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धोखाधड़ी और गबन के मामले में KGMU प्रोफेसर पर मुकदमा दर्ज

साल 2015 में KGMU में परीक्षा के नाम पर 300 लैपटॉप खरीदे गए थे. लैपटॉप खरीदारी के मामले में जांच के दौरान कई अनियमितताएं पाई गई. इसके बाद पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के तत्कालीन प्रोफेसर आशीष वाखलू के खिलाफ प्रबंधन ने धोखाधड़ी और गबन के मामले में तहरीर दी है.

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Published : Feb 20, 2021, 2:41 PM IST

किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय
किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय

लखनऊः साल 2015 में किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय में परीक्षा के नाम पर 300 लैपटॉप खरीदे गए थे. लैपटॉप खरीदारी के मामले में कई अनियमितताएं सामने आने के बाद प्रबंधन द्वारा इसकी जांच बैठाई गई थी. जांच पूरी होने के बाद पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के तत्कालीन प्रोफेसर आशीष वाखलू को दोषी पाया गया है. प्रबंधन ने उनके खिलाफ धोखाधडी और गबन के मामले में तहरीर दी है. पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है.

1 करोड़ 60 लाख से ज्यादा के खरीदे गए थे लैपटाॅप
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय में पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के प्रोफेसर आशीष वाखलू द्वारा लैपटॉप खरीदारी के मामले में धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. सितंबर 2015 में केजीएमयू की परीक्षा के नाम पर 300 लैपटॉप खरीदे गए थे. IT सेल द्वारा खरीदे गए प्रति लैपटॉप की कीमत 53 हजार 447 बताई गई थी, यह सभी लैपटॉप 1 करोड़ 60 लाख 34 हजार 100 रुपये में खरीदे गए थे. उस समय प्रो. वाखलू आईटी सेल के सचिव पद पर थे.

दोबारा दी गई है तहरीर
चौक कोतवाली इंस्पेक्टर विश्वजीत सिंह ने बताया कि मामले से संबंधित तहरीर जून महीने में भी दी गई थी, परंतु उस वक्त विभाग की जांच के चलते तहरीर को वापस ले लिया गया था. केजीएमयू प्रशासन की जांच के बाद फिर से तहरीर दी गई है. आगे की कार्रवाई की जा रही है.

खरीददारी में पाई गई थी कई गड़बड़ी
इंस्पेक्टर ने बताया कि 300 लैपटाॅप खरीददारी को लेकर यूपी डिस्को एवं अपट्रान पावरट्रॉनिक्स लिमिटेड द्वारा रोटेशन देकर बजट तैयार किया गया था. शिवा से सन 2015 में डॉ. रविकांत को अनुमोदन मिला था. जनवरी 16 में लैपटाॅप की आपूर्ति की गई. इसका भुगतान CPMT 2014 निधि से किया गया था. खरीददारी में कई गड़बडी पाई गई थी.

लखनऊः साल 2015 में किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय में परीक्षा के नाम पर 300 लैपटॉप खरीदे गए थे. लैपटॉप खरीदारी के मामले में कई अनियमितताएं सामने आने के बाद प्रबंधन द्वारा इसकी जांच बैठाई गई थी. जांच पूरी होने के बाद पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के तत्कालीन प्रोफेसर आशीष वाखलू को दोषी पाया गया है. प्रबंधन ने उनके खिलाफ धोखाधडी और गबन के मामले में तहरीर दी है. पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है.

1 करोड़ 60 लाख से ज्यादा के खरीदे गए थे लैपटाॅप
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय में पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के प्रोफेसर आशीष वाखलू द्वारा लैपटॉप खरीदारी के मामले में धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. सितंबर 2015 में केजीएमयू की परीक्षा के नाम पर 300 लैपटॉप खरीदे गए थे. IT सेल द्वारा खरीदे गए प्रति लैपटॉप की कीमत 53 हजार 447 बताई गई थी, यह सभी लैपटॉप 1 करोड़ 60 लाख 34 हजार 100 रुपये में खरीदे गए थे. उस समय प्रो. वाखलू आईटी सेल के सचिव पद पर थे.

दोबारा दी गई है तहरीर
चौक कोतवाली इंस्पेक्टर विश्वजीत सिंह ने बताया कि मामले से संबंधित तहरीर जून महीने में भी दी गई थी, परंतु उस वक्त विभाग की जांच के चलते तहरीर को वापस ले लिया गया था. केजीएमयू प्रशासन की जांच के बाद फिर से तहरीर दी गई है. आगे की कार्रवाई की जा रही है.

खरीददारी में पाई गई थी कई गड़बड़ी
इंस्पेक्टर ने बताया कि 300 लैपटाॅप खरीददारी को लेकर यूपी डिस्को एवं अपट्रान पावरट्रॉनिक्स लिमिटेड द्वारा रोटेशन देकर बजट तैयार किया गया था. शिवा से सन 2015 में डॉ. रविकांत को अनुमोदन मिला था. जनवरी 16 में लैपटाॅप की आपूर्ति की गई. इसका भुगतान CPMT 2014 निधि से किया गया था. खरीददारी में कई गड़बडी पाई गई थी.

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