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क्या लापरवाही से हुई थी ऐश्वर्या की मौत? - लोहिया संस्थान में 21 साल की युवती की मौतॉ

राजधानी लखनऊ के राम मनोहर लोहिया संस्थान में हुई 21 साल की युवती की मौत के मामले की जांच की जाएगी. सूबे के चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने यह आदेश दिया है.

lohia institute lucknow
लोहिया संस्थान लखनऊ.
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Published : Nov 21, 2020, 4:36 AM IST

लखनऊ : चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने लोहिया संस्थान में 21 साल की युवती की मौत के मामले की जांच के आदेश दिए हैं. युवती के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मंत्री से शिकायत की थी.

आदिलनगर निवासी ऐश्वर्या सिंह (21) को 6 अक्तूबर को सांस लेने में तकलीफ हुई थी. परिजन उसे लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में लेकर पहुंचे थे. डॉक्टरों ने मरीज को वॉर्ड-दो के बेड नम्बर 23 पर भर्ती कर लिया था. 10 अक्टूबर को ऐश्वर्या को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने बिना समुचित इलाज किए ही उसे हॉस्पिटल से जबरन डिस्चार्ज कर दिया.

ऐश्वर्या के पिता जे.बी. सिंह का कहना है कि 11 अक्टूबर को फिर से ऐश्वर्या की तबीयत बिगड़ गई. उसे दोबारा लंबी जद्दोजहद के बाद लोहिया संस्थान में भर्ती कराया गया. दूसरी बार जांच के बाद डॉक्टरों ने मरीज के फेफड़े में पानी जमा होने की बात कही. 25 अक्टूबर की रात ऐश्वर्या को उलझन होने लगी. डॉक्टर के निर्देश पर नर्स ने दवाएं दी थी, मगर ऐश्वर्या का ब्लड प्रेशर गड़बड़ हो गया. आरोप हैं कि हालत गंभीर होने के बावजूद उसे मुकम्मल इलाज नहीं मिला. इस कारण 26 अक्टूबर को ऐश्वर्या की मौत हो गई.

अपर मुख्य सचिव ने तलब की फाइलें
बेटी की मौत के बाद जे.बी. सिंह ने इंसाफ के लिए शासन-प्रशासन को कई पत्र लिखे और अफसरों से मुलाकात कर लापरवाही की दास्तां सुनाई. परिजनों की शिकायत के बाद चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने 7 नवम्बर को इस मामले की जांच के आदेश दिए. 18 नवम्बर को अपर मुख्य सचिव डॉ. रजनीश दुबे ने ऐश्वर्या के इलाज से जुड़ी फाइलें तलब की हैं.

लखनऊ : चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने लोहिया संस्थान में 21 साल की युवती की मौत के मामले की जांच के आदेश दिए हैं. युवती के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मंत्री से शिकायत की थी.

आदिलनगर निवासी ऐश्वर्या सिंह (21) को 6 अक्तूबर को सांस लेने में तकलीफ हुई थी. परिजन उसे लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में लेकर पहुंचे थे. डॉक्टरों ने मरीज को वॉर्ड-दो के बेड नम्बर 23 पर भर्ती कर लिया था. 10 अक्टूबर को ऐश्वर्या को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने बिना समुचित इलाज किए ही उसे हॉस्पिटल से जबरन डिस्चार्ज कर दिया.

ऐश्वर्या के पिता जे.बी. सिंह का कहना है कि 11 अक्टूबर को फिर से ऐश्वर्या की तबीयत बिगड़ गई. उसे दोबारा लंबी जद्दोजहद के बाद लोहिया संस्थान में भर्ती कराया गया. दूसरी बार जांच के बाद डॉक्टरों ने मरीज के फेफड़े में पानी जमा होने की बात कही. 25 अक्टूबर की रात ऐश्वर्या को उलझन होने लगी. डॉक्टर के निर्देश पर नर्स ने दवाएं दी थी, मगर ऐश्वर्या का ब्लड प्रेशर गड़बड़ हो गया. आरोप हैं कि हालत गंभीर होने के बावजूद उसे मुकम्मल इलाज नहीं मिला. इस कारण 26 अक्टूबर को ऐश्वर्या की मौत हो गई.

अपर मुख्य सचिव ने तलब की फाइलें
बेटी की मौत के बाद जे.बी. सिंह ने इंसाफ के लिए शासन-प्रशासन को कई पत्र लिखे और अफसरों से मुलाकात कर लापरवाही की दास्तां सुनाई. परिजनों की शिकायत के बाद चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने 7 नवम्बर को इस मामले की जांच के आदेश दिए. 18 नवम्बर को अपर मुख्य सचिव डॉ. रजनीश दुबे ने ऐश्वर्या के इलाज से जुड़ी फाइलें तलब की हैं.

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