लखनऊ: शुक्रवार केंद्रीय जांच ब्यूरो की टीम ने मेडिकल कॉलेज भ्रष्टाचार के मामले में 6 लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की. इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज और पूर्व जज समेत नामजद 6 लोगों के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की. सीबीआई ने ठिकानों पर घंटों तलाशी के बाद संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए गए हैं, जिन्हें वह अपने साथ जांच के लिए ले गई है.
- मामला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बंथरा इलाके स्थित प्रसाद इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज छात्रों के दाखिले से जुड़ा है.
- मेडिकल कॉलेज मानकों के विपरीत संचालित किया जा रहा था, जिसके खिलाफ एक याचिका दाखिल की गई थी.
- याचिका पर सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालय ने अलग-अलग आदेश दिए. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया.
- वहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट के जजमेंट में न्यायमूर्ति एसएन शुक्ला ने 25 अगस्त 2017 को ट्रस्ट के पक्ष में अपना फैसला सुनाया.
- ट्रस्ट के पक्ष में इस फैसले के बाद भ्रष्टाचार की परतें खुलती चली गईं.
इलाहाबाद कोर्ट के जज एसएन शुक्ला, पूर्व जज आई एम कुद्दुसी, दिल्ली की भावना पांडेय, लखनऊ निवासी भगवान प्रसाद यादव, पलाश यादव, मेरठ निवासी सुधीर गिरी और प्रसाद एजुकेशन ट्रस्ट व अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज कराया गया था. इस मामले के बाद उच्चतम न्यायालय के तत्कालीन पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सीबीआई को जज एसएन शुक्ला के खिलाफ रेगुलर केस दर्ज करने के आदेश दिए थे.