लखनऊ: यूपी में सीबीआई 4500 करोड़ रुपये के बाइक बोट स्कैम की जांच करेगी. यूपी सरकार ने केंद्र के डीओपीटी से सीबीआई जांच की सिफारिश की है. सूबे में बाइक बोट स्कैम से संबंधित 118 मामले दर्ज है. जिसमें 107 मामलों की जांच इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) कर रही है. वहीं, 11 मामलों में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की हैं. अब सभी केस की जांच सीबीआई के हवाले की जाएगी. बता दें कि 2018-19 में बाइक बोट स्कीम में निवेश का लालच देकर ढाई लाख लोगों से ठगी हुई थी. इसमें अब तक 27 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. जबकि, 3 आरोपी अब तक फरार हैं.
जानकारी के अनुसार, बाइक बोट स्कैम को लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलावा दिल्ली, जम्मू कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश और तेलंगाना में एफआईआर दर्ज हुई थीं. 22 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट में इस घोटाले से जुड़ी कई याचिकाएं दाखिल की गई, जिस पर कोर्ट ने कहा था कि विभिन्न राज्यों में बाइक बोट से संबंधित सभी एफआईआर को थाना दादरी, नोएडा में दर्ज एफआईआर संख्या 206/2019 को प्रिंसिल एफआईआर मानते हुए शेष एफआईआर को भी समाहित कर एक कंपोजिट चार्जशीट मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, गौतमबुद्ध नगर में दाखिल की जाए.
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बाइक बोट घोटाले में उत्तर प्रदेश में कुल 118 मुकदमे दर्ज कराए गए थे. जिसमें सबसे अधिक 96 एफआईआर नोएडा में दर्ज हैं. इसके अलावा बुलंदशहर में 6, गाजियाबाद में 5, मेरठ व अलीगढ़ में 2-2 और हापुड़, बिजनौर, बागपत, आगरा, मुजफ्फरनगर व लखनऊ में 1-1 एफआईआर दर्ज हैं. शासन के आदेश पर दादरी थाने में दर्ज 11 एफआईआर की जांच 22 अक्टूबर 2021 को सीबीआई को सौंपी गई थी. जबकि अन्य 107 मुकदमों की जांच ईओडब्ल्यू की मेरठ शाखा कर रही है.
ये था मामला. साल 2010 में संजय भाटी ने गर्वित इनोवेटिव प्राइवेट लिमिटेड नाम से फर्जी कंपनी की शुरुआत की और 2018 में एक बाइक बोट स्कीम लॉन्च की. स्कीम के तहत बाइक टैक्सी शुरू की गई. इसके तहत एक व्यक्ति से एक मुश्त 62,200 रुपये का निवेश कराया गया. उसके एवज में एक साल तक 9765 रुपये देने का वादा किया गया था. लेकिन निवेशक को एक भी पैसा नही दिया गया. कंपनी ने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, जम्मू कश्मीर व हरियाणा समेत कई राज्यों में 2.25 लाख निवेशकों से 4500 करोड़ की ठगी कर फरार हो गई.
इसके बाद लोगों ने मुकदमे दर्ज कराने शुरू किए. इस मामलें में जब यूपी एसटीएफ और इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EoW) ने जांच शुरू की, तो गिरफ्तारियों का सिलसिला शुरू हुआ. कंपनी के डायरेक्टर संजय भाटी और बीएन तिवारी समेत अब तक 27 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. वहीं 3 आरोपी दीप्ति बहल, भूदेव व बिजेंद्र सिंह हुड्डा फरार हैं. इन पर शासन ने पांच-पांच लाख रुपये इनाम घोषित कर रखा है.
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