लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शन में शामिल 29 उपद्रियों को अपना पक्ष रखने के लिए प्रशासन ने दो दिन की मोहलत दी है. इसके बाद प्रशासन इनसे रिकवरी की कार्रवाई शुरू करेगा.
रिकवरी से पहले उपद्रवियों को मिली दो दिन की मोहलत
प्रशासन ने 19 दिसंबर को हुए हिंसक प्रदर्शन में शामिल 29 उपद्रवियों को अपना पक्ष रखने के लिए 2 दिन का समय दिया है. इसके बाद सबूतों का आकलन कर एडीएम ट्रांस गोमती की कोर्ट रिकवरी के मामले में फैसला सुनाएगी. प्रशासन इससे पहले अपने दो फैसलों में उपद्रवियों से रिकवरी का फैसला सुना चुकी है.
इसी को लेकर जब ईटीवी भारत ने अपर जिला मजिस्ट्रेट विश्व भूषण मिश्र से बात की तो उन्होंने बताया कि ठाकुरगंज और कैसरबाग इलाके में जमकर हिंसा और आगजनी हुई थी. इसमें सरकारी संपत्तियों को आग के हवाले कर दिया गया था. कैसरबाग में 15 और ठाकुरगंज में 14 लोगों की पहचान कर रिकवरी के लिए नोटिस जारी किए गए थे. उनके सभी साक्ष्य जमा करा दिए गए हैं. इस पर उपद्रवियों के वकीलों का कहना है कि हम बहस करना चाहते हैं, इसके लिए समय चाहिए. इस वजह से उनको 2 दिन का समय दिया गया है.
27 फरवरी के बाद रिकवरी की कार्रवाई की जाएगी. हालांकि इससे पहले करीब एक करोड़ के नुकसान की रिकवरी के लिए प्रशासन नोटिस जारी कर चुका है. हसनगंज में 21 लाख और परिवर्तन चौक के आस-पास 79 लाख के नुकसान की रकम वसूली जाएगी.
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में लखनऊ के 4 थानों हजरतगंज, कैसरबाग, ठाकुरगंज और हसनगंज में भारी हिंसा और आगजनी हुई थी, जिसके बाद जिला प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की थी.
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