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बांग्लादेश और म्यांमार की महिलाओं, बच्चों की तस्करी का मामला, गिरोह के प्रमुख सदस्य की जमानत अर्जी खारिज - key gang member rejected

एटीएस की विशेष अदालत ने बांग्लादेश और म्यांमार के महिलाओं व बच्चों की मानव तस्करी के मामले में निरुद्ध अभियुक्त बप्पन उर्फ अरशद मियां की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. अदालत ने प्रथम दृष्टया अभियुक्त के अपराध को गंभीर करार दिया है.

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एटीएस की विशेष अदालत
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Published : Apr 18, 2022, 10:21 PM IST

लखनऊ: एटीएस की विशेष अदालत ने बांग्लादेश और म्यांमार के महिलाओं व बच्चों की मानव तस्करी के मामले में निरुद्ध अभियुक्त बप्पन उर्फ अरशद मियां की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. बप्पन उर्फ अरशद मियां मानव तस्करी के गिरोह का प्रमुख सदस्य था. अदालत ने प्रथम दृष्टया अभियुक्त के अपराध को गंभीर करार दिया है.

एटीएस की ओर से अभियुक्त की जमानत अर्जी का विरोध किया गया. कहा गया कि अभियुक्त एक अंतराष्ट्रीय गिरोह का सदस्य है जो धन लेकर बांग्लादेशी और म्यांमार के नागरिकों विशेषतः महिलाओं व बच्चों को अवैध रुप से भारत में प्रवेश कराता है. फिर उनकी पहचान बदलकर उन्हें भारत के विभिन्न हिस्सों में भारतीय नागरिक के रुप में स्थापित करता था.

इसे भी पढ़ेंः पाकिस्तानी हैंडलर्स को धन उपलब्ध कराने का मामला, वांटेड अभियुक्त मानवेंद्र सिंह उर्फ मनीष यादव के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट

इसके लिए उनका फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, मतदात पहचान पत्र और पासपोर्ट जैसे मूल्यवान दस्तावेज बनवाए जाते हैं. 28 फरवरी, 2022 को अभियुक्त को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था. इसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी था. 27 जुलाई, 2021 को एटीएस ने इस मामले की एफआईआर दर्ज कर जांच शुरु की थी.

अरशद मियां त्रिपुरा के सेपाहिजला जनपद का रहने वाला है. इस पर लखनऊ के एटीएस थाने में भारती दंड संहिता की धारा 420, 467, 468, 471, 370, 120-बी और विदेशी अधिनियम की धारा 14 के तहत मुकदमा दर्ज है. इसके गिरोह का सरगना मोहम्मद नूर उर्फ नुरूल इस्लाम को बताया जाता है.

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लखनऊ: एटीएस की विशेष अदालत ने बांग्लादेश और म्यांमार के महिलाओं व बच्चों की मानव तस्करी के मामले में निरुद्ध अभियुक्त बप्पन उर्फ अरशद मियां की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. बप्पन उर्फ अरशद मियां मानव तस्करी के गिरोह का प्रमुख सदस्य था. अदालत ने प्रथम दृष्टया अभियुक्त के अपराध को गंभीर करार दिया है.

एटीएस की ओर से अभियुक्त की जमानत अर्जी का विरोध किया गया. कहा गया कि अभियुक्त एक अंतराष्ट्रीय गिरोह का सदस्य है जो धन लेकर बांग्लादेशी और म्यांमार के नागरिकों विशेषतः महिलाओं व बच्चों को अवैध रुप से भारत में प्रवेश कराता है. फिर उनकी पहचान बदलकर उन्हें भारत के विभिन्न हिस्सों में भारतीय नागरिक के रुप में स्थापित करता था.

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इसके लिए उनका फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, मतदात पहचान पत्र और पासपोर्ट जैसे मूल्यवान दस्तावेज बनवाए जाते हैं. 28 फरवरी, 2022 को अभियुक्त को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था. इसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी था. 27 जुलाई, 2021 को एटीएस ने इस मामले की एफआईआर दर्ज कर जांच शुरु की थी.

अरशद मियां त्रिपुरा के सेपाहिजला जनपद का रहने वाला है. इस पर लखनऊ के एटीएस थाने में भारती दंड संहिता की धारा 420, 467, 468, 471, 370, 120-बी और विदेशी अधिनियम की धारा 14 के तहत मुकदमा दर्ज है. इसके गिरोह का सरगना मोहम्मद नूर उर्फ नुरूल इस्लाम को बताया जाता है.

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