लखनऊ: प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू किया है. पुलिस कमिश्नर सिस्टम के तहत उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ पुलिस की ताकत कई मायनों में बढ़ जाएगी. पुलिस विभाग के पास मजिस्ट्रियल पावर ट्रांसफर हो जाएगा, जिससे पुलिस विभाग को मजिस्ट्रेट के पास धारा 144 और लाठीचार्ज जैसे कामों के लिए अनुमति लेने नहीं जाना पड़ेगा. ये शक्तियां मिलने के साथ-साथ पुलिस विभाग की जिम्मेदारी भी बढ़ेगी. मजिस्ट्रियल सिस्टम के दौरान पुलिस को कई चुनौतियों का सामना भी करना पड़ेगा.
जिला प्रशासन के अधिकारी जिले में खुलने वाले होटल, बार, रेस्टोरेंट्स लाइसेंस निर्गत करते थे. कमिश्नरी सिस्टम लागू होने के बाद पुलिस विभाग यह काम करेगा. होटल, बार और रेस्टोरेंट्स को लाइसेंस देना पुलिस विभाग के लिए शुरुआती दिनों में चुनौती भरा रहेगा. सामान्य तौर पर देखा जाता है कि कई बार पुलिस पीड़ितों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करती. जांच में पक्षपात पूर्ण रवैया, अपराधियों के साथ मिलकर एक तरफा कार्रवाई के आरोप पुलिस पर लगते हैं. ऐसे में जब एक साथ इतनी ताकत पुलिस विभाग को मिल जाएंगी तो फिर पुलिस की मनमानी की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता.
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कमिश्नरी सिस्टम के बाद पुलिस विभाग की बढ़ जाएंगी ताकतें
- लॉ एंड ऑर्डर मैनेज करने के लिए जिला प्रशासन के SDM व ADM को दी गई एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रियल पावर पुलिस को मिल जाएगी.
- पुलिस खुद गुंडा एक्ट, गैंगस्टर एक्ट, रासुका लगाने में सक्षम होगी. इन मामलों में कार्रवाई करने के लिए पुलिस को जिलाधिकारी से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी.
- सीआरपीसी की धारा 107-16, धारा 144, धारा 109, धारा 110, धारा 145 के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी भी पुलिस के पास आ जाएगी.
- अभी तक होटल, बार और हथियार के लाइसेंस जिला प्रशासन की ओर से जारी किए जाते हैं, लेकिन कमिश्नरी सिस्टम लागू हो जाने के बाद इन सबके लाइसेंस पुलिस विभाग की ओर से जारी होंगे.
- जिला प्रशासन द्वारा धरना व प्रदर्शन की अनुमति दी जाती है, लेकिन अब इसकी अनुमति पुलिस विभाग की ओर से जारी की जाएगी.
- दंगों के दौरान लाठीचार्ज का निर्णय लेने का अधिकार भी पुलिस विभाग का होगा। पुलिस विभाग को लाठीचार्ज के लिए पुलिस विभाग से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी।
- जमीन विवाद के निपटारे के लिए भी पुलिस, लेखपाल को निर्देश दे सकेगी, जिससे जमीन संबंधित विवादों को समय से निपटाया जा सकेगा.