लखनऊ: आरटीओ कार्यालय में प्रतिदिन जुर्माने के भय से वाहनों का रि-रजिस्ट्रेशन कराने वालों की तादाद बढ़ गई है. साथ ही पुराने वाहनों के ट्रांसफर किए जाने की संख्या में भी इजाफा हुआ है. अधिकारी बताते हैं कि नए नियमों के लागू होने के बाद हर महीने रि-रजिस्ट्रेशन कराने वालों की संख्या पहले की तुलना में चार गुना बढ़ गई है. जिन वाहन स्वामियों के पुराने वाहन पुन: पंजीयन में शामिल नहीं हो सकें हैं, उन्हें अब 2 हजार रुपये तक जुर्माना भरना पड़ेगा. यह शुल्क लगातार बढ़ रहा है. इसके चलते जिन लोगों ने अब तक अपने पुराने वाहन का पुन: पंजीयन नहीं कराया है. उन पर हर रोज जुर्माना बढ़ता जाएगा.
अगर आपके वाहन के पंजीयन की अवधि खत्म हो चुकी है तो अपने वाहन के पुन: पंजीयन में बिल्कुल भी लेटलतीफी न करें. देरी करने पर 50 रुपये प्रतिदिन की दर से लेट फीस भरनी होगी. एक अप्रैल 2022 से यह व्यवस्था लागू हो चुकी है. इसके साथ ही 2 पहिया वाहन और 4 पहिया वाहन के पुन: पंजीयन की फीस में भी 8 गुना इजाफा किया गया है. विभागीय अधिकारियों के अनुसार फीस तो तय है, लेकिन प्रतिदिन जुर्माने की राशि से लोग परेशान हो रहे हैं.
पुन: पंजीयन के लिए आने वाले आवेदन
मार्च- 9 हजार से ज्यादा
अप्रैल- 36,087 से ज्यादा
ट्रांसफर के लिए आने वाले आवेदन
मार्च- 2,400 से ज्यादा
अप्रैल- 16 हजार से ज्यादा
वाहन की कीमत के बराबर चुकानी पड़ रही फीस
प्रतिदिन जुर्माने की दर बढ़ने से जहां पुन: पंजीयन वाले आवेदनों की संख्या बढ़ी है. वहीं अब पुराने वाहन ट्रांसफर भी तेजी से हो रहे हैं. पुराना वाहन लोग अपने पास नहीं रखना चाह रहे हैं. खास बात यह है कि जिनका वाहन काफी पुराना हो गया है और वे पुनः पंजीयन के लिए आरटीओ पहुंच रहे हैं. उन्हें अपने वाहन का रि-रजिस्ट्रेशन कराने में ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ रहा है. कुछ दिन पहले एक दो पहिया वाहन मालिक (स्कूटर) पुन: पंजीयन के लिए आरटीओ कार्यालय पहुंचे. उन्होंने एआरटीओ को बताया कि बाजार में स्कूटर को बेचने पर 4 हजार रुपए मिल रहे हैं जबकि इसका पुन: पंजीयन कराने में 2 हजार रुपये से अधिक लेट फीस और पुन: पंजीयन शुल्क 500 रुपए जमा करना पड़ा. तकरीबन 2500 रुपए जमा करने पड़ रहे हैं.
यह है नियम
- पेट्रोल वाहनों को 15 और डीजल वाहनों को 10 साल बाद पुन: पंजीयन कराना होता है.
- मोटर साइकिल और कार मालिकों को पुन: पंजीयन के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होता है.
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