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कृषि आधारित उद्योगों के लिए 9 जिलों में CFC की स्थापना - मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह

प्रेदश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह प्रदेश के किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कृषि संबंधित उद्योगों की स्थापना पर विशेष बल दिया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के 9 जिलों में सामान्य सुविधा केंद्र (CFC) की स्थापना कराई जाएगी.

मंत्री सिद्धार्थ सिंह.
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Published : Feb 4, 2021, 10:01 PM IST

लखनऊः एमएसएमई (MSME) मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि प्रदेश में किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित उद्योगों की स्थापना पर विशेष बल दिया गया है. कृषि आधारित उत्पादों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एक जिला-एक उत्पाद (ODOP) योजना के तहत प्रदेश के 9 जिलों में सामान्य सुविधा केंद्र (सीएफसी) की स्थापना कराई जा रही है. यह सभी सामान्य सुविधा केन्द्र स्थानीय उद्यमियों एवं किसानों के समूहों से संचालित किए जाएंगे.

सीएफसी की स्थापना पर 90 करोड़ होंगे खर्च

मंत्री ने बताया सीएफसी की स्थापना पर लगभग 90 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. इसका 90 फीसदी हिस्सा प्रदेश सरकार की तरफ से वहन किया जाएगा. लगभग छह हजार किसान इन सीएफसी से सीधे जुड़ेंगे. इसके अतिरिक्त स्फूर्ति योजना के तहत चार जिलों में 15 करोड़ की लागत से क्लस्टर की स्थापना कराई जाएगी. इससे लगभग 2500 किसानों को सीधा लाभ होगा.

इन जिलों में बनेंगे सीएफसी

मुजफ्फरनगर, सिद्धार्थनगर, औरैया, कौशांबी, आयोध्या, गोंडा, बलरामपुर, कुशीनगर, गोरखपुर, मैनपुरी, लखनऊ जिले शामिल हैं.

गुड़ के उद्योग को मिलेगा बढ़ावा

उन्होंने बताया कि सीएफसी एवं क्लस्टर अन्य जिलों में भी स्थापित कराए जाने की तैयारी की जा रही है. वर्तमान में 35 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट पाइपलाइन में हैं. ओडीओपी के मुजफ्फरनगर में गुड़ आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए दो सीएफसी की स्थापना कराई जा रही है. जिले में पांच करोड़ 10 लाख रुपये की लागत से 2.5 टीडी (गुड़ के लिएु ठोस/पाउडर) प्लांट लगाया जाएगा. साथ ही जैविक किसान ऑर्गेनिक फार्मर प्रोड्यूसर से भी सीएफसी की स्थापना की जाएगी.

कालानमक, चावल की ब्रांडिंग की योजना

इसी प्रकार सिद्धार्थनगर में कालानमक, चावल के लिए छह करोड़ 96 लाख रुपये की लागत से सीएफसी की स्थापना कराई जा रही है. इसके माध्यम से चावल उत्पाद किसानों को कालानमक, चावल की प्रोसेसिंग, वैक्यूम पैकिंग, तापमान नियंत्रण वेअरहाउस की सुविधा उपलब्ध होगी. सिंह ने बताया कि इसके अतिरिक्त औरैया में देशी घी के लिए एक करोड़ 50 लाख रुपये, कौशांबी में ऑवला आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए तीन करोड़ 76 लाख रुपये तथा अयोध्या में गुड़ के लिए लगभग 25 करोड़ रुपये की लागत से दो सीएफसी की स्थापना होगी. साथ ही गोंडा में नौ करोड़ 35 लाख रुपये की लागत से फूड प्रोसेसिंग प्लांट लगाया जाएगा. उन्होंने बताया कि बलरामपुर में 12 करोड़ रुपये की लागत से फूड प्रोसेसिंग तथा कुशीनगर में 9 करोड़ 83 लाख रुपये से केले के रेशे से बनने वाले उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए सीएफसी स्थापित किया जा रहा है.

खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड भी कर रहा प्रोत्साहित

खादी मंत्री ने बताया कि उप्र खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड ने संचालित स्फूर्ति योजना के माध्यम से भी किसानों को प्रोत्साहित करने की योजना बनाई है. गोरखपुर में 497 लाख रुपये से फूड क्लस्टर, मैनपुरी में 249.49 लाख रुपये की लागत से पोटेटो क्लस्टर, लखनऊ में 498.50 लाख रुपये की लागत से मस्टर्ड आयल एण्ड टरमेरिक क्लस्टर तथा मथुरा में 274.11 लाख रुपये की लागत से मस्टर्ड आयल क्लस्टर का विकास किया जाएगा. सीएफसी की स्थापना से किसानों के कृषि उत्पादों के विपणन, पैकेजिंग तथा तकनीक को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी.

लखनऊः एमएसएमई (MSME) मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि प्रदेश में किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित उद्योगों की स्थापना पर विशेष बल दिया गया है. कृषि आधारित उत्पादों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एक जिला-एक उत्पाद (ODOP) योजना के तहत प्रदेश के 9 जिलों में सामान्य सुविधा केंद्र (सीएफसी) की स्थापना कराई जा रही है. यह सभी सामान्य सुविधा केन्द्र स्थानीय उद्यमियों एवं किसानों के समूहों से संचालित किए जाएंगे.

सीएफसी की स्थापना पर 90 करोड़ होंगे खर्च

मंत्री ने बताया सीएफसी की स्थापना पर लगभग 90 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. इसका 90 फीसदी हिस्सा प्रदेश सरकार की तरफ से वहन किया जाएगा. लगभग छह हजार किसान इन सीएफसी से सीधे जुड़ेंगे. इसके अतिरिक्त स्फूर्ति योजना के तहत चार जिलों में 15 करोड़ की लागत से क्लस्टर की स्थापना कराई जाएगी. इससे लगभग 2500 किसानों को सीधा लाभ होगा.

इन जिलों में बनेंगे सीएफसी

मुजफ्फरनगर, सिद्धार्थनगर, औरैया, कौशांबी, आयोध्या, गोंडा, बलरामपुर, कुशीनगर, गोरखपुर, मैनपुरी, लखनऊ जिले शामिल हैं.

गुड़ के उद्योग को मिलेगा बढ़ावा

उन्होंने बताया कि सीएफसी एवं क्लस्टर अन्य जिलों में भी स्थापित कराए जाने की तैयारी की जा रही है. वर्तमान में 35 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट पाइपलाइन में हैं. ओडीओपी के मुजफ्फरनगर में गुड़ आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए दो सीएफसी की स्थापना कराई जा रही है. जिले में पांच करोड़ 10 लाख रुपये की लागत से 2.5 टीडी (गुड़ के लिएु ठोस/पाउडर) प्लांट लगाया जाएगा. साथ ही जैविक किसान ऑर्गेनिक फार्मर प्रोड्यूसर से भी सीएफसी की स्थापना की जाएगी.

कालानमक, चावल की ब्रांडिंग की योजना

इसी प्रकार सिद्धार्थनगर में कालानमक, चावल के लिए छह करोड़ 96 लाख रुपये की लागत से सीएफसी की स्थापना कराई जा रही है. इसके माध्यम से चावल उत्पाद किसानों को कालानमक, चावल की प्रोसेसिंग, वैक्यूम पैकिंग, तापमान नियंत्रण वेअरहाउस की सुविधा उपलब्ध होगी. सिंह ने बताया कि इसके अतिरिक्त औरैया में देशी घी के लिए एक करोड़ 50 लाख रुपये, कौशांबी में ऑवला आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए तीन करोड़ 76 लाख रुपये तथा अयोध्या में गुड़ के लिए लगभग 25 करोड़ रुपये की लागत से दो सीएफसी की स्थापना होगी. साथ ही गोंडा में नौ करोड़ 35 लाख रुपये की लागत से फूड प्रोसेसिंग प्लांट लगाया जाएगा. उन्होंने बताया कि बलरामपुर में 12 करोड़ रुपये की लागत से फूड प्रोसेसिंग तथा कुशीनगर में 9 करोड़ 83 लाख रुपये से केले के रेशे से बनने वाले उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए सीएफसी स्थापित किया जा रहा है.

खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड भी कर रहा प्रोत्साहित

खादी मंत्री ने बताया कि उप्र खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड ने संचालित स्फूर्ति योजना के माध्यम से भी किसानों को प्रोत्साहित करने की योजना बनाई है. गोरखपुर में 497 लाख रुपये से फूड क्लस्टर, मैनपुरी में 249.49 लाख रुपये की लागत से पोटेटो क्लस्टर, लखनऊ में 498.50 लाख रुपये की लागत से मस्टर्ड आयल एण्ड टरमेरिक क्लस्टर तथा मथुरा में 274.11 लाख रुपये की लागत से मस्टर्ड आयल क्लस्टर का विकास किया जाएगा. सीएफसी की स्थापना से किसानों के कृषि उत्पादों के विपणन, पैकेजिंग तथा तकनीक को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी.

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