लखनऊ: राजधानी में स्थित ऐतिहासिक मंदिर कालीबाड़ी एक बार फिर चर्चा में है. बीते दिनों यहां के महंत पर सेवादार ने यौन शोषण का आरोप लगाया था. अब मंदिर की जमीनों व पौराणिक दस्तावेज और पांडुलिपि चोरी होने का मामला सामने आया है. आरोप है कि ट्रस्ट के पूर्व पदाधिकारियों ने मंदिर में जमकर बंदरबांट की है.
लखनऊ के चौक इलाके में स्थित 2 हजार साल पुराने कालीबाड़ी मंदिर में मौजूद ताम्रपत्र, सैकड़ों साल पुरानी पांडुलिपि और दस्तावेज चोरी हो गए हैं. मठ के अध्यक्ष विवेकानंद गिरी ने चौक थाने में FIR दर्ज कराई है. मंदिर के पूर्व में अध्यक्ष रहे रमेश गिरी समेत 10 लोगों पर चोरी का आरोप लगा है.
मंदिर के सेवादार रमेश रस्तोगी के मुताबिक, कालीबाड़ी मंदिर बौद्ध गया मठ के तत्वावधान में संचालित होता है. बीते साल मठ ने रमेश गिरी को मंदिर का अध्यक्ष व ओम भारती को सचिव नियुक्त किया था, लेकिन रमेश गिरी ने बौद्ध गया मठ की 25 करोड़ की जमीन बेच डाली और ओम भारती पर एक सेवादार के साथ यौन शोषण का आरोप लगा तो मठ ने दोनों को पद से हटा दिया गया.
सेवादार के मुताबिक, रमेश गिरी को हटा कर विवेकानंद गिरी को नया अध्यक्ष चुना गया. विवेकानंद गिरी ने जब मंदिर में सामग्रियों का जायजा लिया तो हड़कंप मच गया. सैकड़ों साल पुराने मंदिर से ऐतिहासिक ताम्रपत्र, दस्तावेज, ग्रंथ गायब मिले. यही नहीं मंदिर में दान में आए रुपये, चांदी के आभूषण भी गायब मिले. इसके बाद मंदिर अध्यक्ष ने चौक में मुकदमा दर्ज कराया है.
पहले भी विवादों में आये थे ट्रस्ट के लोग
मंदिर के सैकड़ों साल पुराने ग्रंथों व आभूषणों की चोरी करने का आरोप ओम भारती पर लगा है वो फिलहाल जेल में बंद है. ओम भारती पर युवक ने आरोप लगाया था कि मंदिर के तत्कलीन महंत ओम भारती अक्सर उसे अपने कमरे में बुलाते और हाथ-पैर दबवाते थे. मना करने पर महंत उससे दुकान खाली करने की धमकी देते थे. इसके बाद 8 अप्रैल 2022 को महंत ने रात की आरती के बाद उसे अपने कमरे में ही रोक लिया और उसके साथ अश्लील हरकत करने लगे. इस दौरान महंत ने कथित रूप से उसके साथ अप्राकृतिक संबंध बनाने का प्रयास भी किया था.
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