्थित बुधेड़ा गांव निवासी बाल गोविंद ने रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर सरोजनीनगर के सेक्टर - ई, एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड निवासी संजय कुमार वर्मा, उसके परिजनों और उत्तराखंड के हरिद्वार स्थित सिडकुल निवासी रामप्रकाश और उसकी पत्नी आशा प्रकाश पर करीब 2 लाख रुपये की रकम हड़पने (railway fraud job) का आरोप लगा है. लखनऊ की सरोजनीनगर पुलिस मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश कर रही है.

पीड़ित बाल गोविंद का कहना है कि उसकी मुलाकात 25 जनवरी 2017 को रामप्रकाश से गोरखपुर में हुई थी. तब रामप्रकाश ने नौकरी का झांसा देते हुए संजय वर्मा से मिलवाया. बाद में 2 फरवरी 2017 को संजय कुमार वर्मा और राम प्रकाश साहनी से बाल गोविंद की मुलाकात लखनऊ स्थित एक होटल में हुई, जहां दोनों ने बाल गोविंद को आसनसोल (वेस्ट बंगाल) बुलाया. वहां पर 10 दिनों तक होटल में रखने के बाद चितरंजन स्थित दुर्गापुर में मेडिकल टेस्ट कराया और 13 फरवरी से 24 फरवरी तक आसनसोल में अपने साथ रखा. बाद में वापस भेज दिया. संजय ने दोबारा 4 मार्च 2017 को बाल गोविंद को रामप्रकाश के साथ ट्रेन से आसनसोल बुलवाया और वहां 8 मार्च तक बाल गोविंद को रखा गया, जहां कोई कार्य नहीं कराया और वापस लौटा दिया. फिर 18 मार्च 2017 को लखनऊ स्थित एक होटल में रुक कर पैसे वसूले और यह कहा कि कोलकाता दूर पड़ रहा है. इसलिए अब दिल्ली से काम कराया जाएगा.

आरोप है कि संजय वर्मा ने फिर 8 अप्रैल 17 को बाल गोविंद लाल और रत्नाकर नाम के लड़के को दिल्ली भेजा. 10 अप्रैल 2017 को खुद दिल्ली में आकर मिला और 11 अप्रैल को रेल भवन बुलाकर जॉइनिंग लेटर थमा दिया. 13 अप्रैल 2017 को फिर वापस भेज दिया गया. यह क्रम कई बार चला. इसी तरह संजय वर्मा और रामप्रकाश ने उसे कभी दिल्ली में बुलाकर जॉइनिंग लेटर दिया तो कभी आसनसोल ले गया. इतना ही नहीं वाराणसी और इलाहाबाद भी बुलाया गया. साथ ही लखनऊ स्थित डीआरएम ऑफिस के भी कई बार चक्कर लगवाए गए. इस तरह अनगिनत बार उसे इधर-उधर बुला कर वापस भेज दिया गया.

आरोप है कि आरोपियों ने कई बार अपने अपने खातों में उससे करीब 2 लाख रुपये की रकम ली. लेकिन इसके बाद भी उसे नौकरी नहीं मिली. जब बाल गोविंद को संदेह हुआ कि यह लोग नौकरी दिलाने का झांसा देकर सिर्फ रकम ऐंठ रहे हैं. तब उसने रामप्रकाश, उसकी पत्नी आशा प्रकाश और संजय वर्मा से अपनी रकम मांगनी शुरू की, जिसके बाद संजय ने बाल गोविंद को 15 हजार, 25 हजार और 20 हजार की अलग-अलग तारीखों में तीन चेक थमा दीं, लेकिन वह चेक बाउंस हो गईं. बाद में पैसे मांगने पर वह उसके साथ गाली गलौज करने के साथ ही फर्जी मुकदमे में जेल भेजने की धमकी देने लगे, जिससे परेशान होकर बाल गोविंद ने मामले की लिखित शिकायत लखनऊ के पुलिस आयुक्त से की. फिलहाल पुलिस कमिश्नर के आदेश पर सरोजनीनगर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है.

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