लखनऊ : एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने धरना-प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ व पुलिस पर हमला करने आदि के एक मामले में रीता बहुगुणा जोशी व राज बब्बर समेत नौ अभियुक्तों के खिलाफ आरोप तय कर दिया है.
साथ ही निर्मल खत्री व मधुसुदन मिस्त्री समेत छह अभियुक्तों की अनुपस्थिति के चलते इनकी पत्रावली अलग करने का आदेश दिया गया है. वहीं, इस मामले के तीन अन्य अभियुक्तों शारिक अली, पप्पु खान व राज कुमार लोधी के खिलाफ फरारी की उद्घोषणा जारी करने का आदेश दिया है.
शुक्रवार को विशेष अदालत के समक्ष रीता बहुगुणा जोशी, राज बब्बर, प्रहलाद प्रसाद द्विवेदी, बोधलाल शुक्ल, राजेश पति त्रिपाठी, ओंकार नाथ सिंह, मनोज तिवारी, रमेश मिश्रा व शैलेंद्र तिवारी उपस्थित हुए. अदालत ने इनके खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के साथ ही क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट की धारा-7 के तहत भी आरोप तय किए.
कोर्ट ने 20 अगस्त को अभियोजन को अपना साक्ष्य पेश करने का आदेश दिया है. वहीं, निर्मल खत्री, मधुसुदन मिस्त्री, अजय राय, प्रदीप कुमार माथुर, केके शर्मा व प्रदीप जैन आदित्य की ओर से हाजिरी माफी की अर्जी दी गई थी. विशेष अदालत ने इस शर्त के साथ अर्जी को मंजूर किया कि अगली तारीख पर यह सभी अभियुक्त व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होंगे.
उल्लेखनीय विशेष अदालत में इस मुकदमे को जनहित में वापस लेने के लिए राज्य सरकार की ओर से एक अर्जी दी गई थी. 20 फरवरी, 2021 को अदालत ने राज्य सरकार की इस अर्जी को खारिज कर दिया था.
क्या है मामला
17 अगस्त, 2015 को इस मामले की एफआईआर एसआई प्यारेलाल प्रजापति ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी. घटना के दिन कांग्रेस पार्टी का लक्ष्मण मेला स्थल पर धरना-प्रदर्शन था. आरोप है कि करीब पांच हजार कार्यकर्ताओं के साथ अचानक अभियुक्तगण धरना स्थल से विधानसभा का घेराव करने निकल पड़े. संकल्प वाटिका के पास इन पर पथराव किया जाने लगा. इस हमले में एडीएम पूर्वी निधि श्रीवास्तव, एसपी पूर्वी राजीव मल्होत्रा, सीओ ट्रैफिक अवनीश मिश्रा, एसएचओ आलमबाग विकास पांडेय व एसओ हुसैनगंज शिवशंकर सिंह समेत पुलिस के कई अधिकारी व पीएसी के कई जवान गंभीर रूप से घायल हो गए.