लखनऊ : 15 मार्च तक भारतीय जनता पार्टी के उत्तर प्रदेश संगठन में बड़े बदलाव हो सकते हैं. मार्च से लेकर मई तक होने वाले बदलावों में जिले स्तर तक पदाधिकारी बदले हुए नजर आएंगे. सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने इसको लेकर विशेष फार्मूला तैयार किया है. लंबे समय तक एक पद पर रहे व्यक्ति हटाए जाएंगे.
सूत्रों के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में संगठन में बदलाव किए जाएंगे. जिसको लेकर अब तब की स्थिति बनी हुई है. कभी भी सूची जारी की जा सकती है. जिसको लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के मन में धुकधुकी बनी हुई है. भाजपा में यह बदलाव बहुत महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं. भाजपा के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने 'तीन फार्मूले' बनाए हैं. लंबे समय तक एक पद पर रहे व्यक्ति हटाए जाएंगे. जिनकी रिपोर्ट काम ना करने की है उनको हटाया जाएगा. लंबे समय से जो लोग किनारे लगे हुए हैं, उन्हें मुख्य भूमिका में लाया जाएगा.
सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश महामंत्री जेपीएस राठौर, सुब्रत पाठक, प्रियंका रावत की जगह तीन नए नाम शामिल किए जा सकते हैं. पाठक को कन्नौज और प्रियंका रावत को बाराबंकी से लोकसभा चुनाव लड़ाने की चर्चा है. लिहाजा दोनों को क्षेत्र में काम करने के लिए संगठन के दायित्व से मुक्त रखा जा सकता है. प्रदेश उपाध्यक्ष ब्रज बहादुर, संतोष सिंह और प्रकाश पाल की प्रदेश महामंत्री पर पदोन्नति हो सकती है. कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह, विधायक श्रीकांत शर्मा, पूर्व मंत्री सुरेश राणा भी प्रदेश महामंत्री पद की दौड़ में हैं. प्रदेश उपाध्यक्ष अरविंद शर्मा, दयाशंकर सिंह के प्रदेश सरकार में मंत्री बनने और लक्ष्मण आचार्य के सिक्किम का राज्यपाल बनने से उपाध्यक्ष के तीन पद खाली होंगे. प्रदेश मंत्री त्र्यंबक त्रिपाठी, डॉ. चंद्रमोहन को भी पदोन्नत कर प्रदेश उपाध्यक्ष या प्रदेश महामंत्री बनाया जा सकता है.
सूत्रों के मुताबिक, युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष प्रांशुदत्त द्विवेदी, एससी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र कनौजिया और किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर सिंह को भी मूल संगठन में उपाध्यक्ष या प्रदेश मंत्री की जिम्मेदारी मिल सकती है. क्षेत्रीय टीमों के महामंत्री व उपाध्यक्ष भी प्रदेश टीम में शामिल किए जा सकते हैं.
पिछड़े वर्ग से बन सकते हैं तीन क्षेत्रीय अध्यक्ष : सूत्रों का कहना है कि कानपुर-बुंदेलखंड, काशी, गोरखपुर, पश्चिम और ब्रज में क्षेत्रीय अध्यक्ष बदले जा सकते हैं, वहीं अवध में क्षेत्रीय अध्यक्ष की खाली सीट पर भी नई तैनाती होगी. तीन से चार क्षेत्रीय अध्यक्ष पिछड़ी जाति से होंगे, जबकि एक क्षेत्र में ब्राह्मण और एक क्षेत्र में ठाकुर कार्यकर्ता को क्षेत्रीय अध्यक्ष पद की कमान सौंपने की योजना है.