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..तो केंद्र सरकार वापस ले सकती है कृषि कानून, भाजपा कार्यसमिति सदस्य व पूर्व विधायक ने किया दावा

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Published : Aug 9, 2021, 9:08 PM IST

बलिया से पूर्व विधायक व भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य राम इकबाल सिंह ने कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलनों का समर्थन किया है. साथ ही उम्मीद जताई कि विधानसभा चुनाव 2022 को देखते हुए केंद्र सरकार लाए गए कृषि कानूनों को वापस करने का बड़ा फैसला कर सकती है.

भाजपा कार्यसमिति सदस्य व पूर्व विधायक ने किया दावा
भाजपा कार्यसमिति सदस्य व पूर्व विधायक ने किया दावा

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य व बलिया से पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह ने किसान कानूनों को लेकर बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव 2022 को देखते हुए केंद्र सरकार कृषि कानूनों को वापस ले सकती है.

कहा कि कुछ कानूनों को वापस लेकर केंद्र की सरकार जनता खासकर किसानों को खुश कर सकती है. पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह ने किसान कानूनों के विरोध में चल रहे किसानों के आंदोलन का समर्थन भी किया है. कृषि कानूनों को वापस न करने को लेकर जहां केंद्र सरकार अड़ी हुई है, वहीं इसे वापस लेने के बीजेपी के पूर्व विधायक के बयान को लेकर पार्टी में हड़कंप मचा हुआ है.

बलिया से पूर्व विधायक व भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य राम इकबाल सिंह ने कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलनों का समर्थन किया है. साथ ही उम्मीद जताई कि विधानसभा चुनाव 2022 को देखते हुए केंद्र सरकार लाए गए कृषि कानूनों को वापस करने का बड़ा फैसला कर सकती है.

यह भी पढ़ें : ओमप्रकाश राजभर ने कहा, 'हम साथ, अखिलेश छोटे दलों को जोड़ें, एक-एक सीट को तरसेगी भाजपा'

कहा कि किसानों की मांग सही लग रही हैं. किसानों में लगातार उपजी नाराजगी और 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव को देखते हुए सरकार इन कानूनों को वापस ले सकती है.

कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे तमाम जगहों पर प्रदर्शन के चलते भारतीय जनता पार्टी के नेता व अन्य जनप्रतिनिधि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गांवों में भी नहीं जा पा रहे हैं. आने वाले समय में भारतीय जनता पार्टी के जनप्रतिनिधियों का किसान घेराव भी कर सकते हैं. ऐसी परिस्थितियों को देखते हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी को होने वाले नुकसान से बचाने को लेकर बीजेपी यह बड़ा फैसला कर सकती है.

इसके अलावा पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह ने केंद्र सरकार पर लग रहे जासूसी के आरोपों को लेकर भी बयान दिया. कहा कि जासूसी कांड को लेकर संसद में चल रहे गतिरोध समाप्त होना चाहिए.

कहा कि विपक्ष की मांग पर विचार होना चाहिए. यदि विपक्ष चाहता है कि जासूसी कांड की उच्च स्तरीय जांच हो तो सरकार को इसकी जांच करानी चाहिए. यह सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है कि संसद का सत्र व्यवस्थित तरीके से चलता रहे. विपक्ष की कहीं कोई मांग है तो उस पर ध्यान देना चाहिए.

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य व बलिया से पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह ने किसान कानूनों को लेकर बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव 2022 को देखते हुए केंद्र सरकार कृषि कानूनों को वापस ले सकती है.

कहा कि कुछ कानूनों को वापस लेकर केंद्र की सरकार जनता खासकर किसानों को खुश कर सकती है. पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह ने किसान कानूनों के विरोध में चल रहे किसानों के आंदोलन का समर्थन भी किया है. कृषि कानूनों को वापस न करने को लेकर जहां केंद्र सरकार अड़ी हुई है, वहीं इसे वापस लेने के बीजेपी के पूर्व विधायक के बयान को लेकर पार्टी में हड़कंप मचा हुआ है.

बलिया से पूर्व विधायक व भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य राम इकबाल सिंह ने कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलनों का समर्थन किया है. साथ ही उम्मीद जताई कि विधानसभा चुनाव 2022 को देखते हुए केंद्र सरकार लाए गए कृषि कानूनों को वापस करने का बड़ा फैसला कर सकती है.

यह भी पढ़ें : ओमप्रकाश राजभर ने कहा, 'हम साथ, अखिलेश छोटे दलों को जोड़ें, एक-एक सीट को तरसेगी भाजपा'

कहा कि किसानों की मांग सही लग रही हैं. किसानों में लगातार उपजी नाराजगी और 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव को देखते हुए सरकार इन कानूनों को वापस ले सकती है.

कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे तमाम जगहों पर प्रदर्शन के चलते भारतीय जनता पार्टी के नेता व अन्य जनप्रतिनिधि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गांवों में भी नहीं जा पा रहे हैं. आने वाले समय में भारतीय जनता पार्टी के जनप्रतिनिधियों का किसान घेराव भी कर सकते हैं. ऐसी परिस्थितियों को देखते हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी को होने वाले नुकसान से बचाने को लेकर बीजेपी यह बड़ा फैसला कर सकती है.

इसके अलावा पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह ने केंद्र सरकार पर लग रहे जासूसी के आरोपों को लेकर भी बयान दिया. कहा कि जासूसी कांड को लेकर संसद में चल रहे गतिरोध समाप्त होना चाहिए.

कहा कि विपक्ष की मांग पर विचार होना चाहिए. यदि विपक्ष चाहता है कि जासूसी कांड की उच्च स्तरीय जांच हो तो सरकार को इसकी जांच करानी चाहिए. यह सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है कि संसद का सत्र व्यवस्थित तरीके से चलता रहे. विपक्ष की कहीं कोई मांग है तो उस पर ध्यान देना चाहिए.

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