लखनऊ. राजधानी की पुलिस से 3 महीनों तक आंख मिचौली का खेल खेलने वाले बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी का बड़ा बेटा अब्बास अंसारी आखिरकार गिरफ्तार हो ही गया है. ईडी ने उसे मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में नौ घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया. आर्म्स एक्ट से लेकर मनी लेंडिंग तक क्या है अब्बास अंसारी का अपराध जगत से नाता आइए जानते हैं.
आर्म्स एक्ट में दर्ज हुआ पहला मुकदमा : मुख्तार अंसारी का बड़ा बेटा व सुभासपा से विधायक अब्बास अंसारी के खिलाफ सबसे पहला मुकदमा लखनऊ के महानगर थाने में दर्ज हुआ था. साल 2019 में महानगर के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार सिंह ने केस दर्ज कराया था. आरोप था कि अब्बास ने असलहे का लाइसेंस लिया था, जिसका दुरुपयोग करते हुए एक ही लाइसेंस पर कई हथियार खरीद डाले. वहीं साल 2012 में हासिल इस लाइसेंस को बिना एनओसी के ही दिल्ली ट्रांसफर करा लिया था.
मिला था हथियारों का जखीरा : आर्म्स एक्ट में दर्ज हुए मुकदमे के बाद यूपी एसटीएफ ने अब्बास के ठिकानों पर छापेमारी की तो उन्हें इटली से मंगाई गई प्वाइंट 12 बोर की डबल बैरल और सिंगल बैरल बरेटा गन, ऑस्ट्रिया की ग्लॉक-25 पिस्टल की बैरल, लखनऊ की इंडियन आर्म्स कॉर्प से खरीदी गई प्वाइंट 30 बोर की मैगनम रायफल, दिल्ली के राजधानी ट्रेडर्स से खरीदी प्वाइंट 12 बोर की डबल बैरल बरेटा गन और मेरठ के शक्ति शस्त्रागार से यूएसए की प्वाइंट 357 बोर की रगर जीपी 100 रिवाल्वर मिली थी. इसके अलावा स्लोवेनिया से लाई गई राइफल के साथ सात बोर के स्पेयर बैरल भी मिले थे. ऑस्ट्रिया की प्वाइंट 380 ऑटो बोर की ग्लॉक-25 पिस्टल की एक स्लाइड बैरल, ऑस्ट्रिया की ही प्वाइंट 40 बोर की ग्लॉक-23 जेन-4 की एक स्लाइड बैरल, प्वाइंट 22 बोर की एक अन्य विदेशी पिस्टल का स्लाइड बैरल, ऑस्ट्रिया की प्वाइंट 380 बोर की एक मैगजीन, ऑस्ट्रिया की प्वाइंट 40 बोर की एक मैगजीन भी मिली थी. यही नहीं 4431 कारतूस बरामद हुए थे, जो शूटिंग प्रैक्टिस में प्रयोग नहीं होते हैं. ये कारतूस होलो प्वाइंट और मेटेल जैकेट्स थे, जिन्हें अपराधी प्रयोग करते हैं.
अब्बास अंसारी के खिलाफ दूसरा मुकदमा अगस्त 2020 को लखनऊ के हजरतगंज थाने में जालसाजी व लोक सम्पत्ति निवारण अधिनियम समेत गंभीर धाराओं में दर्ज हुआ था. अब्बास ने लखनऊ के डालीबाग स्थित करोड़ों रुपये की कीमत की शत्रु संपत्ति पर कब्जा कर अवैध निर्माण कराया था. योगी सरकार ने अब्बास के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर बिल्डिंग पर बुलडोजर चलवा दिया था.
यह बयान देकर चर्चा में आया अब्बास : विधानसभा चुनाव के दौरान तीन मार्च को गाजीपुर के पहाड़पुरा में आयोजित सभा में अब्बास अंसारी ने अखिलेश यादव का नाम लेकर कहा था कि 'भैया से बात हो गई है. सपा की सरकार बनने पर यहां के अधिकारियों का छह महीने तक ट्रांसफर नहीं होगा. पहले सभी का हिसाब-किताब होगा.' इस बयान के बाद उनके खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज किया गया.
कोर्ट ने किया था भगौड़ा घोषित : लखनऊ पुलिस ने महानगर थाने में दर्ज आर्म्स एक्ट के मामले में अब्बास अंसारी का गैर जमानती वारंट लेकर लखनऊ से लेकर मऊ, गाजीपुर व पंजाब के चक्कर लगा रही थी, लेकिन अब्बास फरार था, जिसके बाद पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर अब्बास अंसारी की सम्पत्तियों की कुर्की शुरू कर दी. इसी बीच अब्बास अंसारी को कोर्ट ने भगौड़ा घोषित कर दिया था.
एमपी एमएलए कोर्ट से भगौड़ा घोषित होने के बाद अब्बास अब्सारी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. कोर्ट ने अब्बास को राहत देते हुई उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी. राहत मिलते ही अब्बास सबसे पहले दिवंगत मुलायम सिंह यादव की श्रद्धांजलि सभा में पहुंचा और फिर मऊ कोर्ट में फरार चल रहे अब्बास ने अदालत में हाजिर होकर जमानत ले ली. उसके बाद अब्बास अंसारी कोर्ट से बाहर निकलते हुए मूछों पर ताव देते दिखा था.
अब्बास अंसारी पर दर्ज मुकदमे
1. मुकदमा अपराध संख्या 431/19
419,420,467,468, 471, 30 आर्म्स एक्ट, लखनऊ महानगर
2. मुकदमा अपराध संख्या 236/20
120 बी, 420, 467,468,471, लोकसंपति निवारण अधिनियम हजरतगंज, लखनऊ
3. मुकदमा अपराध संख्या 689/20
120 बी, 420, 323, 356, 467, 468, 471, 474, 417 आईपीसी गाजीपुर
4. मुकदमा अपराध संख्या 27/22
171 जी, 188 आईपीसी, 133 लोकप्रतिनिधि अधिनियम दक्षिणटोला, मऊ
5. मुकदमा अपराध संख्या 95/22
188, 171 च आईपीसी शहर कोतवाली मऊ
6. मुकदमा अपराध संख्या 97/ 22
506, 171 एफ, 153 एवन, 186, 189, 120 बी आईपीसी शहर कोतवाली मऊ
7. 106/ 22
171 एच, 188, 341, आईपीसी, शहर कोतवाली मऊ
8: 171एच, महानगर, लखनऊ