वाराणसी: प्रयागराज में महाकुंभ लगने जा रहा है, जिसकी चारों ओर तैयारी चल रही है. यह महाकुंभ तीर्थ के साथ कारोबार के नजरिया से भी बेहद खास माना जा रहा है. इस महाकुंभ में प्रयागराज से आने वाले श्रद्धालुओं से न सिर्फ प्रयागराज को आर्थिक लाभ मिलेगा, बल्कि इसका सीधा असर बनारस और अयोध्या को भी मिलेगा. अनुमान है कि इस महाकुंभ में 40 करोड़ से ज्यादा की संख्या में लोग पहुंचेंगे. इसमें से 80 फीसदी लोगों के बनारस आने की उम्मीद है. इस वजह से बनारस के पर्यटन कारोबारियों में खासा उल्लास है. उनका कहना है कि महाकुंभ का आशीर्वाद बनारस को करोड़ों का कारोबार देकर जाएगा.
दरअसल, महाकुंभ तीर्थाटन के साथ पर्यटन को भी एक नया आयाम दे रहा है. उसके जरिए पर्यटन की एक त्रिकोणीय श्रृंखला बन रही है. यह त्रिकोणीय श्रृंखला प्रयाग, काशी और अयोध्या की है. इसका केंद्र भले ही प्रयागराज होगा, लेकिन इसका सीधा फायदा काशी और अयोध्या को होगा. करोड़ों पर्यटकों से काशी होटल से लेकर हॉस्पिटैलिटी के जितने भी व्यापार हैं, सभी बूम पर रहेंगे. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि महाकुंभ में 40 करोड़ के अस्सी प्रतिशत श्रद्धालु काशी पहुंचेगे. साथ ही अयोध्या में भी हाजिरी लगाएगें. उनकी काशी में बुकिंग अभी से देखी जा रही है. बड़ी बात ये हैं कि श्रद्धालुओं के इस संख्या में बड़ी मात्रा में विदेशी भी शामिल हैं.
काशी को 25 हजार करोड़ का रोजगार : इस बारे में वाराणसी टूरिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राहुल मेहता बताते हैं कि, विश्वनाथ धाम बनने के बाद बड़ी संख्या में पर्यटक बनारस है. उसके बाद अयोध्या में राम मंदिर बना. लोग वहां भी जाने लगे. अब जो भी पर्यटक बनारस आता है, वह काशी के बाद प्रयाग और अयोध्या जरूर जाता है. लेकिन, बड़ी बात यह है कि अयोध्या और प्रयाग में अभी उस स्तर की कनेक्टिविटी और हॉस्पिटैलिटी नहीं है. इस वजह से ज्यादातर लोग बनारस आना पसंद करते हैं.
यही वजह है कि दिन भले ही लोग संगम नगरी, रामनगरी में बिता दे, लेकिन रात में स्टे वह बनारस में करते हैं और यहां के गंगा आरती वह अलग-अलग स्थान का भ्रमण करते हैं. इस बार महाकुंभ में भी लगभग 80 फीसदी ट्रैफिक बनारस आ रही है. अब तक 70 फीसदी से ज्यादा की बुकिंग हो चुकी है. हमें उम्मीद है कि बनारस आने वाला पर्यटकों का यह कारोबार इस बार 25000 करोड़ के पर जाने वाला है.
करोड़ों की संख्या में आएंगे विदेशी मेहमान : वही ट्रैवल ऑपरेटर अभिषेक सिंह बताते हैं कि, इस बार कुंभ में 40 करोड़ के साथ ही विदेशी पर्यटक भी करोड़ों की संख्या में मौजूद होंगे. हमारे पास लगातार क्वेरी और बुकिंग आ रही है. यूरोपियन कंट्री के लोग कुंभ में आना चाहते हैं. कुंभ के जो कलरफुल विजन होता है वह विदेशी मेहमानों को खूब आकर्षित करता है.
यही वजह है कि बड़ी संख्या में देशी विदेशी पर्यटकों की क्वेरी हो रही है. यह पर्यटक प्रयाग घूमने के बाद बनारस आएंगे और यहां पर भी अलग-अलग क्षेत्र का भ्रमण करेंगे.चूंकि अक्टूबर से लेकर के फरवरी तक विदेशी मेहमानों का पीक सीजन होता है और इसी सीजन में इस पर महाकुंभ जिस वजह से पर्यटकों का एक बड़ा आंकड़ा मौजूद होगा.
हैंडीक्राफ्ट को मिलेगी संजीवनी: महाकुंभ के तहत आने वाले पर्यटकों की भीड़ के मद्देनजर बनारस में लगभग 300 से ज्यादा नए पीजी गेस्ट हाउस और इसके साथ ही लगभग 500 नई ट्रैवल की गाड़ियां जोड़ी गई हैं, ताकि बड़ी संख्या में लोगों को हॉस्पिटैलिटी की सुविधा दी जाए. इसके साथ यदि हैंडीक्राफ्ट के सामान की बात करें तो, उसकी भी बिक्री करोड़ों में रहेगी. यही नहीं प्रयागराज में लगे मेला क्षेत्र में भी बनारस के कई हैंडीक्राफ्ट सामान के स्टॉल लग रहे हैं, जो यहां के कारोबार को और भी ज्यादा लाभ पहुंचाएंगे.
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