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विदेशी चंदा लेने वाले चार NGO के खिलाफ सीबीआई ने दर्ज की FIR - सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच

बुधवार को विदेशी चंदा लेने वाले चार NGO के खिलाफ (CBI registers FIR against four NGO) केस दर्ज किया.

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Published : Apr 20, 2023, 6:29 AM IST

लखनऊ: बुधवार को सीबीआई ने भारतीय विकास समूह (इंडिया चैप्टर) और तीन अन्य गैर सरकारी संगठनों के खिलाफ अवैध रूप से विदेशी चंदा लेने के मामले में केस दर्ज किया. सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच (Anti Corruption Branch of CBI Lucknow) ने चार एनजीओ इंडिया डेवलपमेंट ग्रुप इंडिया चैप्टर 1, आईडीजी इंडिया 2, उपयुक्त प्रौद्योगिकी विकास संघ (एटीडीए) और सोमखुर उपयुक्त प्रौद्योगिकी और ग्रामीण विकास संस्थान (एसआईएटी और आरडी) के खिलाफ आईपीसी की धारा-120 बी व 420 के अलावा फॉरेन कॉन्ट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (एफसीआरए) 1976 की धारा 23 के तहत यह मुकदमा दर्ज किया.

11 साल पहले विदेशी चंदा लेने की मिली थी जानकारी: सीबीआई ने 11 वर्ष पहले 29 फरवरी 2012 को केंद्रीय गृह मंत्रालय के तत्कालीन उप सचिव जे के चटोपाध्याय द्वारा की गई शिकायत को आधार बनाते हुए एफआईआर दर्ज की. एजेंसी ने एफआईआर में कहा है कि, गृह मंत्रालय के एफसीआरए डिवीजन की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए इंडिया डेवलपमेंट ग्रुप (इंडिया चैप्टर 1) समेत चारों एनजीओ के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जिन्होंने विदेशी चंदा प्राप्त किया था.

2.8 करोड़ और कथित रूप से चारों एनजीओ, जिसमें उन्होंने इंडिया डेवलपमेंट ग्रुप (इंडिया चैप्टर 1) , आईडीजी इंडिया, उपयुक्त प्रौद्योगिकी विकास संघ (एटीडीए) और सोमखुर उपयुक्त प्रौद्योगिकी और ग्रामीण विकास संस्थान (एसआईएटी और आरडी) जो लखनऊ के गांधी भवन में स्थित हैं. उन्हें बिना भारत सरकार की अनुमति के विदेशी चंदा दिया गया. एफआईआर के मुताबिक, 1994-95 से 2002-03 तक एनजीओ ने ऐसा अपराध किया है, जो एफसीआरए नियमों के उल्लंघन के अंतर्गत आता है.

दरअसल, 29 फरवरी 2012 को केंद्रीय गृह मंत्रालय के उप सचिव जेके चटोपाध्याय ने सीबीआई को शिकायत भेजते हुए एफसीआरए की शर्तों का उल्लंघन कर विदेशों से चंदा हासिल किए जाने की जानकारी दी गई थी. इसके बाद सीबीआई ने जांच में इन चारों एनजीओ की भूमिका संदिग्ध पाई थी. सीबीआई ने इसके लिए यूपी के गृह विभाग को सूचित किया था. 4 मई 2022 राज्य के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव गृह ने एजेंसी को एफआईआर दर्ज करने को लेकर सहमति दी थी. सीबीआई एसीबी लखनऊ के इंस्पेक्टर हेमंत कुमार राय को इस मुकदमे की विवेचना सौंपी गई है. (Lucknow news in Hindi)
ये भी पढ़ें- अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर साधा निशाना, उन्नाव की घटना पर उठाए सवाल

लखनऊ: बुधवार को सीबीआई ने भारतीय विकास समूह (इंडिया चैप्टर) और तीन अन्य गैर सरकारी संगठनों के खिलाफ अवैध रूप से विदेशी चंदा लेने के मामले में केस दर्ज किया. सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच (Anti Corruption Branch of CBI Lucknow) ने चार एनजीओ इंडिया डेवलपमेंट ग्रुप इंडिया चैप्टर 1, आईडीजी इंडिया 2, उपयुक्त प्रौद्योगिकी विकास संघ (एटीडीए) और सोमखुर उपयुक्त प्रौद्योगिकी और ग्रामीण विकास संस्थान (एसआईएटी और आरडी) के खिलाफ आईपीसी की धारा-120 बी व 420 के अलावा फॉरेन कॉन्ट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (एफसीआरए) 1976 की धारा 23 के तहत यह मुकदमा दर्ज किया.

11 साल पहले विदेशी चंदा लेने की मिली थी जानकारी: सीबीआई ने 11 वर्ष पहले 29 फरवरी 2012 को केंद्रीय गृह मंत्रालय के तत्कालीन उप सचिव जे के चटोपाध्याय द्वारा की गई शिकायत को आधार बनाते हुए एफआईआर दर्ज की. एजेंसी ने एफआईआर में कहा है कि, गृह मंत्रालय के एफसीआरए डिवीजन की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए इंडिया डेवलपमेंट ग्रुप (इंडिया चैप्टर 1) समेत चारों एनजीओ के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जिन्होंने विदेशी चंदा प्राप्त किया था.

2.8 करोड़ और कथित रूप से चारों एनजीओ, जिसमें उन्होंने इंडिया डेवलपमेंट ग्रुप (इंडिया चैप्टर 1) , आईडीजी इंडिया, उपयुक्त प्रौद्योगिकी विकास संघ (एटीडीए) और सोमखुर उपयुक्त प्रौद्योगिकी और ग्रामीण विकास संस्थान (एसआईएटी और आरडी) जो लखनऊ के गांधी भवन में स्थित हैं. उन्हें बिना भारत सरकार की अनुमति के विदेशी चंदा दिया गया. एफआईआर के मुताबिक, 1994-95 से 2002-03 तक एनजीओ ने ऐसा अपराध किया है, जो एफसीआरए नियमों के उल्लंघन के अंतर्गत आता है.

दरअसल, 29 फरवरी 2012 को केंद्रीय गृह मंत्रालय के उप सचिव जेके चटोपाध्याय ने सीबीआई को शिकायत भेजते हुए एफसीआरए की शर्तों का उल्लंघन कर विदेशों से चंदा हासिल किए जाने की जानकारी दी गई थी. इसके बाद सीबीआई ने जांच में इन चारों एनजीओ की भूमिका संदिग्ध पाई थी. सीबीआई ने इसके लिए यूपी के गृह विभाग को सूचित किया था. 4 मई 2022 राज्य के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव गृह ने एजेंसी को एफआईआर दर्ज करने को लेकर सहमति दी थी. सीबीआई एसीबी लखनऊ के इंस्पेक्टर हेमंत कुमार राय को इस मुकदमे की विवेचना सौंपी गई है. (Lucknow news in Hindi)
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