नई दिल्ली/अयोध्या : अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय का निर्णय आने से पहले सुरक्षा तैयारियों के तहत केंद्र ने अर्द्धसैनिक बलों के करीब 4,000 जवानों को उत्तर प्रदेश भेजा है. साथ ही रेलवे पुलिस ने अपने कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं और 78 बड़े स्टेशनों तथा ट्रेनों में चौकसी बढ़ा दी है.
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक आम परामर्श जारी किया गया है, जिसमें उन्हें सभी संवेदनशील इलाकों में पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात करने को कहा गया है. दिल्ली में गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय ने खासतौर पर अयोध्या में कानून व्यवस्था कायम रखने में उप्र सरकार की मदद के लिये अर्द्धसैनिक बलों की 40 कंपनियां राज्य में भेजी हैं. एक कंपनी में करीब 100 कर्मी होते हैं.
कल आएगा फैसला
दरअसल, राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई के 17 नवंबर को सेवानिवृत्त होने से पहले शीर्ष न्यायालय अपना फैसला सुनाएगा. न्यायमूर्ति गोगोई उस पांच सदस्यीय संविधान पीठ की अध्यक्षता कर रहे हैं, जिसने कई हफ्तों तक मामले की सुनवाई की.
योगी ने दिए सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगामी पर्वों और रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के मद्देनजर प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों को कानून-व्यवस्था दुरुस्त रखने के निर्देश दिए हैं. इसमें कहा गया है कि नेता लोगों से भड़काऊ टिप्पणी नहीं करने या अफवाह नहीं फैलाने की एक बार फिर से अपील करें.
सूचना उपनिदेशक (फैजाबाद) मुरली धर सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन ने एलईडी वैन ऑपरेटरों को अयोध्या में श्रद्धालुओं के लिए लगातार रामायण और महाभारत टेलीविजन धारावाहिक प्रसारित करने के निर्देश दिए हैं.
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आरपीएफ ने 78 प्रमुख स्टेशनों पर सुरक्षा बढ़ायी
रेलवे पुलिस ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के मद्देनजर सुरक्षा तैयारियों पर अपने सभी मंडलों के लिए निर्देश वाला सात पृष्ठों का परामर्श जारी किया. दिल्ली, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के स्टेशनों समेत करीब 78 बड़े स्टेशनों की पहचान की गयी है.
सीसीटीवी कैमरों से नजर
अन्य स्टेशनों पर भी आरपीएफ कर्मियों की संख्या बढ़ गयी है. सभी मंडलों को बैग की जांच करने वाले उपकरणों, सीसीटीवी कैमरों की मरम्मत कराने और लॉबियों तथा प्रतीक्षा क्षेत्रों जैसे भीड़भाड़ वाले हिस्सों पर लगातार नजर रखने के लिए भी कहा गया है.
जवानों की छुट्टियां रद्द
सूत्रों ने बताया कि रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के परामर्श में जानकारी दी गई है कि उसके सभी कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई है. उन्हें ट्रेनों की सुरक्षा में तैनात रहने के निर्देश दिए गए हैं. परामर्श में प्लेटफॉर्म्स, रेलवे स्टेशनों, यार्ड, पार्किंग स्थल, पुलों और सुरंगों के साथ-साथ उत्पादन इकाइयों और कार्यशालाओं में सुरक्षा जैसे मुद्दों को शामिल किया गया है. रेलवे मंडलों से यह भी कहा गया है कि वह सुनिश्चित करें कि मालगाड़ियों के सभी खाली पड़े डिब्बे बंद हों क्योंकि असमाजिक तत्व छिपने के स्थान के तौर पर उनका इस्तेमाल कर सकते हैं.
हिंदू-मुस्लिम समुदाय की बैठक
इस बीच, सदभावना उपायों के तहत पुलिस ने हिंदू और मुस्लिम समुदायों के लोगों के बीच बैठकें कराई. साथ ही, दोनों समुदायों के लोगों से शांति कायम रखने की अपील की गई.
अयोध्या में बड़ी संख्या में श्रद्धालु
वहीं, अयोध्या में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर अगले सप्ताह बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के उमड़ने की संभावना है और स्थानीय प्रशासन शांति सुनिश्चित करने के लिये कमर कस रहा है. लाखों श्रद्धालुओं के 12 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा स्नान के अवसर पर अयोध्या आने की संभावना है.
पत्थर तराशने का काम रोका
उधर, विश्व हिंदू परिषद ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिये पत्थर तराशने का काम 1990 से पहली बार रोका है. विहिप प्रवक्ता शरद शर्मा ने बताया कि सभी कारीगर अपने-अपने घर लौट गये हैं. उन्होंने कहा कि पत्थर तराशने का काम रोकने का फैसला विहिप के शीर्ष नेतृत्व द्वारा लिया गया.
राजधानी दिल्ली में भी सुरक्षा बढ़ेगी
अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय का फैसला आने से पहले दिल्ली पुलिस ने अतिरिक्त बलों की तैनाती के लिये अपने शीर्ष अधिकारियों से शहर के संवेदनशील इलाकों की पहचान करने को कहा है. सभी जिलों के पुलिस उपायुक्तों और थाना प्रभारियों को संवदेनशील इलाकों में पुलिस की उपस्थिति और गश्त बढ़ाने का निर्देश दिया गया है. पुलिस द्वारा जारी एक परामर्श के मुताबिक पर्याप्त संख्या में बलों को तैनात किया जा रहा है और विभाग को गृह मंत्रालय से अतिरिक्त केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की सहायता भी मिलेगी.
इन जगहों पर लागू धारा 144
- भोपाल, मध्य प्रदेश