लखनऊ. फर्रुखाबाद के फतेहगढ़ में 12 सौ करोड़ की खाद सब्सिडी घोटाला मामलें में सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. सीबीआई ने इस घोटाले में 20 लोगों को आरोपी बनाया है.
सीबीआई को कोर्ट के सामने 21 मार्च को जांच की प्रगति रिपोर्ट पेश करना है. सीबीआई ने EOW के तत्कालीन सब इंस्पेक्टर सत्येंद्र कुमार मिश्र को वादी बनाते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम-1988 के तहत 20 लोगों को नामजद किया है.
दरअसल, खाद सब्सिडी घोटाला साल 1989 से 2000 के बीच का है. आरोप है कि मेसर्स उज्ज्वल ट्रेडिंग कंपनी और मेसर्स मदन माधव फर्टिलाइजर एंड केमिकल्स कंपनी फर्रुखाबाद ने करीब 1200 करोड़ की खाद सप्लाई किए बिना ही सरकार से 48.18 करोड़ रुपये की सब्सिडी हड़प ली थी. साल 2000 में घोटाला सामने आया तो कृषि विभाग ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन ब्रांच ने इसकी जांच की थी. बाद में 2004 जांच EOW को दे दी गई.
घोटाले का खुलासा करने वाले शिकायतकर्ता ने EOW की जांच पर सवाल उठाते हुए हाईकोर्ट में याचिका दी. कहा कि एजेंसी ने इस घोटाले से जुड़े मुख्य लोगों का नाम हटा दिए हैं और सिर्फ 5 लोगों को ही आरोपी बनाया गया है. इसके बाद कोर्ट ने इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से करवाने के लिए सरकार को आदेश दिया था.
सीबीआई ने जिन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, उनमें फतेहगढ़ निवासी प्रदीप कुमार अग्रवाल, मदन माधव फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल प्राइवेट लिमिटेड, सुभाष चंद्र गुप्ता, ललितपुर निवासी सर्वेश कुमार जैन, ललितपुर की शांति सागर इंटरप्राइजेस, शरद खेड़ा, विंध्याचल मिनरल्स ऐंड माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड ललितपुर, झांसी निवासी अविनाश कुमार मोदी, उज्ज्वला ट्रेडिंग कंपनी झांसी शामिल हैं.
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साथ ही रायबरेली निवासी चंद्रभान वर्मा, ललितपुर की एसीएल मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक, फर्रुखाबाद के तत्कालीन जिला कृषि अधिकारी जीसी कटियार, तत्कालीन कृषि निदेशक रतन कुमार सिंह चौहान, तत्कालीन कृषि निदेशक इक्ष्वाकु सिंह, तत्कालीन संयुक्त कृषि निदेशक (वितरण) वीरपाल सिंह, तत्कालीन अतिरिक्त कृषि निदेशक (सामान्य) रंग बहादुर सिंह, गंगाराम, तत्कालीन संयुक्त कृषि निदेशक (वितरण) आदित्य नारायण सिन्हा, कृषि निदेशालय का तत्कालीन अकाउंट ऑफिसर (वितरण) अभय कुमार शामिल हैं.
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