लखनऊ : आजादी की लड़ाई में चौरी-चौरा घटना का बड़ा योगदान है. बावजूद इतिहास के पन्नों में इसका चंद लाइनों में ही जिक्र किया गया है. योगी सरकार ने इस घटना के शताब्दी वर्ष पर शहीदों को सम्मान देने की तैयारी की है. सरकार इस घटना को पाठ्यक्रम में शामिल करने जा रही है. पाठ्यक्रम में चौरी-चौरा के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी. सरकार इस अवसर पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित करने जा रही है. इसके लिए बड़े स्तर पर तैयारी की गई है. गोरखपुर में होने वाले कार्यक्रम से पीएम मोदी भी जुड़ेंगे. इस दौरान परिजनों को सम्मानित भी किया जाएगा.
माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थी अब चौरी-चौरा जनाक्रोश के शहीदों की वीर गाथाएं किताबों में पढ़ सकेंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर माध्यमिक शिक्षा विभाग चौरी-चौरा की घटना को यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रम में शामिल करने जा रहा है. मुख्यमंत्री ने चौरी-चौरा जन आक्रोश को शताब्दी समारोह के रूप में मनाने के निर्देश दिए हैं. इसी क्रम में पहले चरण में गोरखपुर मंडल के 400 से अधिक राजकीय माध्यमिक विद्यालय के छात्रों को चौरी-चौरा स्थल का भ्रमण भी कराया जाएगा. इससे विद्यार्थी वहां के शहीदों की गाथाओं को जान सकेंगे.
गोरखपुर के चौरी-चौरा में 4 फरवरी 1922 को आजादी के वीर जवानों ने अंग्रेजी हुकूमत से भिड़ंत के बाद पुलिस चौकी में आग लगा दी थी. इसमें 22 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी. इस घटना को चौरी-चौरा जनाक्रोश के रूप में जाना जाता है. शहीदों के इसी शौर्य की कहानी को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा. इससे प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले लाखों विद्यार्थी चौरी-चौरा जनक्रांति में शहीद अपने वीरों के इतिहास को जान सकेंगे.
छात्रों के बीच होंगी प्रतियोगिताएं
चौरी-चौरा शताब्दी समारोह के दौरान प्रदेश के सभी माध्यमिक विद्यालयों में 4 फरवरी 2021 से आगामी 1 साल तक छात्र-छात्राओं के बीच निबंध, चित्रकला, पोस्टर क्विज, स्लोगन, कविता, लेखन और भाषण प्रतियोगिताएं भी कराई जाएंगी. इसके लिए पहले विद्यालय स्तर से शुरुआत होगी. यह क्रम राज्य स्तर तक जारी रहेगा. 3 फरवरी 2022 को गोरखपुर में मंडल स्तरीय प्रतियोगिता कराई जाएगी.