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प्रोफेसर विनय पाठक के खिलाफ सीबीआई ने दर्ज की FIR, जल्द ही शुरू करेगी जांच - FIR lodged against Professor Vinay Pathak

कानपुर यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. विनय पाठक के खिलाफ सीबीआई ने रंगदारी, कमीशनखोरी व अवैध वसूली का मुकदमा दर्ज कर लिया है. प्रदेश सरकार की सिफारिश पर सीबीआई जांच हो रही है. इससे मामले में पहले यूपी एसटीएफ ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया था.

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Published : Jan 9, 2023, 10:42 PM IST

लखनऊ : कमीशनखोरी व भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी कानपुर यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. विनय पाठक (VC of Kanpur University Prof. Vinay Pathak) के खिलाफ सीबीआई ने रंगदारी, कमीशनखोरी व अवैध वसूली का मुकदमा दर्ज किया है. मुकदमा दर्ज करने के बाद सीबीआई अब आगे की जांच पड़ताल करेगी. विनय पाठक के खिलाफ प्रदेश सरकार की सिफारिश पर सीबीआई जांच हो रही है. इससे पहले यूपी एसटीएफ ने इस मामले की जांच करते हुए 3 लोगों को गिरफ्तार किया था.

बता दें, लखनऊ के इंदिरानगर थाने में 26 अक्टूबर को डिजिटेक्स टेक्नोलॉजीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Digitex Technologies India Private Limited) के एमडी डेविड एम. डेनिस ने FIR दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि उनकी कंपनी वर्ष 2014 से एग्रीमेंट के तहत आगरा विश्वविद्यालय में प्री और पोस्ट एग्जाम का काम करती रही है. विश्वविद्यालय के एग्जाम पेपर छापना, कॉपी को एग्जाम सेंटर से यूनिवर्सिटी तक पहुंचाने का पूरा काम इसी कंपनी के द्वारा किया जाता रहा है.

वर्ष 2019 में एग्रीमेंट खत्म हुआ तो डिजिटेक्स टेक्नोलॉजीज ने यूपीएलसी के जरिए आगरा विश्वविद्यालय का काम किया. इस बीच वर्ष 2020 से 2022 तक कंपनी के द्वारा किए गए काम का करोड़ों रुपये बिल बकाया हो गया था. इसी दौरान जनवरी 2022 में आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के कुलपति का चार्ज प्रो. विनय पाठक को मिला तो उन्होंने बिल पास करने के एवज में कमीशन की मांग की. इस मामले में एसटीएफ ने अभी तक तीन आरोपियों अजय मिश्रा, अजय जैन और संतोष सिंह को गिरफ्तार किया है.

यह भी पढ़ें : देवरिया जेल में प्रापर्टी डीलर को मारने-पीटने के मामले में हमजा अंसारी की जमानत अर्जी खारिज

लखनऊ : कमीशनखोरी व भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी कानपुर यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. विनय पाठक (VC of Kanpur University Prof. Vinay Pathak) के खिलाफ सीबीआई ने रंगदारी, कमीशनखोरी व अवैध वसूली का मुकदमा दर्ज किया है. मुकदमा दर्ज करने के बाद सीबीआई अब आगे की जांच पड़ताल करेगी. विनय पाठक के खिलाफ प्रदेश सरकार की सिफारिश पर सीबीआई जांच हो रही है. इससे पहले यूपी एसटीएफ ने इस मामले की जांच करते हुए 3 लोगों को गिरफ्तार किया था.

बता दें, लखनऊ के इंदिरानगर थाने में 26 अक्टूबर को डिजिटेक्स टेक्नोलॉजीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Digitex Technologies India Private Limited) के एमडी डेविड एम. डेनिस ने FIR दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि उनकी कंपनी वर्ष 2014 से एग्रीमेंट के तहत आगरा विश्वविद्यालय में प्री और पोस्ट एग्जाम का काम करती रही है. विश्वविद्यालय के एग्जाम पेपर छापना, कॉपी को एग्जाम सेंटर से यूनिवर्सिटी तक पहुंचाने का पूरा काम इसी कंपनी के द्वारा किया जाता रहा है.

वर्ष 2019 में एग्रीमेंट खत्म हुआ तो डिजिटेक्स टेक्नोलॉजीज ने यूपीएलसी के जरिए आगरा विश्वविद्यालय का काम किया. इस बीच वर्ष 2020 से 2022 तक कंपनी के द्वारा किए गए काम का करोड़ों रुपये बिल बकाया हो गया था. इसी दौरान जनवरी 2022 में आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के कुलपति का चार्ज प्रो. विनय पाठक को मिला तो उन्होंने बिल पास करने के एवज में कमीशन की मांग की. इस मामले में एसटीएफ ने अभी तक तीन आरोपियों अजय मिश्रा, अजय जैन और संतोष सिंह को गिरफ्तार किया है.

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